ExamBaaz https://exambaaz.com News, Govt. Jobs, Exam Notes, TET Guide & More Thu, 20 Feb 2025 09:45:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://exambaaz.com/wp-content/uploads/2020/08/cropped-exambaaz-fevi-150x150.jpg ExamBaaz https://exambaaz.com 32 32 Pedagogy Question for MP TET Varg 2: अप्रैल में आयोजित होगी मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 2,पूछे जाएंगे पेडगॉजी से जुड़े ये सवाल, अभी पढ़ें https://exambaaz.com/pedagogy-question-for-mp-tet-varg-2-exam-practice-these-question-before-appearing-mptet-exam/ https://exambaaz.com/pedagogy-question-for-mp-tet-varg-2-exam-practice-these-question-before-appearing-mptet-exam/#respond Thu, 20 Feb 2025 09:39:18 +0000 https://exambaaz.com/?p=40510 Pedagogy Question for MP TET Varg 2: मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) वर्ग 2 की तैयारी कर रहे ...

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Pedagogy Question for MP TET Varg 2: मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) वर्ग 2 की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB MP) द्वारा माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा अप्रैल में आयोजित की जाने की संभावना है। परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, और एडमिट कार्ड परीक्षा से कुछ दिन पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे, जहां से अभ्यर्थी उन्हें डाउनलोड कर सकेंगे।

इस परीक्षा के माध्यम से माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा, इसलिए परीक्षा में सफल होने के लिए विषयगत ज्ञान के साथ-साथ शिक्षण शास्त्र (Pedagogy) पर भी अच्छी पकड़ होना आवश्यक है।

इस लेख में, हम गणित शिक्षण शास्त्र (Math Pedagogy) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न साझा कर रहे हैं, जो परीक्षा में पूछे जाने की संभावना है। इन प्रश्नों का अभ्यास करके आप अपनी समझ, विश्लेषणात्मक क्षमता और शिक्षण कौशल को मजबूत कर सकते हैं। इसलिए, परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए इन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक हल करें और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें।

शिक्षा शास्त्र पर आधारित बेहद महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी, यहां पढ़िए —pedagogy important question answer for MP TET varg 2 exam

Q. गुणों का परिमाणन और परिणाम की व्याख्या निम्न है –

(a) मापन का दूसरा चरण

(b) मापन का पहला चरण

(c) मापन का तीसरा चरण

(d) मापन का अंतिम चरण

Ans- (c)

Q. निम्नलिखित में से कौन-सी द्विमार्गी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया (टू-वे टीचिंग लर्निंग प्रोसेस) है ?

(a) सामूहिक चर्चा

(b) दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति (ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन)

(c) कम्प्यूटर सहायक निर्देश

(d) भाषा प्रयोगशाला

Ans- (d)

Q. संवेदिक पेशीय अवस्था (सेंसरीमेटर स्टेज) में, बच्चे इसमें नहीं होते है :

(a) सजगता प्रदर्शित करने में 

(c) संवेदी उत्तेजना रखने में 

(d) प्रतीकात्मक संबंध बनाने में

(b) मोटर समन्वय करने में

Ans- (a)

Q. पियाजे के विकास सिद्धांत में, संज्ञानात्मक असंतुलन को इस रूप में जाना जाता है :

(a) संज्ञानात्मक विसंतुलन

(b) संज्ञानात्मक स्कीमा

(c) आत्मसात

(d) आवास

Ans- (a)

Q. दृष्टिकोण, मूल्य, और रूचि निम्न के द्वारा परिलक्षित होते है :

(a) संरचनात्मक ज्ञानक्षेत्र

(b) संज्ञानात्मक ज्ञानक्षेत्र

(c) मन: प्रेरक ज्ञानक्षेत्र

(d) भावात्मक ज्ञानक्षेत्र

Ans- (d)

Q. सामाजिक अधिगम के सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया था ?

(a) हल

(b) बंडूरा

(c) वॉट्सन

(d) स्पीयरमैन

Ans- (b)

Q. निम्नलिखित में से कौन उस प्रक्रिया का इस्तेमाल करता है जिसमें व्यक्ति (क्लाइंट) को एक चिकित्सीय स्थिति के दौरान एक भूमिका को निभाने के लिए कहा जाता है ?

(a) कार्ल जंग

(b) कार्ल रोजर्स

(c) सिगमंड फ्रायड

(d) जॉर्ज केली

Ans- (d)

Q. एक उपलब्धि परीक्षण आयोजित करने का उद्देश्य सिवाय इस कारण को छोड़कर अन्य सभी के लिए होता है :

(a) उद्देश्यों के लेखन के लिए

(b) शिक्षण रणनीतियों के संशोधन के लिए

(c) शिष्यों की प्रगति के मूल्यांकन के लिए

(d) शिष्यों को परिणामों के ज्ञान के माध्यम से प्रेरित करने के लिए

Ans- (a)

Q. निम्नलिखित में से कौन-सी धीमे शिक्षार्थी (स्लो लर्नर) का अभिलक्षण नहीं है ?

(a) ध्यान की अल्प अवधि 

(b) सीमित शब्दावली 

(c) रूचि का सीमित परास 

(d) अमूर्त चिंतन

Ans- (d)

Q. निम्नलिखित में से कौन-सा परीक्षण पूरी तरह मौखिक परीक्षण है ?

(a) विषय आत्मबोधन परीक्षण

(b) इंक-ब्लॉट परीक्षण

(c) व्यक्तित्व प्रश्नावली

(d) संस्कृति – निष्पक्ष परीक्षण

Ans- (c)

Q. निम्न में से कौन-सा विकास सिद्धांत इस पर निर्भर था कि बच्चे दूसरों के आचरण का अवलोकन करके तथा नकल करके कैसे सीखते हैं?

(a) प्रयत्न त्रुटि अधिगम

(b) चिरप्रतिष्ठित प्रानुकूलन (क्लासिकल कंडीशनिंग)

(c) सामाजिक अधिगम का सिद्धांत

(d) क्रिया प्रसूत अनुकूलन (ऑपरेंट कंडीशनिंग)

Ans- (c)

Q. कुशाग्र बुद्धि वाले विद्यार्थियों को निम्न के माध्यम से भली- भाँति प्रोत्साहित किया जा सकता है : :

(a) रणनीतियों में नयापन लाकर

(b) उन्हें त्वरित प्रतिक्रिया देकर

(c) उन्हें कक्षा में अलग-अलग करके

(d) उनकी आकांक्षाओं के स्तर एवं जीवन के उद्देश्यों का उत्थान करके ।

Ans- (d)

Q. तत्परता के सिद्धांत का प्रतिपादन निम्न ने किया था । 

(a) गैने

(b) थॉर्नडाइक

(c) पैवलॉव

(d) स्किनर

Ans- (b)

Q. ………में विचारमग्न ढंग से तथा उत्पादक रूप से चिंतन तथा साक्ष्य का मूल्यांकन शामिल होता है ।

(a) गहन चिंतन

(b) अमूर्त अधिगम

(c) अपसारी चिंतन

(d) प्रतिबिंब

Ans- (b)

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MP TET Varg 2 Math Pedagogy Revision MCQ: गणित पेडागोजी के इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ करें अंतिम तैयारी और पाएं शानदार सफलता https://exambaaz.com/mp-tet-varg-2-math-pedagogy-revision-mcq/ https://exambaaz.com/mp-tet-varg-2-math-pedagogy-revision-mcq/#respond Thu, 20 Feb 2025 09:32:50 +0000 https://exambaaz.com/?p=40700 MP TET Varg 2 Math Pedagogy Revision MCQ: मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) वर्ग 2 का आयोजन संभावित ...

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MP TET Varg 2 Math Pedagogy Revision MCQ: मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) वर्ग 2 का आयोजन संभावित है। इस परीक्षा में माध्यमिक विद्यालयों में गणित शिक्षक बनने के इच्छुक लाखों अभ्यर्थी भाग लेंगे। परीक्षा में सफलता पाने के लिए विषय की गहरी समझ के साथ-साथ शिक्षण शास्त्र (Pedagogy) से संबंधित प्रश्नों पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

यदि आप भी इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, तो गणित शिक्षण शास्त्र (Math Pedagogy) से जुड़े इन महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन अवश्य करें। ये प्रश्न न केवल परीक्षा पैटर्न को समझने में सहायक होंगे, बल्कि आपके गणित शिक्षण कौशल और अवधारणात्मक ज्ञान को भी मजबूत करेंगे। सही रणनीति और निरंतर अभ्यास से MP TET Varg 2 में बेहतर अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।

गणित शिक्षण से जाने वाले बेहद जरूरी सवाल, यहां पढ़िए—Math pedagogy Revision MCQ for MP TET varg 2 exam 2023

Q. भिन्नों का योग पढ़ाते समय शिक्षक को नीचे दी हुई एक त्रुटि ज्ञात हुई- 1/1+1/3=2/5

इस स्थिति में शिक्षक को उपचारात्मक कार्य के रूप में क्या करना चाहिए –

(a) प्रत्येक भिन्न के परिमाण को समझने में बच्ची की सहायता करें।

(b) लघुतम समापवर्त्य (ल.स.) की अवधारणा को समझने में बच्ची की सहायता करें।

(c) बच्ची से कहें कि वह अधिक से अधिक अभ्यास करें।

(d) इसमें अधिक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्ची जैसे ही बड़ी होगी, वह समझ जाएगी।

Ans- (b)

Q. एक छात्र फर्श पर अपनी पुस्तक रखकर उसके चारों ओर पेन्सिल से लाइन खींचता है। खींची गई लाइनों की लम्बाईयों का योगफल है-

(a) किताब का क्षेत्रफल

(b) फर्श का क्षेत्रफल

(c) फर्श का परिमाप

(d) किताब का परिमाप

Ans- (d)

Q. एक विद्यार्थी गिलास में भरे हुए पानी को गिलास का आयतन बताता है। छात्र को स्पष्ट है-

(a) आयतन की अवधारणा

(b) आयतन की माप

(c) आयनत का सूत्र

(d) आयतन की इकाई

Ans- (a)

Q. गणित शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है ।

(a) सवाल हल करने की क्षमता का विकास करना।

(b) सूत्र याद करने की क्षमता का विकास करना। 

(c) तार्किक ढंग से सोचने की क्षमता का विकास करना । 

(d) समस्याओं के हल करने की क्षमता का विकास करना ।

Ans- (c)

Q. आपकी समझ से एक अध्यापक के लिए कौनसा कौशल आवश्यक होता है-

(a) बच्चों को ज्ञान की खोज के लिए प्रोत्साहित करना।

(b) बच्चों के लिए सभी सूचना रखना।

(c) बच्चों से विषम वस्तु का स्मरण कराने की योग्यता ।

(d) बच्चो को परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के योग्य बनाना।

Ans- (a)

Q. कक्षा VI में शिक्षिका प्रत्येक बच्चे को एक सेन्टीमीटर ग्रिड, पेपर और कैंची देती है। वह उनसे चाहती है कि वे बताएं कि द्वि-आयामी आकृतियों को त्रि-आयामी वस्तुओं के रूप में किसे मोड़ा जा सकता है। विद्यार्थी निम्नलिखित में से कौनसी संकल्पना खोज रहे हैं?

