EVS Pedagogy Questions for CTET Exam 2020

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EVS Pedagogy Questions for CTET Exam 2020

दोस्तों इस पोस्ट में हम पर्यावरण पेडागोजी के अति महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर व्याख्या सहित (EVS Pedagogy Questions for CTET Exam 2020) आपके साथ शेयर कर रहे हैं  यह सभी प्रश्न उत्तर आगामी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं जैसे- CTET, TET , UPTET, HTET, REET, RTET,UPTET,UTET and other state TET exams. हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रश्न- पर्यावरण अध्ययन की प्रकृति निम्नलिखित का समर्थन नहीं करती–

(1) बच्चों को करके सीखने का अवसर मिले

(2) बच्चे कम गलतियाँ करें

(3) बच्चे बहुत से प्रश्न पूछें

(4) बच्चों को खोज करने के लिए पर्याप्त स्थान मिले

Ans: (2)

व्याख्या-  पर्यावरण अध्ययन के लिए बच्चों को स्वतंत्र वातावरण में अधिगम कराया जाना चाहिए उन्हें शिक्षण भ्रमण भी कराया जाना चाहिए ताकि छात्र प्रकृति को प्रत्यक्ष अनुभव करे जिससे बच्चे अपने मन में उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षक से प्रश्न पूछ सवें। पर्यावरण अध्ययन बच्चों को करके सीखने (प्रयोगात्मक एवं व्यावहारिक पर बल देता है। पर्यावरण अध्ययन इस बात का समर्थन नहीं करता कि बच्चे कम गलतियाँ करें, बच्चे अपने गलतियों के द्वारा ही सीखते हैं।

प्रश्न-  एक शिक्षिका ने कक्षा IV के शिक्षार्थियों को पढ़ाने के लिए ‘पौधे’ अन्तर्वस्तु का चयन किया। उसने सीखने के लिए निम्नलिखित अवसर प्रदान किए।

I. समूहों में पत्तियों का संग्रह करना।

II. पत्तियों के आकार, स्वरूप और अन्य विशेषताओं पर चर्चा करना।

III. अपना वनस्पति संग्रहालय बनाना। इस प्रकार की गतिविधियों हेतु शिक्षिका को किस बात के लिए सबसे अधिक प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए।

(1) बच्चों के द्वारा कार्य का विस्तार

(2) जितनी अधिक पत्तियों के बारे में सम्भव हो उतना उनके नाम याद करने में बच्चों की पहल

(3) बच्चों का निरन्तर गतिविधि में लगे रहना

(4) बच्चों की परस्पर क्रिया, अवलोकन और सहयोग

Ans: (2)

व्याख्या-  कक्षा IV के विद्यार्थियों को उनके मानसिक स्तर के आधार पर ही किसी विषय के अन्तर्गत शिक्षा दी जाती है। पौधों के भागों का अध्ययन कराते समय बच्चों को एक सीमित संख्या में अलग-अलग पौधों की पत्तियों को इकट्‌ठा करवाना चाहिए तथा उनका नाम याद कराना चाहिए क्योंकि अधिक संख्या होने के कारण कक्षा IV का विद्यार्थी पत्तियों के नाम याद करने में सक्षम नहीं होगा।

प्रश्न-  शिक्षार्थियों का आकलन करते समय पर्यावरण अध्ययन की शिक्षिका को निम्नलिखित में से क्या नहीं करना चाहिए?

(1) शिक्षार्थियों की सीखने की क्षमताओं को ध्यान में रखकर सूचना दर्ज करना

(2) बच्चों के पूर्व आकलन के साथ तुलना करना

(3) बच्चों के कार्य के केवल कुछ पक्षों पर ध्यान केन्द्रित करना

(4) बच्चों के कार्य से सम्बन्धित गुणात्मक उल्लेख करना

Ans: (3)

व्याख्या- शिक्षार्थियों का आकलन करते समय पर्यावरण अध्ययन के शिक्षक/शिक्षिका के द्वारा बच्चों के केवल कुछ पक्षों पर ही ध्यान नहीं केन्द्रित करना चाहिए बल्कि बच्चों के सभी पक्षों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए तभी बच्चों में विषय से सम्बन्धित ज्ञान की परिपक्वता आएगी तत्पश्चात्‌ उनके ज्ञान का आकलन करना चाहिए।

प्रश्न- प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन में ‘समुदाय’ सीखने सिखाने का एक महत्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि

(1) यह आसानी से उपलब्ध होने वाला संसाधन है

(2) यह एक बहुत सस्ता संसाधन है

(3) इसमें समझदार और बुजुर्ग व्यक्ति होते हैं

(4) यह वास्तविक स्थितियों में सीखने के अवसर उपलब्ध कराता है

Ans: (4)