(a) परावर्तन

(b)  पाश

(c) दशमलव

(d) घूर्णन 

Ans- (b)

Q. कक्षा में अधिगम की गतिविधि आयोजित करने में अत्यंत प्रभावशाली कारक निम्नलिखित में से कौन है?

(a) अभिप्रेरण

(b) अनुशासन

(c) पाठ्य विवरण

(d) श्रव्यदृश्य सहायक सामग्री

Ans- (a)

Q. निम्नलिखित में से किस गणित शिक्षण विधि में प्रक्रिया के छोटे-छोटे भागों को लाकर एक संयुक्त इकाई के रूप में प्रस्तुत किया जाता है?

(a) विश्लेषण विधि

(b) प्रयोगशाला विधि

(c) आगमन विधि

(d) संश्लेषण विधि

Ans- (d)

Q. प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर किस शिक्षण विधि से संबंधित है?

(a) समस्या समाधान विधि

(a) आगमन विधि

(b) निगमन विधि

(c) प्रयोगशाला विधि

(d) विश्लेषण विधि

Ans- (b)

Q. स्वयं सीखने की विधि को गणित में किस अन्य नाम से जाना जाता है-

(a) समस्या समाधान विधि

(b) अन्वेषण विधि

(c) लेख विधि

(d) व्याख्यान विधि

Ans- (b)

Q. निम्नलिखित में से कौनसा परियोजना विधि का सिद्धांत नहीं है?

(a) करके सीखना

(b) जीवन से सीखना

(c) विद्यार्थियों के सहयोग एवं साहचर्य से सीखना

(d) रटकर याद करना

Ans- (d)

Q. गणित करने की युक्ति के रूप में ‘सवाल हल करना’ में शामिल है?

(a) क्रियाकलाप आधारित उपागम

(b) अनुमान लगाना

(c) व्यापक अभ्यास

(d) हल पर पहुँचने के लिए संकेतों का प्रयोग

Ans- (a)

Q. जब राजन के सामने शाब्दिक समस्याएँ आती हैं, तो वह प्रायः पूछता है “मैं जमा करूँ या घटा?” “मैं गुणा करूँ या भाग?”। इस तरह के प्रश्न बताते है कि

(a) राजन संख्या-संक्रियाओं को नहीं समझता 

(b) राजन जोड़ और गुणा नहीं कर सकता

(c) राजन कक्षा में बाधा डालने के लिए अवसर खोजता है।

(d) राजन को भाषा समझने में कठिनाई होती है।

Ans- (a)

Q. बीजगणितीय सूत्र का अधिगम है-

(a) विशिष्टीकरण

(b) व्यापीकरण

(c) अमूर्तकरण

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans- (b)

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Hindi Question For MP TET || हिन्दी भाषा प्रश्न उत्तर संविदा वर्ग-3 https://exambaaz.com/hindi-question-for-mp-tet/ https://exambaaz.com/hindi-question-for-mp-tet/#respond Sat, 08 Feb 2025 10:30:04 +0000 https://exambaaz.com/?p=5940 Hindi Question For MP TET || मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु हिन्दी भाषा के मॉडल प्रश्न उत्तर  मध्य ...

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Hindi Question For MP TET || मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु हिन्दी भाषा के मॉडल प्रश्न उत्तर 

मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) में हिंदी भाषा एक महत्वपूर्ण विषय है, जिससे परीक्षा में कुल 30 प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें 15 प्रश्न भाषा ज्ञान (Language) और 15 प्रश्न हिंदी शिक्षाशास्त्र (Pedagogy) से संबंधित होते हैं। यदि आप संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 (Primary Level) की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो हिंदी भाषा की मजबूत पकड़ होना आवश्यक है।

इस आर्टिकल में, हम MP TET के नवीनतम सिलेबस पर आधारित हिंदी भाषा के मॉडल प्रश्न उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं, जो परीक्षा में सफलता पाने के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। ये प्रश्न व्याकरण, शिक्षाशास्त्र, भाषा शिक्षण विधियाँ, और साहित्यिक पहलुओं पर केंद्रित हैं, जिससे आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।

यदि आप MP TET, CTET, UPTET, या अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो यह प्रश्न आपके लिए सहायक होंगे। इनका अभ्यास करके आप समय प्रबंधन सुधार सकते हैं और कठिन प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं। इसलिए, दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अपने MP TET 2024 परीक्षा में सफलता प्राप्त करें!



Hindi Question For MP TET 2020 Part- 5

निर्देश-: (प्र.स. 1-6) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-

नन्ही-सी नदी हमारी टेढ़ी-मढ़ी धार, गर्मियों में घुटने भर भिगो कर जाते पार। पार जाते ढोर-डंगर बैलगाड़ी चालू, ऊंचे हैं किनारे इसके, पाट इसका ढालू। पेटे में झकाझक बालू कीचड़ का न नाम, कांस फूले एक पर उजले जैसे घाम। दिन भर किनपिच-किनपिच करती मैना डार-डार, रातों को हुआं-हुआं कर उठते सियार (रवीन्द्रनाथ ठाकुर)


प्रश्न1. कवि ने ‘कांस’ की तुलना किससे की है?

(a) नदी (b) रेत (c) धूप (d) पानी

Ans. (c)

प्रश्न2. ‘किचपिच-किचपिच करती मैना’ से तात्पर्य है-

(a) मैना का शोर मचाना (b) मैना का गाना गाना

(c) मैना का चहकना (d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Ans. (c)

प्रश्न 3 शब्द ‘घाम’ का अर्थ क्या होगा?

(a) निवास (b) आश्रम (c) धूप (d) दिन

Ans. (c)

प्रश्न 4.नन्हीं-सी नदी के किनारे कैसे हैं?

(a) उजले (b) चिकने (c) ऊँचे (d) कीचड़ से भरे हुए

Ans. (c)

प्रश्न 5. शब्द ‘ढोर-डंगर’ से तात्पर्य है-

(a) ग्रामवासी (b) मवेशी (c) पक्षी (d) तैराक

Ans. (b)

प्रश्न 6. कविता का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-

(a) हमारा गांव (b) हमारी नदी (c) वर्षा ऋतु (d) बसन्तु ऋत

Ans. (b)

निर्देश-: (प्र.सं. 7-21) नीचे दिए गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए-

प्रश्न 7 निम्नलिखित में से कौन-सा उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा-शिक्षण का उद्देश्य नहीं है?

(a) निजी अनुभवों के आधार पर भाषा का सृजनशील प्रयोग

(b) दूसरों के अनुभवें से जुड़ पाना और सन्दर्भो में चीजों को समझना

(c) सही रूप में समझना

(d) व्याकरण के नियमों को रटना

Ans. (d)

प्रश्न 8. व्याकरण-शिक्षण के सन्दर्भ में कौन-सा कथन सही है?

(a) बच्चे परिवेश में उपलब्ध भाषिक प्रयोगों के आधार पर स्वयं भाषा के नियम बनाने की क्षमता रखते हैं

(b) व्याकरण-शिक्षण अत्यन्त आवश्यक है

(c) व्याकरण-शिक्षण के लिए समय-सारणी में अलग से काव्यांशों की व्याख्या होनी चाहिए

(d) भाषा-प्रयोग की अपेक्षा भाषा-नियमों को ही महत्त्व देना चाहिए

Ans. (b)

प्रश्न 9 कक्षा में मौजूद बहुभाषिकता-

(a) भाषा-शिक्षण में बाधक है

(b) भाषा-शिक्षण के एक संसाधन के रूप में प्रयुक्त हो सकती है

(c) बच्चों को ‘लक्ष्य भाषा’ सीखने के लिए हतोत्साहित करती है

(d) शिक्षक के लिए एक जटिल और कठोर चुनौती है

Ans. (a)

प्रश्न 10. सपना अपनी कक्षा के बच्चें को मौखिक अभिव्यक्ति के अवसर देने के लिए अनेक क्रियाकलाप करती है। आप निम्नलिखित में से सबसे ज्यादा प्रभावी किसे मानते हैं?

(a) कहानी को बोल-बोलकर पढ़ना

(b) समाचार-पत्र का वाचन करना

(c) विभिन्न परिस्थितियों में संवाद-अदायगी करना

(d) शब्दों को जोर-जोर से बोलना

Ans. (c)

प्रश्न 11. द्वितीय भाषा के रूप में हिन्दी सीखने का मुख्य उद्देश्य है-

(a) हिन्दी के व्याकरण पर अधिकार प्राप्त करना

(b) दैनिक जीवन में हिन्दी में समझने तथा बोलने की क्षमता का विकास करना

(c) मानक हिन्दी लिखने में निपुणता प्राप्त करना

(d) हिन्दी और अपनी मातृभाषा के अन्तर को कंठस्थ करना

Ans. (b)

प्रश्न 12. ‘उसने पढ़ा।’ ‘उसने खाया।’ और ‘उसने चीखा।’ जैसे भाषा-प्रयोग दर्शाते हैं-

(a) नियम कंठस्थ न होना

(b) नियमों का अति सामान्यीकरण

(c) नियम का उल्लंघन

(d) सन्दर्भ को समझ न होना

Ans. (d)

प्रश्न 13. माधुरी पढ़ते समय कभी-कभी वाक्यों, शब्दों की पुनरावृत्ति करती है। इसका यह भाषायी व्यवहार दर्शाता है कि-

(a) उसे पढ़ना बिलकुल नहीं आता

(b) वह पढ़ने में ज्यादा समय लेती है

(c) वह समझ के साथ पढ़ने की कोशिश कर रही है

(d) वह अटक-अटककर ही पढ़ सकती है

Ans. (c)

प्रश्न 14. सुहेल एक साल पहले असम से पंजाब आया है। वह हिन्दी भाषा का प्रयोग करते समय त्रुटियां करता है। एक शिक्षक के रूप में आप किस कथन को सही मानेंगे?

(a) सुहेल को बार-बार उसकी त्रुटियों के बारे में बताना चाहिए

(b) सुहेल की मातृभाषा का प्रभाव लक्ष्य भाषा पर नहीं पड़ने देना चाहिए

(c) उसे रोज एक घण्टा हिन्दी भाषा के शब्द बोलने का अभ्यास कराना चाहिए

(d) सुहेल को भाषा-प्रयोग के अधिकाधिक अवसर व प्रोत्साहन देना चाहिए

Ans. (d)



प्रश्न 15. भाषा सीखने में होने वाली त्रुटियां-

(a) भाषा-प्रयोग की असफलता की ओर संकेत करती हैं

(b) भाषा सीखने की प्रक्रिया के स्वाभाविक पड़ाव हैं

(c) सही नहीं हैं, इनके प्रति कठोर रवैया अपनाना चाहिए

(d) बच्चे, शिक्षक पाठ्यक्रम आदि की असफलताओं के सकेंतक हैं

Ans. (b)

प्रश्न 16. भाषा तब सबसे सहज और प्रभावी रूप से सीखी जाती है जब-

(a) भाषा के नियम कंठस्थ कराए जाएं

(b) भाषा-शिक्षक कठोर रवैया अपनाते हैं

(c) भाषा प्रयोग की दक्षता प्रमुख उद्देश्य हो

(d) भाषा की पाठ्य-पुस्तक में अधिक-से अधिक पाठों का समावेश हो

Ans. (c)

प्रश्न 17. ‘नाटक शिक्षण’ में सतत् और व्यापक मूल्यांकन के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है?

(a) लिखित परीक्षा

(b) मुख्य संवादों को सुन्दर रूप से लिखना

(c) पढ़े गए नाटक का मंचन

(d) पात्रों का चरित्र-चित्रण लिखना

Ans. (c)

प्रश्न 18. रागिनी हमेशा ‘हैंडपम्प’ को चापाकल बोलती है। एक शिक्षिका के रूप में आप क्या करेंगी?

(a) रागिनी को समझाएंगे कि यह चापाकल नहीं, हैंडपम्प है

(b) सम्पूर्ण कक्षा को बताएंगे कि हैंडपम्प को चापाकल भी कहा जाता है

(c) उसे डांटेगें कि उसने गलत शब्द को प्रयोग किया है

(d) उसकी तरफ कोई ध्यान नही देंगे

Ans. (a)

प्रश्न 19. मौखिक अभिव्यक्ति के समय होने वाली त्रुटियों पर बार-बार टोकने से-

(a) बच्चों की त्रुटियां खत्म हो जाती हैं

(b) बच्चे अपनी त्रुटियों के कारण को समझ जाते हैं

(c) बच्चे धीरे-धीरे खामोश होने लगते हैं

(d) बच्चों के भीतर आत्मविश्वास बढ़ता है

Ans. (b)

प्रश्न 20. बच्चों में भाषा सीखने की क्षमता जन्मजात होती है। अतः-

(a) भाषा-शिक्षण का कार्य नहीं किया जाना चाहिए

(b) भाषा-शिक्षण का कार्य घर पर ही किया जाना चाहिए

(c) उनकी इस क्षमता पर भरपूर प्रयोग करते हुए भाषायी नियम सिखाए जाने चाहिए

(d) बच्चें को समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराया जाना चाहिए

Ans. (c)

प्रश्न 21. भाषा-कौशलों के बारे में कौन-सा कथन सही है?

(a) भाषा-कौशल केवल क्रमबद्ध रूप से ही सीखे जाते हैं

(b) भाषा के कौशल परस्पर अन्तःसम्बन्धित हैं

(c) भाषा के कौशलों में से केवल पढ़ना-लिखना महत्वपूर्ण है

(d) भाषा के मूल रूप से कौशलों में से केवल सुनना, बोलना ही महत्वपूर्ण है

Ans. (a)


निर्देश- (प्र.सं. 22-30) नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए-

प्रगतिवाद का सम्बन्ध जीवन और जगत के प्रति नए दृष्टिकोण से है। इस भौतिक जगत को सम्पूर्ण सत्य मानकर, उसमें रहने वाले मानव समुदाय के मंगल की कामना से प्रेरित होकर प्रगतिवादी साहित्य की रचना की गई है।

जीवन के प्रति लौकिक दृष्टि इस साहित्य का आधार है और सामाजिक यथार्थ से उत्पन्न होता है, लेकिन उसे बदलने और बेहतर बनाने की कामना के साथ प्रगतिवादी कवि न तो इतिहास की उपेक्षा करता है, न वर्तमान का अनादर, न ही वह भविष्य के रंगीन सपने बुनता है।

इतिहास को वैज्ञानिक दृष्टि से जांचते-परखते हुए, वह वर्तमान को समझने की कोशिश करता है और उसी के आधार पर भविष्य के लिए अपना मार्ग चुनता है। यही कारण है कि प्रगतिवादी काव्य में ऐतिहासिक चेतना अनिवार्यतः विद्यमान रहती है।

प्रगतिवादी कवि की दृष्टि सामाजिक यथार्थ पर केन्द्रित रहती है, वह अपने परिवेश और प्रकृति के प्रति गहरे लगाव से प्रेरित होता है तथा जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है। मानव को वह सर्वोपरि मानता है। प्रगतिवादी कवि के पास सामाजिक यथार्थ को देखने की विशेष दृष्टि होती है। एक वर्ग चेतना प्रधान दृष्टि। नागार्जुन यदि दुखरन झा जैसे प्राइमरी स्कूल के अल्पवेतन भोगी मास्टर का यथार्थ चित्रण करते हैं तो सामाजिक विषमता के यथार्थ को ध्यान में रखते हुए।

इस सरल यथार्थ को कविता में व्यक्त करने की लिए यथार्थ रूपों की समझ जरूरी है। कवि का वास्तव बोध और वस्तुपरक निरीक्षण दोनों पर ध्यान जाना चाहिए। प्रगतिशील चेतना के कवि की दृष्टि सामाजिक यथार्थ के अनेक रूपों की ओर जाती है। कवि सामाजिक विषमता को उजागर करता हुआ कभी अपना विक्षोभ व्यक्त करता है, तो कभी अपना सात्विक क्रोध। कभी वह अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध सिंह गर्जना करता है, तो कभी शोषण और दमन के दृश्य देखकर अपना दुख व्यक्त करता है।

प्रगतिवादी चेतना के कवि को प्रकृति और परिवेश के प्रति कवि का लगाव भी ध्यान आकृष्ट करता है। प्रगतिवादी कवि प्रकृति में जिस जीवन सक्रियता का आभास पाता है, उसके लिए एक प्रकार का स्थानिक लगाव जरूरी है।

प्रश्न 22. उपर्युक्त गद्यांश में लेखक क्या कहना चाहता है?

(a) प्रगतिवादी कवि भौतिक जगत से प्रभावित थे

(b) मनुष्य की प्रगति के लिए प्रगतिशीलता आवश्यक है

(c) प्रगतिवादी काव्य में ऐतिहासिक चेतना होती है

(d) प्रगतिवादी व प्रगतिवादी दृष्टिकोण से परिचित कराना

Ans. (c)

प्रश्न 23. प्रगतिवादी कवि किससे लगाव महसूस करता है?

(a) भौतिक जगत से

(b) प्रकृति से

(c) (a) और (b)

(d) इनमें से कोई नहीं

Ans. (b)

प्रश्न 24. प्रगतिवादी रचनाओं में ऐतिहासिक चेतना विद्यमान रहने का कारण क्या है?

(a) प्रगतिवादी कवि इतिहास की उपेक्षा नहीं करता है, किंतु वर्तमान का अनादर करता है (b) प्रगतिवादी कवि भविष्य के रंगीन सपने बुनता है

(c) प्रगतिवादी कवि इतिहास को वैज्ञानिक दृष्टि से जांच-परख कर वर्तमान के बारे में लिखता है

(d) प्रगतिवादी भविष्य के प्रति चिन्तित रहता है, वह इतिहास के प्रति चिन्तित रहता है

Ans. (c)

प्रश्न 25. कौन-सा कथन असत्य है?

(a) प्रगतिवाद का सम्बन्ध जीवन और जगत के प्रति नये दृष्टिकोण से है।

(b) प्रगतिवादी कवि समाज का यथार्थ चित्रण करता है

(c) प्रगतिवाद मानव को सर्वोपरि मानता है

(d) जीवन के प्रति अलौकिक दृष्टि प्रगतिवादी साहित्य का आधार है

Ans. (d)

प्रश्न 26. प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक निम्नलिखित में से क्या होगा?

(a) प्रगति (b) प्रगतिवाद (c) प्रगति के प्रयास (d) मानव एवं प्रगति

Ans. (b)

प्रश्न 27. ‘यथार्थ’ का सन्धि-विच्छेद है-

(a) यथा + अर्थ (b) यथः + अर्थ (c) यथा + अरथ (d) यथ + अर्थ

Ans. (a)

प्रश्न 28. कौन-सा विशेषण शब्द गद्यांश में प्रयुक्त नहीं किया गया है?

(a) भौतिक (b) लौकिक (c) आर्थिक (d) स्थनिक

Ans. (c)

प्रश्न 29. ‘सात्विक’ शब्द है-

(a) संज्ञा (b) सर्वनाम (c) क्रिया (d) विशेषण

Ans. (d)

प्रश्न 30. ‘लौकिक’ का विपरीतार्थक शब्द है-

(a) इहलौकिक (b) पारलौकिक (c) परलोक (d) आलौकिक

Ans. (b)

Post Tag: Hindi questions paper for mp tet grad 3 / Hindi Question For MP TT 2020 

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MP TET NOTES:  भाषायी विकास हेतु निर्धारित शिक्षाशास्त्र ( Hindi pedagogy)




the topic wise study material for the MP TET exam (Samvida shikshak grade-3 study material ). This study material helps you to boost up your score in the examination. Candidates can read complete MPTET study material in the Hindi language.

1. भाषा सीखना और ग्रहणशीलता Click Here
2. भाषा शिक्षण के सिद्धांत Click Here
3. भाषा शिक्षण में सुनने बोलने की भूमिका  Click Here
4. मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति अंतर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका Click Here
5. भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौती  कठिनाइयां, त्रुटियां एवं क्रमबद्ध Click Here
6. भाषा के चारों कौशल(सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना)  का मूल्यांकन Click Here

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Types of Learning Disability In Hindi For CTET, UPTET, MPTET  https://exambaaz.com/types-of-learning-disability-in-hindi/ https://exambaaz.com/types-of-learning-disability-in-hindi/#respond Sat, 08 Feb 2025 10:16:38 +0000 https://exambaaz.com/?p=7223 Types of Learning Disability In Hindi  शिक्षा के क्षेत्र में हर बच्चे की सीखने की क्षमता अलग होती है, लेकिन ...

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Types of Learning Disability In Hindi 

शिक्षा के क्षेत्र में हर बच्चे की सीखने की क्षमता अलग होती है, लेकिन कुछ बच्चों को विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिसे अधिगम अक्षमता (Learning Disability) कहा जाता है। यह कोई मानसिक विकार नहीं है, बल्कि मस्तिष्क की सूचना संसाधन (Information Processing) करने की प्रक्रिया से जुड़ी एक समस्या है, जिसके कारण बच्चे पढ़ने, लिखने, गणना करने या भाषा समझने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।

TET, CTET, UPTET, KVS, NVS, DSSSB जैसी विभिन्न शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में अधिगम अक्षमताओं (Types of Learning Disabilities) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हम डिस्लेक्सिया (Dyslexia), डिसग्राफिया (Dysgraphia), डिसकैल्कुलिया (Dyscalculia), अफेजिया (Aphasia), एलेक्सिया (Alexia) और अन्य महत्वपूर्ण अधिगम अक्षमताओं की विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं।

अधिगम अक्षमता क्यों होती है?