व्याख्या- प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन में ‘समुदाय’ सीखने-सिखाने का महत्वपूर्ण संसाधन है क्योंकि समुदाय में बच्चा स्वयं को सुरक्षित से अपने से जुड़ाव महसूस करता है तथा साथ ही बच्चे को वास्तविक स्थितियों में सीखने के अवसर प्राप्त होंगे जिससे बच्चे में तेजी से अधिगम क्षमता का विकास होगा।

प्रश्न- कक्षा V की पर्यावरण अध्ययन की पाठ्‌य पुस्तक का एक पाठ ‘उसी से ठण्डा उसी से गर्म’ डा . जाकिर हुसैन द्वारा लिखी गई एक कहानी है। उन्होंने बच्चों के लिए ऐसी कई कहानियाँ लिखी हैं। अपनी मृत्यु के समय वे थे

(1) भारत के उप-राष्ट्रपति

(2) भारत के मुख्य न्यायाधीश

(3) भारत के राष्ट्रपति

(4) भारत के प्रधानमंत्री

Ans: (3)

व्याख्या-  डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल 1967–1969 तक रहा। राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान ही 3 मई 1969 को इनकी मृत्यु हो गई। इन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में ‘उसी से ठण्डा उसी से कर्म’ नामक पुस्तक लिखी।

प्रश्न-  खाद्य संरक्षण के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा ठीक नहीं है?

(1) दूध-पनीर (2) आलू-चिप्स (3) सेब-जैम (4) कच्चा आम–अचार

Ans: (1)

व्याख्या- खाद्य संरक्षण की दृष्टि से दूध-पनीर का जोड़ा गलत है। क्योंकि दूध से बने पनीर को ज्यादा देर तक संरक्षित करके सुरक्षित नहीं रखा जा सकता जबकि आलू से बने चिप्स, कच्चे आम से बना अचार तथा सेब से बने जैम अत्यधिक समय तक संरक्षित करके सुरक्षित रख सकते हैं।।

प्रश्न-  निम्नलिखित में से कौन बीज नहीं है?

(1) काली मिर्च (2) गेहूँ (3) साबूदाना (4) सौंफ

Ans: (3)

व्याख्या-  गेहूँ, काली मिर्च एवं सौंफ बीज होते हैं क्योंकि इनसे पुनःनये पौधे की उत्पत्ति हो सकती है। जबकि साबूदाना बीज नहीं है क्योंकि यह साइकस नामक पौधे के तने से प्राप्त मण्ड से बनाया जाता है।

प्रश्न- रेहाना अपने परिवार के साथ केरल जाती है। वहाँ उसे ऊँचे वृक्ष दिखाई पड़ते हैं जो उसके गृह नगर शिमला के ऊँचे वृक्षों से भिन्न हैं उसने केरल में कौन-से वृक्ष देखे होंगे?

(1) सेब (2) नारियल (3) लीची (4) चीड़

Ans: (2)

व्याख्या- केरल में नारियल के वृक्ष बहुआयत मात्रा में पाए जाते हैं तथा ये अत्यधिक ऊँचे भी होते हैं। जबकि शिमला में पाए जाने वाले वृक्ष कम ऊँचाई के होते हैं, अतःरेहाना ने केरल में नारियल के वृक्ष देखे होंगे।

प्रश्न-  बच्चों के द्वारा सब्जी बाजार में इकट्‌ठी की गई निम्नलिखित सामग्री में से उन्हें पहचानिए जिनके भीतर बीज होते हैं। आलू, टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, करेला, प्याज, खीरा

(1) टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, खीरा

(2) टमाटर, नाशपाती और चीकू

(3) टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, करेला, खीरा

(4) नाशपाती और चीकू

Ans: (3)

व्याख्या- टमाटर, नाशपाती, चीकू, भिण्डी, करेला एवं खीरा बीजयुत्त होते हैं क्योंकि यह फल है जो फूल के रूपान्तरण से बनते हैं जबकि आलू एवं प्याज बीजयुत्त नहीं होते हैं।

प्रश्न- नीता आन्ध्र प्रदेश जाती है और दो साड़ियाँ खरीदती है, जो खासतौर पर वहीं बनाई जाती हैं। वे क्या कहलाती हैं?

(1) पोचमपल्ली और कांजीवरम्‌

(2) पोचमपल्ली और कलमकारी

(3) कलमकारी और चंदेरी

(4) कलमकारी और कंथा

Ans: (2)

व्याख्या- आंध्र प्रदेश में साड़ियों पर जो डिजाइन बनाई जाती है उन्हें पोचमपल्ली एवं कलमकारी कहा जाता है। नीता ने यही दो साड़ियां खरीदी।

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