कई बार बच्चों में कुछ विशेष समस्याएँ देखी जाती हैं, जिनकी वजह से अधिगम में कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं—
मस्तिष्क की सूचना संसाधन प्रक्रिया में बाधा
जन्मजात न्यूरोलॉजिकल विकार
पढ़ने, लिखने और गणितीय कौशल से जुड़ी समस्याएँ
एकाग्रता में कमी या अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD)
भाषा समझने और संप्रेषण में कठिनाई

इस आर्टिकल में, हम अधिगम अक्षमताओं के प्रकारों, उनके लक्षणों और निदान के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करेंगे, जिससे आपको न केवल इस विषय की गहराई से समझ मिलेगी, बल्कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर देने में भी सहायता मिलेगी।

Learning disability (अधिगम संबंधी कठिनाइयां) 

1. डिस्लेक्सिया   पठन संबंधी समस्या
2. डिसग्राफिया   लेखन संबंधी समस्या
3. डिस्कैल्कुलिया  गणना संबंधी समस्या
4. डिस्प्रेक्सिया   गतिक कौशल संबंधी समस्या
5. डिस्मोरफ़िया  स्वयं को ज्यादा सुंदर, लंबा, ताकतवर समझना
6. डिस्थीमिया   गंभीर तनाव की अवस्था
7. अफेज्या    भाषा संप्रेषण संबंधी समस्या
8. प्रोजेरिया    कम आयु में वृद्ध दिखना
9. डिमेंसिया   तर्क ना कर पाना, स्मरण शक्ति कमजोर हो ना
10. बुलीमिया     भोजन ग्रहण प्रवृत्ति संबंधी योग्यता
11. एलेक्सिया   सीखने में अक्षमता
12. ADHD  अवधान (ध्यान) संबंधी समस्या

1. डिस्लेक्सिया (Dyslexia) 

डिस्लेक्सिया से पीड़ित बालक वाचन से घबराते हैं।  इन्हें लिखी हुई सामग्री धुंधली दिखाई देती है। यह एक विशिष्ट अधिगम असमर्थता का उदाहरण है। 

लक्षण
  • अक्षरों की  उल्टे ढंग से प्रस्तुत करने जैसे कि saw को was आदि।  
  •  एक- एक कर व धीमी गति से पढ़ना। 
  •  दृष्टि व स्मृति संबंधी कठिनाई होती है। 
  •  पढ़ते समय किसी शब्द या पूरी पंक्ति को छोड़ देना है। 
  •  वाक्य में आए शब्दों को भी आगे पीछे करके पढ़ना। 

डिस्लेक्सिया के कारण –  यह रोग तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति के कारण होता है।  यह वंशानुक्रम द्वारा भी हो जाता है। 

 निदान – पारिवारिक इतिहास का अध्ययन किया जाए तथा भाषा, वर्तनी, उच्चारण, बौद्धिक योग्यता, स्मृति संबंधी परीक्षण तथा व्यवहार का सूक्ष्म निरीक्षण किया जाए। 

2.  डिसग्राफिया (Dysgraphia) 

डिसग्राफिया भी अधिगम असमर्थता का कारण है.  इसका संबंध लिखने की बांधिता से है। इसमें बाधित बच्चों द्वारा लिखे गए शब्दों को पढ़ने में कठिनाइयां होती हैं।  लेखन धीमी, भद्दा एवं त्रुटि पूर्ण होता है। बालक शीघ्र थक जाता है तथा उंगलियों में दर्द होता है। 

 लक्षण- 

  • लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाइयां होना। 
  •  शब्दों, वाक्यों के बीच अंतराल  अनियमित होता है। 
  • कलम पकड़ने का ढंग ठीक नहीं होता है। 
  • अक्षरों का आकार समझने में कठिनाई होती है।
  • वाक्य छोड़कर या पुनरावृति  करते हैं। 

3. डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia) 

इस रोग से बाधित बच्चे शीघ्र नहीं पहचाने जाते हैं.  इन बच्चों में गणितीय योग्यता कम होती है। यह बच्चे जोड़ घटाना गुणा एवं भाग करने में अत्याधिक देरी करते हैं।  माता पिता इन्हें सुस्त, आलसी कहते हैं। गणित के अतिरिक्त अन्य विषयों में इनका कार्य ठीक होता है। 

लक्षण

  •  गणितीय कार्य करने में कठिनाई होना। 
  •  संख्याओं को पहचानने में समस्या। 
  •  आकृति विभेदन की समस्या होना। 
  •  बड़ा छोटा, परिधि, क्षेत्रफल आदि को समझने में कठिनाई होना। 
  •  श्रवण बा दृश्य इंद्रियों में समाजस्य की कमी होना। 
  •  समय, दूरी, गहराई से जुड़ी समस्याएं होना। 
  •  गणित  संप्रत्ययो के स्मरण करने, धारण करने वा पुनः स्मरण करने में कठिनाइयां। 
  •  रुपए पैसे के लेनदेन संबंधी कठिनाइयां। 

 उपचार-  इन बच्चों के लिए गणित का अभ्यास व बहुइंद्रिय प्रयोग कराया जाए। खेल विधि, प्रश्नोत्तर विधि तथा वास्तविक जीवन अनुभव के माध्यम से सिखाया जाए। 

 4. ध्यान अभाव,अति क्रियाशीलता विकृति (Attention Deficit Hyperactivity Disorder\ ADHD)  

इसे सामान्य भाषा में ADHD कहते हैं। इन बच्चों में आवेगो के नियंत्रण की समस्या होती है। इनका ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता। इस कारण कक्षा में अनुशासनहीनता करते हैं, तथा शिक्षण में बाधा उत्पन्न करते हैं। यह स्नायु तंत्र संबंधी विकृति है।  जिसमें असामान्य स्तर का ध्यान, आवेश तथा अति क्रियाशीलता सम्मिलित है। यह बच्चे संवेगात्मकरूप रूप से अस्थिर होते हैं। प्राथमिक स्तर के बच्चों तथा लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक पाया जाता है। 

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शिक्षण कौशल के नोट्स: परिभाषाएं,प्रमुख विधियां एवं महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Teaching Skills) https://exambaaz.com/teaching-skills-for-teachers/ https://exambaaz.com/teaching-skills-for-teachers/#comments Sat, 08 Feb 2025 09:58:47 +0000 https://exambaaz.com/?p=1252 शिक्षण कौशल की परिभाषाएं एवं महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Teaching Skills For Teachers) शिक्षण कौशल (Teaching Skills) एक प्रभावी शिक्षक बनने ...

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शिक्षण कौशल की परिभाषाएं एवं महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Teaching Skills For Teachers)

शिक्षण कौशल (Teaching Skills) एक प्रभावी शिक्षक बनने की आधारशिला है। यह न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में मदद करता है, बल्कि शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, रोचक और परिणामोन्मुख भी बनाता है। CTET, UPTET, TET, KVS, NVS, DSSSB, एवं अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में इस विषय से संबंधित प्रश्न नियमित रूप से पूछे जाते हैं।

इस आर्टिकल में, हम शिक्षण कौशल की परिभाषा, इसकी विशेषताएँ और इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर साझा करेंगे। यह आर्टिकल शिक्षक भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, आप “शिक्षण कौशल के नोट्स PDF” भी प्राप्त कर सकते हैं, जो आपकी परीक्षा तैयारी को और आसान बनाएगा।

यदि आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो शिक्षण कौशल का गहन अध्ययन आपके चयन को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है। इसलिए, इस विषय को ध्यानपूर्वक पढ़ें और परीक्षा में सफलता प्राप्त करें!

शिक्षण कौशल की परिभाषाएं (Teaching Skills Definition)

डॉक्टर बी के पासी के अनुसार- “शिक्षण कौशल, छात्रों के सीखने के लिए सुगमता प्रदान करने के विचार से संपन्न की गई संबंधित शिक्षण क्रियाओं या व्यवहारिक का समूह है।”

मेकइंटेयर एवं व्हाइट के अनुसार “शिक्षण कौशल, शिक्षण व्यवहार से संबंधित वह  स्वरूप है ,जो कक्षा की अंतः प्रक्रिया द्वारा उन विशिष्ट परिस्थितियों को जन्म देता है। जो शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होती है और सीखने में सुगमता प्रदान करती है।”

डॉ कुलश्रेष्ठ के अनुसार- ” शिक्षण कौशल शिक्षक की हाथ में वह शस्त्र है। जिसका प्रयोग करके शिक्षक अपनी कक्षा शिक्षण को प्रभावी तथा सक्रिय बनाता है एवं कक्षा की अंतर प्रक्रिया में सुधार लाने का प्रयास करता है।”

शिक्षण कौशल की प्रमुख विशेषताएं (Features of Teaching Skills)

  1. शिक्षण कौशल शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाते हैं।
  2. यह समस्त अंतः क्रिया को सक्रिय बनाते हैं।

3.यह विषय वस्तु को सरल एवं सुगम बनाते हैं।

4.शिक्षण कौशल विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होते हैं।

5.यह शिक्षण प्रक्रिया तथा व्यवहार को संयमित करते हैं।

शिक्षण कौशल की प्रमुख विधियां (Major methods of teaching skills)

1.शिक्षण कार्य अवलोकन विधि(Teaching work observation method)

2.साक्षात्कार और विचार विमर्श विधि(Interviews and Discussion Methods)

3.पाठ्यक्रम और उद्देश्य विश्लेषण विधि(Course and objective analysis method)

4.शिक्षा सम्मति विधि(Law of education)

शिक्षण कौशल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Important questions related to teaching skills)

  • सूक्ष्म- शिक्षण का विकास किसने किया।  – डी.डब्लू.एलेन
  • डॉ.वी.के. पासी ने अपने अध्ययन के आधार पर कितने शिक्षण कौशल की सूची तैयार की थी।– 13
  • शिक्षण कौशल के विकास एवं सुधार की प्रविधि किसे कहा जाता है। –  सूक्ष्म शिक्षण
  • चित्र तथा पोस्टर कौन से साधन/ सामग्री है। –  दृश्य
  • अभिक्रमित अनुदेशन का विकास किसने किया था। –  बी. एफ. स्किनर ने
  • रेखीय विक्रम का प्रतिपादक किसे माना जाता है। –  बी.एफ स्किनर को
  • रेखीय अभिक्रमित अन्य किस नाम से जाना जाता है।  -बाहय अभिक्रम
  • चलचित्र कैसा साधन है। –  दृश्य- श्रव्य
  • ” एजुकेशन टेक्नोलॉजी” शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था। –  ब्रायनमोर जोंस(1967)
  • शैक्षिक तकनीकी  केंद्र किसने प्रारंभ किया था ।–  NCERT नई दिल्ली
  • आधारभूत शिक्षण प्रतिमान किसके द्वारा दिया गया था। –  रॉबर्ट  ग्लेजर
  • शिक्षण मशीन का निर्माण किसके द्वारा किया गया। –  सिडनी एल  प्रेसी(अमेरिका में 1926)
  • “Technology”शब्द की उत्पत्ति किस किस भाषा से हुई है। – Technikos(कला)
  • शिक्षण प्रतिमान के कितने तत्व होते हैं। –  4(उद्देश्य, संरचना, सामाजिक प्रणाली,मूल्यांकन)
  • साखी अभिक्रम का विकास किसके द्वारा किया गया। -नार्मन ए. क्राउडर
  • एलेन  एवं रेयान  ने सूक्ष्म शिक्षण के कितने कौशल बताए हैं। – 14
  • अभिक्रमित अनुदेशन कितने प्रकार के होते हैं। –  3(रेखीय, शाखीय,मैथेटिक्स)
  • OHP  का पूरा नाम है।-Over Head Projector  (ओवरहेड प्रोजेक्टर)
  • सूक्ष्म शिक्षण में एक समय में कितने शिक्षण कौशल का विकास किया जाता है। – एक
  • भारत में दूरदर्शन सेवा का औपचारिक रूप से उद्घाटन कब हुआ। –  15 सितंबर 1959 ई
  • टेलीकॉन्फ्रेसिंग कितने प्रकार की होती है। –  3( टेलीकॉन्फ्रेसिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कंप्यूटर कॉन्फ्रेंसिंग)
  • श्रव्य दृश्य सामग्री के उपागम के अंतर्गत आती है। –  हार्डवेयर
  • कठोर शिल्प उपागम का संबंध अनुदेशन के किस पक्ष से होता है। – ज्ञानात्मक
  • खोजपूर्ण प्रश्न पूछने से छात्रों में किस का विकास होता है। –  ज्ञानात्मक
  • किस शिक्षण कौशल के अंतर्गत शिक्षक द्वारा हावभाव एवं अपनी स्थिति को बदला जाता है। -उद्दीपन भिन्नता
  • बोध स्तर के शिक्षण प्रतिमान का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया।  –  बी एस ब्लूम
  • एजर डेल के अनुसार किस प्रकार का अनुभव सबसे स्थाई होता है। –  प्रत्यक्ष अवलोकन
  • शिक्षक की योग्यता एवं आचरण का मूल्यांकन सबसे भली प्रकार कौन करता है। –  छात्र/ शिष्य
  • शिक्षण की समस्याओं को हल करने का दायित्व किस का होता है। –  शिक्षक का
  • विद्यालय परिसर के बाहर एक शिक्षक को अपने छात्र से किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए। –  मैत्रीपूर्ण
  • निगमनात्मक शिक्षण प्रविधि किसके अंतर्गत आती है। –  सामान्य से विशिष्ट की ओर
  • अध्यापक के लिए सबसे मूल्यवान वस्तु क्या होती है। –  छात्रों का विश्वास
  • ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के स्कूल से भागने तथा पढ़ाई छोड़ने का क्या कारण होता है। –  नीरज वातावरण
  • भारत में शिक्षित बेरोजगारी का प्रमुख कारण होता है। –  उद्देश्यहीन शिक्षा
  • किस प्रकार का कक्षा नेतृत्व सबसे उत्तम माना गया है। –  लोकतांत्रिक
  • किसी भी विषय वस्तु को छात्रों को सरलता से सिखाने के लिए आवश्यक गुण अध्यापक के लिए कौन सा है। –  प्रभावी अभिव्यक्ति
  • वर्तमान समय में प्राइमरी शिक्षा की दुर्दशा का मुख्य कारण बतलाइए। –  शिक्षक- छात्र विषम अनुपात
  • छोटे बच्चों की शिक्षा देना जरूरी है, लेकिन बच्चों पर कौन सा बोझ नहीं डालना चाहिए। –  गृह
  • जब छात्र उन्नति करते हैं तो उनका अध्यापक कैसा महसूस करता है। –  आत्म संतोष
  • शिक्षा से किस का कल्याण होता है। –  समाज के सभी वर्गों का
  • यह किसने कहा है कि“ शिशु का मस्तिष्क कोरी स्लेट होता है”।–  प्लेटो ने
  • किस विद्वान के द्वारा सीखने के पांच चरण बतलाए गए हैं। –  हरबर्ट स्पेंसर
  • “  किंडरगाटेर्न ” स्कूल सबसे पहले किस देश में खोले गए थे। –  जर्मनी
  • भाषा सीखने का सबसे प्रभावी उपाय है। – वार्तालाप करना
  • नर्सरी स्कूलों की शुरुआत किसने की थी। –  फ्रोबेल
  • कौन सी शिक्षण विधि वास्तविक अनुभवों को प्रदान करने के लिए उत्तम मानी जाती है। –  भ्रमण विधि
  • किस विद्वान के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में” अभिरुचि” को सबसे महत्वपूर्ण तत्व बताया गया है। –  टी पी नन
  • आज के आवासीय स्कूल किस भारतीय पद्धति के समान है। –  गुरुकुल
  • भारत में स्त्री शिक्षा के महान समर्थक कौन थे। –  कार्वे
  • ज्ञान इंद्रियों का प्रशिक्षण किस प्रकार का होता है। –  अभ्यास द्वारा
  • प्रयोजनवादी विचारधारा के प्रवर्तक थे। –  विलियम जेम्स
  • यह किसने कहा है कि”बच्चों के लिए सबसे उत्तम शिक्षक वह होता है जो स्वयं बालक जैसा हो”। –  मैकेन
  • गणित शिक्षण की कौन सी संप्रेषण रणनीति सर्वाधिक उत्तम उपयुक्त मानी गई है। –  एल्गोरिथ्म
  • एक शिक्षक के घर में किस वस्तु का होना ज्यादा जरूरी है। –  पुस्तकालय
  • किस सिद्धांत द्वारा बालक में रूचि का विकास होता है। –  प्रेरणा का सिद्धांत
  • अधिगम का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत बतलाइए। –  क्रिया का सिद्धांत
  • वैदिक काल में परिवार में विद्या का प्रारंभ करते समय कौन सा संस्कार होता था। –  विद्यारंभ संस्कार( चूड़ाकर्म)
  • शिक्षा की अवधि क्या है। –  500 ईसा पूर्व से 1200 तक

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Inclusive Education Complete Notes For All TET Exam || Inclusive Education https://exambaaz.com/inclusive-education-complete-notes/ https://exambaaz.com/inclusive-education-complete-notes/#respond Sat, 08 Feb 2025 09:53:02 +0000 https://exambaaz.com/?p=591 समावेशी शिक्षा (Inclusive Education):  Important Notes Inclusive Education : ” ऐसी शिक्षा जहां पर सामान्य बालको के साथ – साथ दिव्यांग बालको ...

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समावेशी शिक्षा (Inclusive Education):  Important Notes
Inclusive Education : ” ऐसी शिक्षा जहां पर सामान्य बालको के साथ – साथ दिव्यांग बालको को  भी एक ही कक्षा में एक साथ बैठाकर कर शिक्षा दी जाए उसे समावेशी शिक्षा कहते हैं।”

समावेशी शिक्षा (Inclusive Education): एक समावेशी और समान अवसर प्रदान करने वाली शिक्षा प्रणाली

शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है, और समाज में किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इसी सोच को साकार करने के लिए समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) की अवधारणा विकसित की गई, जिसका उद्देश्य है कि सामान्य और दिव्यांग (विशेष आवश्यकता वाले) बच्चों को एक ही कक्षा में समान अवसरों के साथ शिक्षा प्रदान की जाए

समावेशी शिक्षा केवल एक शिक्षण पद्धति नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। यह शिक्षा प्रणाली विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो मानसिक, शारीरिक, सामाजिक या भावनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

Key Features of Inclusive Education:

समान अवसर: सभी बच्चों को एक ही विद्यालय में पढ़ने और सीखने का अधिकार।
सहयोगात्मक शिक्षण: शिक्षकों और छात्रों के बीच आपसी सहयोग और समझ विकसित करना।
विशेष आवश्यकता की पूर्ति: दिव्यांग छात्रों के लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री और संसाधन उपलब्ध कराना।
समाजीकरण: सामान्य और विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के बीच मित्रता और समावेशन को बढ़ावा देना।
अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति: समावेशी शिक्षा को संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों में एक आवश्यक शिक्षा प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है।

Importance of Inclusive Education

  • यह संविधान के अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) के उद्देश्यों को पूरा करता है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भी समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल देती है।
  • यह RTE अधिनियम 2009 के तहत शिक्षा को सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाने में सहायक है।
  • यह समाज में समानता, करुणा और समावेशिता को प्रोत्साहित करता है।

समावेशी शिक्षा केवल दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक शिक्षा दृष्टिकोण है जो हर बच्चे को समान अधिकार, अवसर और संसाधन प्रदान करता है, जिससे एक अधिक न्यायसंगत और समावेशी समाज का निर्माण हो सके।

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Inclusive Education Important Questions 

शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएं

What is Inclusive Education?

समावेशी शिक्षा अनिवार्य रूप से एक कक्षा मॉडल है। इस कक्षा में, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों (सीखने की अक्षमता के साथ) को बिना विकलांग छात्रों को पढ़ाया जाता है। विकलांगों में दृष्टि हानि, चलना या मुद्रा क्षीणता, भाषण और भाषा विकासात्मक मुद्दे, सुनने की समस्याएं आदि शामिल हो सकते हैं। विशेष शिक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे अपना अधिकांश समय स्कूल में गैर-विशेष जरूरतों वाले बच्चों के साथ बिताते हैं। इस मॉडल को अक्सर सह-शिक्षण सुविधा की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि एक विशेष शिक्षा शिक्षक और सामान्य शिक्षा शिक्षक दोनों एक ही कक्षा में मौजूद हैं और एक साथ पढ़ाते हैं। इसीलिए इस दृष्टिकोण को इंटीग्रेटेड को-टीचिंग (ICT) या सहयोगी टीम टीचिंग (CTT) भी कहा जाता है।

स्व-निहित कक्षाओं के अलावा समावेशी कक्षाओं को जो सेट करता है वह यह है कि पूर्व में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को हल्के-मध्यम विकलांग छात्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हालांकि, स्व-निहित कक्षाओं में छात्रों को महत्वपूर्ण या एकाधिक सीखने की अक्षमता माना जाता है। वास्तव में, समावेश मॉडल विकलांग बच्चों के लिए विशिष्ट कक्षाओं की अस्वीकृति पर आधारित है क्योंकि अलगाव सभी छात्रों को परेशान करता है।

inclusive education articles

Inclusive Education Important Facts

  • समावेशी शिक्षा एक शिक्षा प्रणाली है इसके अनुसार एक सामान्य छात्र और एक विशेष छात्र( विकलांग) को समान शिक्षा प्राप्ति के अवसर  मिले। 
  • इसमें, एक दिव्यांग छात्र साथ साथ शिक्षा प्राप्त करते हैं। 
  • समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करती है । 
  • विकलांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षणिक गतिविधि में भाग लेने का अधिकार होता है।
  • यह विशिष्ट बच्चों को आत्मनिर्भर बना कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ती  है।
  • समावेशी शिक्षा प्रत्येक बच्चों को व्यक्तिगत शक्तियों का विकास करती है।
  • Inclusive Education (समावेशी शिक्षा ) प्रत्येक बच्चों को व्यक्तिगत शक्तियों का विकास करती है।
  • समावेशी शिक्षा सम्मान और अनेक अपनेपन की संस्कृति के साथ व्यक्तिगत मतभेदों को स्वीकार करने के लिए भी अवसर प्रदान करती है।
  • यह प्रत्येक प्रकार तथा श्रेणी के बालकों में आत्मनिर्भरता की भावना का विकास करती है।
  • समावेशी शिक्षा केवल विकलांग बच्चों तक नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है, किसी भी बच्चे का बहिष्कार न करना।

Inclusive Education,(समावेशी का अर्थ ) 

“समावेशी शिक्षा  से अभिप्राय है कि छात्रों को सार्थक शिक्षा अनुकूल तम पर्यावरण में उपलब्ध कराई जाए”

समावेशी शिक्षा को मुख्यतः तीन भागों में रखा गया है। (Inclusive education is mainly placed in three parts)

1. शारीरिक,मानसिक विकलांग

2.   अभिगमन आसक्त

3. अनुसूचितजाति , अनुसूचित जनजाति निर्धन एवं पिछड़े वर्ग के बच्चे

# समावेशी शिक्षा की आवश्यकता क्यों है?

  1. सामान्य मानसिक विकास हेतु
  2. सामाजिक एकीकरण हेतु
  3. शैक्षणिक एकीकरण हेतु
  4. समानता के सिद्धांत के अनुपालन हेतु
  5. फिजूलखर्ची कम करने हेतु

# समावेशी शिक्षा का उद्देश्य:

(Objective of Inclusive Education)

  • विशिष्ट बच्चों को आत्मनिर्भर बना कर उनको समाज में मुख्यधारा से जोड़ना
  • बच्चों में आत्मनिर्भर की भावना का विकास करना
  • यह सुनिश्चित करना कि कोई भी बच्चा हो चाहे वह शारीरिक अपंग हो अपंगता से ग्रस्त हो फिर भी उसे शिक्षा के समान अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता है
  • विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे
  • आत्मनिर्भरता की भावना का विकास करना
  • शैक्षणिक में प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना करना
  • समाज में दिव्यांग अत संबंधी फैली बुराइयों को दूर करना
  • दिव्यांग बालकों को शिक्षित कर मुख्यधारा से जोड़ना
  • लैक्टिक बालक का यह अधिकार है कि वह अपना विकास प्राप्त क्षमताओं के अनुसार कर सके शिक्षा का उद्देश्य सभी बालकों का सर्वांगीण विकास करना है
  • समावेशी शिक्षा केवल विकलांग बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि इसका अर्थ कोई भी बच्चे का बहिष्कार ना हो
  • अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए शिक्षा मुहैया कराने हेतु भारतीय संविधान की धारा ओं 15(4), 45 और 46 विशेष प्रावधान दिया गया है
  • विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे बच्चों की श्रेणी में शारीरिक रूप से अक्षम, प्रतिभा शाह, सजना, मंद बुद्धि, शैक्षणिक रूप से श्रेष्ठ एवं पिछड़े बाल अपराधी, समाज, समझ संवेग, स्थित आयुक्त आदि प्रकार के बच्चे सम्मिलित होते हैं

# मानसिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को चार वर्गों में विभाजित किया गया है

                                  मानसिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे

  1. दृष्टि बाधित
  2. श्रवण बाधित
  3. वाक् दोष
  4. अस्थि बाधित

# समावेशी शिक्षा प्रक्रिया

(1)  सामान्यीकरण

(2)  संस्था रहित शिक्षा

(3) शिक्षा की मुख्यधार

(4) समावेश

समावेशी शिक्षा से संबंधित  महत्वपूर्ण वन लाइनर इस प्रकार हैं

  • दो व्यक्तियों का संपर्क जिसमें एक व्यक्ति को किसी प्रकार की सहायता दी जाती है कहलाता है। – परामर्श
  • पिछड़े बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है।  – 85 से कम
  • वर्तमान में निशक्त बच्चों की शिक्षा को क्या कहते हैं।  –  समावेशी शिक्षा
  • वह बच्चे जो समावेशी शिक्षा से संबंधित होते हैं कहलाते हैं।  –  समावेशी बच्चे
  • टर्मन  के अनुसार प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है।  –  140 से अधिक
  • सामान्य बच्चे तथा विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों दोनों की बुद्धि लब्धि होती है।  –  90 से 110
  • डॉक्टर मुखर्जी के अनुसार,“वरिष्ठ अध्यापक अथवा प्रधान अध्यापक द्वारा किए गए मूल्यांकन को क्या कहते हैं”।  –  निरीक्षण
  • सरकारी संगठनों के नाम या परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग कौन-कौन से हैं। – 1. डायट विभाग 2.   जिला चिकित्सा 3. मनोविज्ञान शाला इलाहाबाद विभाग
  • लायंस क्लब, रोटरी क्लब, जैसी, धर्मार्थ संगठन क्या है । – गैर सरकारी संगठन है
  • बुद्धि लब्धि मापन के जन्मदाता  व बुद्धि लब्धि का सूत्र किसने दिया । –  टर्मन I.Q=M.A/C.A x100
  • दृष्टि बाधित बालक किसकी सहायता से पढ़ते हैं।  –  ब्रेल लिपि
  • श्रवण बाधित( जो सुन ना सके)  बालक को पढ़ने के लिए कौन सी भाषा प्रयुक्त  की जाती है – सांकेतिक भाषा
  • भाषा विकास का सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया । –  चौमस्की
  • प्रगतिशील शिक्षा के प्रतिपादक है। –   जॉन डीवी
  • निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा किस अनुच्छेद से  संबंधित है।  – अनुच्छेद 21(A)
  • मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र कहां पर स्थित होता है।  –  जिले पर
  • शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को सामान्यता होता है.  –  डिसग्राफिया
  • एक बच्चा जो saw को was तथा nuclear एवं unclear  में अंतर नहीं कर पाता वह ग्रस्त होता है.  -डिस्लेक्सिया से
  • एलेक्सिया क्या है। – पढ़ने की क्षमता
  • ब्रेन लिपि किन बच्चों से संबंधित है.  –  दृष्टि बाधित बच्चों से
  • अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम बताइए जो पोलियो ग्रस्त थे।  – रुजवेल्ट
  • 16 PF परीक्षण के जन्मदाता है। – रेमंड कैचर
  • मनोविज्ञान शाला की स्थापना  कब व कहा की गई। –  1947 मे इलाहाबाद (U.P)
  • मनोविज्ञान शाला की स्थापना किसके द्वारा की गई। –  आचार्य नरेंद्र देव
  • प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है – 140 से अधिक
  • मनोविज्ञान शाला का संस्था प्रमुख क्या कहलाता है।–  पदेन निर्देशक
  • शारीरिक से अक्षम, मंदबुद्धि, शैक्षणिक रूप से पिछड़े बालक तथा प्रतिभाशाली बालक कहलाते हैं।  – विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक
  • मनोविज्ञान शाला इलाहाबाद के संचालन हेतु कितने पद सृजित हैं। –  2 पद                                1. वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक  2. मनोवैज्ञानिक
  • जिला चिकित्सालय की विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व कौन करता है।  –  मुख्य चिकित्सा अधिकारी (cmo)
  • सामान्य बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है। –  90 से 110 
  • शैक्षणिक रूप से पिछड़े बालक की बुद्धि लब्धि होती है। –  85 से कम
  • 16 PF परीक्षण का प्रयोग किसके मापन हेतु किया जाता है।  –  व्यक्तित्व
  • ‘व्यावसायिक सूचना’ और ‘ अपना बालक’ समाचार पत्र है।  –  त्रैमासिक समाचार पत्र
  • मनोवैज्ञानिक समस्याओं से युक्त  पुस्तके है? – बालाघाट एवं उत्कर्ष
  • निर्देशन सेवाओं के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक तैयार करने के लिए मनोवैज्ञानिक शाला में एक सत्रीय कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता है उस कोर्स क्या नाम है –  डिप्लोमा इन गाइडेंस साइकोलॉजी
  • मनोविज्ञान शाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में मंडल स्तर पर स्थापना की है।  – मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र
  • जिला चिकित्सालय की विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व कौन करता है।  – मुख्य चिकित्सा अधिकारी
  • छोटे विद्यालयों के लिए परामर्श सेवा संगठन का कौन सा प्रारूप उपयुक्त माना जाता है?  – रेखा संगठन
  • उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम कब अस्तित्व में आया? – 1972
  • बालकों को पर्याप्त वाचिक अधिगम बंद करने के लिए बच्चों को दिया जाने वाला अनुदेशन कहलाता है।  – निर्देशन व परामर्श
  • मंद बाधित बच्चे का डेसीबल स्तर कितना होता है।  – 55  से 69 डेसीबल(बाधिता का प्रतिशत40-50%)
  • कम बाधित बच्चों का डेसीबल स्तर होता है।  –  35 से 51 डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत 40% )
  • गंभीर बाधित बच्चों का डेसीबल स्तर कितना होता है।  -70 से 89  डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत 50-75%)
  • पूर्ण बाधित गहन बाधित बच्चे बच्चों का डेसीबल कितना होता है।  –  90 से 100 डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत100%)
  • आंशिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को कितने वर्गों में बांटा जाता है । –  चार वर्गों में
  • पिछड़े बच्चों को परिभाषित करने के लिए प्रयोग करते हैं।  – शैक्षणिक लाभ भी
  • ” पिछड़े बच्चे वे होते हैं जिसकी शैक्षणिक लाभ दिया शिक्षा अंक 05 से कम ” यह कथन किसका है।  – सिरील्बर्ट का
  • प्रतिभाशाली बच्चों की शिक्षा से संबंधित बिग हर्स्ट की पुस्तक का नाम है।  – A Survey of The Education Gifted children
  • सामान्य बच्चे का आई क्यू होता है। – 90 से 110
  • व्यक्तित्व संबंधी T.A.T परीक्षण का निर्माण किसने किया। –  मुरे एवं मार्गन
  • टर्मन के अनुसार प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है।  –   140 से ऊपर
  • NIVH  का पूरा रूप क्या है।  – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअली हैंडीकैप
  • NIVH कहां स्थित है। – देहरादून
  • शारीरिक, बौद्धिक सामाजिक या अन्य स्थितियों में भेदभाव के बिना सभी बच्चों को एक साथ शिक्षा देने की व्यवस्था है।  – समावेशी शिक्षा
  • आई. ई.डी. सी .योजना किससे संबंधित है।  – विकलांग बालकों हेतु समा के थिक शिक्षा योजना
  • आई. ई.डी.एस. एस. –  केंद्र( भारत सरकार) द्वारा प्रायोजित माध्यमिक स्तर पर समावेशी शिक्षा योजना
  • पी.  डब्ल्यू.डी .योजना अधिनियम –  निशक्तजन अधिनियम( समान अवसर, अधिक, और), 1995- भारतवर्ष में विकलांगता से संबंधित विस्तृत अधिनियम है. 


इस पोस्ट में हमने child development and Pedagogy (बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के अंतर्गतसमावेशी शिक्षा (Inclusive Education), समावेशी का अर्थ , समावेशी शिक्षा का उद्देश्य, प्रस्तुत की हैं, ये CTET, UPTET, HTET , RTET , MP संविदा शाला शिक्षक  जैसी  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

इसमें हमने उन प्रश्नों को भी सम्मिलित किया है, जो कि पिछले एग्जाम्स में पूछे गए हैं यदि आप इसका पीडीएफ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज को लाइक जरूर कीजिए ,इसी तरह के महत्वपूर्ण वन लाइनर्स और स्टडी मैटेरियल एवं सरकारी नौकरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने के लिए आप  हमारी वेबसाइट exambaaz.com को बुकमार्क अवश्य कर लीजिए इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!!

“दोस्तों यदि आप child development and Pedagogy से संबंधित अन्य टॉपिक्स पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें  नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में कमेंट करके अवश्य बताएं। “

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RTE Act 2009 (शिक्षा का अधिकार अधिनियम): CTET, MPTET और सभी शिक्षक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण वन-लाइनर्स https://exambaaz.com/rte-act-2009-important-one-liners/ https://exambaaz.com/rte-act-2009-important-one-liners/#comments Fri, 07 Feb 2025 10:24:58 +0000 https://exambaaz.com/?p=792 Follow Facebook – Click Here Join us on Telegram – Click Here Follow us on Twitter – Click Here शिक्षा ...

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम  (RTE) 2009 क्या है? What is the Right to Education Act (RTE) 2009?

शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का आधार होती है, और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना उसका मौलिक अधिकार है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education – RTE) 2009 लागू किया, जो 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने की कानूनी गारंटी देता है।

इस अधिनियम का आधार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A में निहित है, जिसे 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 के तहत जोड़ा गया था। यह संशोधन शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाता है और सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि देश का प्रत्येक बच्चा बिना किसी आर्थिक बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।

RTE अधिनियम न केवल बच्चों को स्कूल भेजने की बाध्यता तय करता है, बल्कि निजी स्कूलों में भी 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान करता है। इसके अलावा, यह अधिनियम शिक्षकों की योग्यता, स्कूलों की आधारभूत संरचना, पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों को भी नियंत्रित करता है ताकि बच्चों को उच्च-स्तरीय शिक्षा मिल सके।

मुख्य उद्देश्य:

  • 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराना।
  • निजी स्कूलों में EWS वर्ग के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित करना
  • बच्चों को किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना से मुक्त शिक्षा देना।
  • ड्रॉपआउट बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • शिक्षा प्रणाली को सभी के लिए सुलभ और समावेशी बनाना

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009, सामाजिक समानता को बढ़ावा देने और शिक्षा को सभी के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे लाखों बच्चों को शिक्षा का अवसर मिला है, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हुआ है और देश की प्रगति में योगदान बढ़ा है

#RTE Act 2009 Most Important One-liner
  • Right to education (RTE) act 2009 कब लागू किया गया।  –  1 अप्रैल 2010( J&K मे नहीं)
  • निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा को मूल अधिकार के रूप में किस अनुच्छेद में से जोड़ा गया था।  – अनुच्छेद 21-A
  • शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक कक्षाओं में छात्र एवं शिक्षक का अनुपात कितना होता है।  – 1:30
  • RTE 2009 के तहत  शिक्षक के लिए 1 सप्ताह में न्यूनतम कितने घंटे कार्य होते हैं।  – 45 घंटे
  • RTE 2009 के तहत प्राथमिक स्तर पर न्यूनतम शैक्षणिक घंटे का कार्य दिवस होते हैं।  – 800 घंटे 200 दिन
  • निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा (RTE) के अधिकार में किस आयु वर्ग के बच्चों को रखा गया है।  –  4 से 14 वर्ष तक
  • RTE 2009 के तहत  प्राइवेट स्कूलों में कितने प्रतिशत सीटें निर्धन विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं।  –  25%
  • RTE को लोकसभा में कब पारित किया गया।  –  4 अगस्त 2009
  • SMC(School Management Committee)का अध्यक्ष कौन होता है।  –  अभिभावक(Parents)
  • राज्यसभा में RTE  एक्ट कब पारित किया गया।  –  20 जुलाई 2009
  • RTE  को राष्ट्रपति के द्वारा मंजूरी कब प्रदान की गई।  – 26 अगस्त 2009
  • यदि प्राथमिक स्तर पर 150 से अधिक बच्चे हो तो इनके लिए क्या प्रावधान है। – एक प्रधानाध्यापक एवं 5 शिक्षक
  • RTE 2009 के अनुसार उच्च प्राथमिक स्तर पर  अर्थात कक्षा 6 से 8 हेतु छात्र एवं शिक्षक का अनुपात  होना चाहिए।  –  35:1 (35 बच्चों पर 1 शिक्षक)
  • उच्च प्राथमिक स्तर पर  अर्थात कक्षा 6 से कक्षा 8  तक कितने बच्चे होने पर प्रधानाध्यापक की Appointment (नियुक्ति) होगी।  –  100 से अधिक
  • RTE 2009 के अनुसार कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक यदि प्रवेश दिए गए सदस्यों की संख्या 200 से अधिक है तो विद्यार्थी एवं शिक्षक का अनुपात क्या होगा।  – 40:1
  • RTE के तहत उच्च प्राथमिक स्तर पर न्यूनतम शैक्षणिक घंटे एवं कार्य दिवस होंगे।  –  1000 घंटे, 220 दिन
  • यदि प्राथमिक स्तर पर एक विद्यालय में कुल 240 बच्चे हैं तो इसके लिए कितने अध्यापक होंगे।  – 6 अध्यापक
  • RTE  2009 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर एक अध्यापक को प्रतिदिन कितने घंटे पढ़ाना होगा।  –  4 घंटे
  • RTEके तहत उच्च प्राथमिक स्तर पर एक अध्यापक को प्रतिदिन कितने घंटे पढ़ाना होगा।  –  साढे 4  घंटे
  • RTE 2009  की किस  धारा में यह बताया गया है कि  बच्चों को शारीरिक दंड देना और प्रताड़ित करना मना है।  –  धारा 17
  • RTE का Official Name क्या है।  –  निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (The right of children to free and compulsory Education Act, 2009)
  • RTE  Act – 2009 के अनुसार कितने वर्ष के अंदर प्रत्येक बसावट के पास सरकारी स्कूल होगा। –  3 वर्ष
  • कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 के लिए विद्यार्थियों के लिए विद्यालय की दूरी कितनी  होना चाहिए। –  1 किलोमीटर के अंदर
  • कक्षा 6 से 8 हेतु विद्यालय कितनी दूरी पर होगा।  – 3 किलोमीटर
  • एक 9 साल के  बच्चा जो पहले कभी स्कूल नहीं गया हो  को RTE के अनुसार किस कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।  – चौथी कक्षा में( धारा 4 के अनुसार)
  • RTE  Act – 2009 मे कुल धाराएं, अध्याय एवं अनुसूचियां कितनी है।  –  धाराएं-38, अध्याय-7, अनुसूची-1
  • किस अध्याय में सर्वाधिक धाराएं हैं।  –  अध्याय 4 (12-28) 16 धाराएं
  • RTE  Act – 2009 की किस धारा के अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति(School Management Committee) का प्रावधान है।  –  धारा 21
  • RTE धारा 17 का प्रावधान है। –  बच्चों को शारीरिक दंड नहीं देना
  • शिक्षा अधिनियम 2009 की किस धारा में छात्र एवं शिक्षक अनुपात का वर्णन है।  –  धारा 25 में
  • RTE की किस धारा में यह बताया गया है कि शिक्षक Private Tuition नहीं पढ़ा सकता।  –  धारा 28
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक्ट  (RTE) 2009 में इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।  –  14 वर्ष के पश्चात  शिक्षा
  • छात्र एवं शिक्षक अनुपात में क्या प्रधान अध्यापक शामिल होगा।  –  नहीं
  • RTE  अधिनियम 2009 के अनुसार विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को किस शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत पढ़ना चाहिए।  – समावेशी शिक्षाव्यवस्था
  • RTE एक्ट की कौन सी धारा अध्यापकों के कर्तव्य से संबंधित है।  –  धार 24
  • एक प्राथमिक विद्यालय कक्षा 1 से 5 तक में कुल 62 विद्यार्थी है RTE अधिनियम 2009 के अनुसार वह कितने शिक्षक उपलब्ध कराने होंगे।  – 3 शिक्षक
  • एक प्राथमिक शिक्षक को शिक्षक और तैयारी के लिए कितने कार्य घंटे प्रति सप्ताह RTE  एक्ट 2009 के अंतर्गत विहित किए गए हैं।  –  45
  • भारत सरकार ने बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम किस वर्ष में लागू किया था।  – 2009 में
  • भारत शिक्षा को बच्चों का मौलिक अधिकार घोषित करने वाला विश्व का कौन सा देश बन गया है।  –  135 बा
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम संपूर्ण देश में कब लागू किया गया।  – 1 अप्रैल 2010
  • निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम  (RTE) 2009 के अनुसार, 200 बालकों पर शिक्षकों की संख्या कितनी होगी।  –  5
  • निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009  (RTE) का विस्तार किस राज्य में नहीं किया गया।  –  जम्मू कश्मीर
  • (RTE) निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की कौन सी धारा राज्य सरकार को नियम बनाने की शक्ति देती है।  – धारा 38
  • कक्षा एक से पांच तक के बालकों के संबंध में विद्यालय आसपास से कितने किलोमीटर की दूरी के भीतर स्थापित किया जाएगा।   – 1 किलोमीटर
  • RTE  2009 के तहत अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए मानकों का विकास व लागू करने का अधिकार  किसे होगा।  – केंद्र सरकार
  • व्यय होगा।  – 25%
  • शिक्षा के अधिकार की प्रकृति होती है।  – संवैधानिक
  • RTE के तहत किस कक्षा तक बालक को रुकाया निष्कासित नहीं किया जा सकता है।  – कक्षा 8 तक

 RTE ACT 2009 COMPLETE NOTES FOR CTET & ALL TET  

(shiksha ka adhikar adhiniyam )RTE ACT 2009 Notes

“दोस्तों यदि आप “RTE Act -2009” से संबंधित ओर आधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में हमें कमेंट करके अवश्य बताएं।” यदि आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो,हमारे फेसबुक पेज को लाइक जरूर कीजिए। इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!

1. बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत Click  Here
2. शिक्षण विधियाँ एवं उनके प्रतिपादक/मनोविज्ञान की विधियां,सिद्धांत Click  Here
3. मनोविज्ञान की प्रमुख शाखाएं एवं संप्रदाय Click  Here
4. बुद्धि के सिद्धांत  Click  Here
5. Child Development: Important Definitions Click  Here
6. समावेशी शिक्षा Notes Click  Here
7. अधिगम  की परिभाषाएं एवं सिद्धांत Click  Here
8. बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र Click  Here
9. शिक्षण कौशल के नोट्स Click  Here
 
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BOOKS AND AUTHORS: प्रमुख पुस्तकें और उनके लेखक, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए टॉप 50 पुस्तकें https://exambaaz.com/books-and-authors-list/ https://exambaaz.com/books-and-authors-list/#respond Wed, 05 Feb 2025 14:25:00 +0000 https://exambaaz.com/?p=127 BOOKS AND AUTHORS: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में Books and Authors (पुस्तकें और उनके लेखक) एक महत्वपूर्ण विषय है। UPSC, SSC, ...

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BOOKS AND AUTHORS: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में Books and Authors (पुस्तकें और उनके लेखक) एक महत्वपूर्ण विषय है। UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, MPPSC, और अन्य परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। यदि आप किसी भी सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो प्रसिद्ध पुस्तकों और उनके लेखकों की जानकारी होना आपके लिए अनिवार्य है।

इस आर्टिकल में, हम टॉप 50 महत्वपूर्ण पुस्तकों और उनके लेखकों की सूची साझा कर रहे हैं, जो विगत परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं और आगामी परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह जानकारी न केवल आपके सामान्य ज्ञान (GK) को मजबूत करेगी, बल्कि परीक्षा में सटीक उत्तर देने में भी मदद करेगी। अतः आप इन्हें अच्छी तरह से याद कर लें ताकि आगामी परीक्षाओं में अधिक अंक प्राप्त कर सकें।

BOOKS AND AUTHORS (TOP 50 BOOKS AND AUTHORS)

  1. Mann Ki Baat – Rajesh Jain
  2. I Do What I Do – Raghuram Rajan
  3. False Lines – Raghuram Rajan
  4. Imperfect – Sanjay Manjrekar
  5. Exam Warrior – Narendra Modi
  6. Hit Refresh – Satya Nadella
  7. Speaking Truth to Power – P. Chidambaram
  8. Narendra Damodardas Modi: The Making of a Legend – Bindeshwar Pathak
  9. Charaiveti Charaiveti – Ram Naik
  10. What Happened – Hillary Clinton
  11. Mere Sapno Ka Bharat – Tarun Vijay
  12. Half Girlfriend – Chetan Bhagat
  13. Broken Republic – Arundhati Roy
  14. Making India Awesome – Chetan Bhagat
  15. The Last Man in Tower – Aravind Adiga
  16. The Best Thing About You is You! – Anupam Kher
  17. How India Sees the World – Shyam Saran
  18. Kumbh Mela – Tarun Khanna
  19. Citizen Delhi: My Time, My Life – Sheila Dikshit
  20. The Ministry of Utmost Happiness – Arundhati Roy
  21. Golden House – Salman Rushdie
  22. Unstoppable: My Life So Far – Maria Sharapova
  23. I am HIV Positive, So What! – Jayanta Kalita
  24. The Shershah of Kargil – Deepak Surana
  25. Delhi Meri Delhi: Before and After 1998 – Sheila Dikshit
  26. Indira Gandhi: A Life in Nature – Jairam Ramesh
  27. An Unsuitable Boy – Karan Johar
  28. Kadve Vachan – Tarun Sagar Maharaj
  29. The Three Mistakes of My Life – Chetan Bhagat
  30. The Darkest Dark – Chris Hadfield
  31. Cyber Pathshala – Tarun Vijay
  32. Gandhi in Champaran – Dinanath Gopal Thakur
  33. The Emergency – Surya Prakash
  34. The India Future is Now – Shashi Tharoor
  35. Red Birds – Mohammed Hanif
  36. You Can Achieve More – Shiv Khera
  37. Hema Malini: Beyond the Dream Girl – Ram Kamal Mukherjee
  38. The Best Mistake of My Life – Sanjay Khan
  39. Immortal – Krishna Udaya Shankar
  40. One Indian Girl – Chetan Bhagat
  41. Secret Diary of Kasturba – Neelima Dalmia
  42. Vested Over – Jeffrey Archer
  43. Non-Stop India – Mark Tully
  44. Fearless in Opposition – P. Chidambaram
  45. Matoshree – Sumitra Mahajan
  46. State of Freedom – Neel Mukherjee
  47. The Coalition Years – Pranab Mukherjee
  48. A Horse Walks Into a Bar – David Grossman
  49. A Brief History of Time – Stephen Hawking
  50. India After Gandhi – Ramachandra Guha
  51. Wings of Fire – Dr. A.P.J. Abdul Kalam
  52. The Discovery of India – Jawaharlal Nehru
  53. The Argumentative Indian – Amartya Sen
  54. My Experiments with Truth – Mahatma Gandhi
  55. The Story of My Experiments with Truth – Mahatma Gandhi
  56. The God of Small Things – Arundhati Roy
  57. The White Tiger – Aravind Adiga
  58. The Diary of a Young Girl – Anne Frank
  59. The Immortal Life of Henrietta Lacks – Rebecca Skloot
  60. The Subtle Art of Not Giving a F*ck – Mark Manson
  61. The Power of Now – Eckhart Tolle
  62. The Secret – Rhonda Byrne
  63. Sapiens: A Brief History of Humankind – Yuval Noah Harari
  64. Educated – Tara Westover
  65. The Road Less Traveled – M. Scott Peck
  66. A Man Called Ove – Fredrik Backman
  67. The Alchemist – Paulo Coelho
  68. The Four Agreements – Don Miguel Ruiz
  69. Atomic Habits – James Clear
  70. The Art of War – Sun Tzu
  71. The Monk Who Sold His Ferrari – Robin Sharma
  72. Becoming – Michelle Obama
  73. Steve Jobs – Walter Isaacson
  74. The Lean Startup – Eric Ries
  75. The Great Gatsby – F. Scott Fitzgerald
  76. Pride and Prejudice – Jane Austen
  77. To Kill a Mockingbird – Harper Lee
  78. The Catcher in the Rye – J.D. Salinger
  79. 1984 – George Orwell
  80. The Hunger Games – Suzanne Collins
  81. The Da Vinci Code – Dan Brown
  82. The Girl on the Train – Paula Hawkins
  83. Shantaram – Gregory David Roberts
  84. The Kite Runner – Khaled Hosseini
  85. The Help – Kathryn Stockett
  86. The Little Prince – Antoine de Saint-Exupéry
  87. A Thousand Splendid Suns – Khaled Hosseini
  88. Wuthering Heights – Emily Brontë
  89. Brida – Paulo Coelho
  90. The Fountainhead – Ayn Rand
  91. Crime and Punishment – Fyodor Dostoevsky
  92. War and Peace – Leo Tolstoy
  93. The Brothers Karamazov – Fyodor Dostoevsky
  94. Murder on the Orient Express – Agatha Christie
  95. Sherlock Holmes – Sir Arthur Conan Doyle
  96. The Adventures of Huckleberry Finn – Mark Twain
  97. The Grapes of Wrath – John Steinbeck
  98. The Old Man and the Sea – Ernest Hemingway
  99. Frankenstein – Mary Shelley
  100. Dracula – Bram Stoker
इस पोस्ट में हमने आपके साथ अति महत्वपूर्ण Books And Authors की लिस्ट प्रस्तुत की , यह आपको कैसी लगी कमेंट करके अवश्य बताइएगा और ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट exambaaz.com को विजिट करते रहिए क्योंकि हम आपके लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आते हैं ।

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Sanskrit Bhasha Ki Shikshan Vidhiyan || संस्कृत शिक्षण विधियां महत्वपूर्ण प्रश्न https://exambaaz.com/sanskrit-bhasha-ki-shikshan-vidhiyan/ https://exambaaz.com/sanskrit-bhasha-ki-shikshan-vidhiyan/#respond Wed, 05 Feb 2025 09:52:03 +0000 https://exambaaz.com/?p=5795 Sanskrit Bhasha Ki Shikshan Vidhiyan संस्कृत भाषा एक प्राचीन एवं समृद्ध भाषा है, जिसका शिक्षण एक विशेष पद्धति से किया ...

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Sanskrit Bhasha Ki Shikshan Vidhiyan

संस्कृत भाषा एक प्राचीन एवं समृद्ध भाषा है, जिसका शिक्षण एक विशेष पद्धति से किया जाता है। शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में संस्कृत शिक्षण विधियाँ (Sanskrit Bhasha Ki Shikshan Vidhiyan) एक महत्वपूर्ण विषय होता है, जिसके अंतर्गत संस्कृत शिक्षाशास्त्र, शिक्षण पद्धतियाँ और प्रभावी शिक्षण तकनीकों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

इस आर्टिकल में, हम संस्कृत भाषा शिक्षण की प्रमुख विधियों पर आधारित 20 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं, जो कि CTET, UPTET, REET, और अन्य शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। साथ ही, यह जानकारी उन शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए भी लाभकारी होगी, जो संस्कृत शिक्षण की वैज्ञानिक पद्धतियों को समझना चाहते हैं।

यदि आप संस्कृत शिक्षण में गहरी रुचि रखते हैं या आगामी शिक्षक परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह पोस्ट आपकी सफलता में सहायक होगी। आइए, संस्कृत भाषा शिक्षण की प्रभावी विधियों को विस्तार से जानें!


संस्कृत शिक्षण विधियां महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न1 लेखनकौशलस्य वृद्धिर्भवति ?

उत्तर – पत्रलेखनेन 

प्रश्न2 पठनकौशलस्य उद्देश्यमस्ति?

उत्तर – पठित्वार्थग्रहणम् 

प्रश्न3  मुख्यत: भाषाशिक्षणस्य सम्बन्ध: केन सह अस्ति?

उत्तर – ज्ञानात्मकपक्षेण 

प्रश्न4 भाषाया: कौशलानि सन्ति?

उत्तर – चत्वारि 

प्रश्न5  मुख्यरूपेण संस्कृतभाषाशिक्षणस्योद्देश्

यमस्ति?

उत्तर – संस्कृतभाषायां दक्षताप्रदानम् 

प्रश्न6 दृष्टलेखनविधे: प्रयोग: क्रियते?

उत्तर – लेखनकौशले 

प्रश्न7 लेखनकौशलस्य विधिरस्ति ?

उत्तर – मोंटेसरी विधि: 

प्रश्न8 अक्षर – शब्दस्वरूपस्य ज्ञानमस्मिन् कौशले ?

उत्तर –लेखनकौशले

प्रश्न9 “कथाविधि:” अस्य कौशलस्य विधिरस्ति?

उत्तर – पठनकौशले 

प्रश्न10  पठनकौशलस्य श्रेष्ठविधिरस्ति?

उत्तर – पदपद्धति: 

प्रश्न11  भाषाकौशलस्य क्रमश: चरणानि ?

उत्तर – श्रवणम् , भाषणम् , पठनम् , लेखनम् 

प्रश्न12 ध्वनिविज्ञानस्य सम्बन्धिते कौशले के?

उत्तर – श्रवणभाषणे 

प्रश्न13 ” प्राथमिकलक्षित: अधिगमविशेष: ” कौशलं किम् ?

उत्तर –  श्रवणकौशलम्

यह भी जाने – शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में


प्रश्न14 ” स्वजन: श्वजनो मा भूत् ” कस्मिन् कौशलप्रसङ्गे कथितम्?

उत्तर – भाषणकौशले

प्रश्न15 संस्कृतभाषायां कथितादेशानुसारेण कार्य-सम्पादनेन विकासो भवति ?

उत्तर – श्रवणकौशलस्य 

प्रश्न16  ” बलाघात: ” इति कदा प्रयुक्तो दृश्यते ?

उत्तर –  मौखिकाभिव्यक्त्याम् 

प्रश्न17 भाषणकौशलहेतु आवश्यकं नास्ति?

उत्तर – विद्वत्ता 

प्रश्न18 भाषाया: कौशलं नास्ति ?

उत्तर –  चिन्तनम् 

ये भी पढे :संस्कृत साहित्य महत्वपूर्ण प्रश्न



प्रश्न19 अभिव्यक्तिर्लिखिता, अस्य कौशलस्य उद्देश्यम्?

उत्तर –  लेखनम्

प्रश्न20 श्रेष्ठपाठकस्य गुणेषु एतन्नास्ति?

उत्तर – यथालिखितपाठक: 

प्रश्न21 श्रवणभाषणकौशलञ्च विकास: भवतीह?

उत्तर – पाठशालाविधि: 

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Relation Name In Sanskrit

संस्कृत में रिश्तों के नाम: पारिवारिक संबोधनों की समृद्ध परंपरा

संस्कृत भाषा में हर संबंध का एक विशिष्ट और सुंदर नाम होता है, जो न केवल परिवार की गरिमा को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई को भी प्रकट करता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और संस्कृत अध्ययन के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है।

इस आर्टिकल में, हम सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को संस्कृत में किस नाम से पुकारा जाता है, यह विस्तार से जानेंगे। यह जानकारी न केवल छात्रों के लिए उपयोगी है, बल्कि उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो संस्कृत भाषा को गहराई से समझना चाहते हैं। नीचे दी गई सूची में, रिश्तों के नाम उनके हिंदी और संस्कृत अर्थों के साथ दिए गए हैं, जिससे आपको इन्हें याद रखने में आसानी होगी।

संस्कृत में रिश्तों के नाम (Relation Name In Sanskrit)

संस्कृत नाम हिंदी में अर्थ
स्वसृ बहन
स्वसृपतिः बहनोई
पितृष्वसा बुआ (फुआ)
पितामहः बाबा (दादा)
भ्रातृजः भतीजा
भ्रातृजा भतीजी
भ्राता भाई
माता माता
पिता पिता
पितृव्यः चाचा
पितृव्यः-पुत्रः चचेरा भाई
पितृव्यपत्नी चाची
अनुजः छोटा भाई
जामाता दामाद
देवृ देवर
पितामही दादी
ननादृ ननद
नप्तृ नाती
पौत्रः पोता
पौत्री नतिनी
मातामहः नाना
पतिः पति
प्रमातामहः परनाना
प्रपितामहः परदादा
मातृष्वसृपतिः मौसा
श्वसुरः ससुर
सहोदरः सगा भाई
मातुलः मामा
मातुली मामी
मातुल पुत्रः मामा का पुत्र
स्वामी मालिक
मित्रम् मित्र
पुत्रवधूः पुत्र की पत्नी
स्नुषा पुत्रवधू
पितृष्वसृपतिः फूफा
पितृष्वस्त्रीयः फुफेरा भाई
अग्रजः बड़ा भाई
अग्रजा बड़ी बहन
भ्रातृजाया भाभी
भागिनेयः भानजा
प्रपितामही परदादी
आत्मजः पुत्र
आत्मजा पुत्री
श्यालः साला
श्वश्रूः सास

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