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Hindi pedagogy Notes : भाषा कौशल (Language skill) For CTET & All State Exam

Hindi pedagogy Notes

Hindi pedagogy Notes

Hindi pedagogy Notes (Language skill)

आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ हिंदी पेडागोजी (Hindi pedagogy Notes) के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक भाषा कौशल (Language skill) के नोट्स आप सभी के साथ शेयर कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे भाषा कौशल(Bhasha Kaushal), श्रवण कौशल (Shravan Kaushal),वाचन कौशल( Vachan Kaushal),पठन कौशल( Pathan Kaushal),लेखन कौशल( lekhan Kaushal) ,इसके साथ ही भाषा कौशल का उद्देश्य, भाषा कौशल का महत्व, एवं इसकी शिक्षण विधियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। भाषा कौशल  को चार भागों में बांटा गया है। इस आर्टिकल में भाषा कौशल(Language skill) के चारों प्रकारों को विस्तार पूर्वक बताने का प्रयास किया गया है, जोकि आने वाली परीक्षा जैसे की CTET, UPTET, TGT, & ALL State Exam  के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक है।

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भाषा कौशल (Language skill)

भाषा कौशल को चार भागो में बांटा गया है।

1.श्रवण कौशल ( सुनकर अर्थ ग्रहण करने का कौशल)

2. वाचन कौशल( बोलने का कौशल)

3. पठन कौशल( पढ़कर अर्थ ग्रहण करने का कौशल)

4. लेखन कौशल( लिखने का कौशल)

1 श्रवण कौशल (Shravan Kaushal)

श्रवण कौशल का महत्व

श्रवण कौशल शिक्षण के उद्देश्य

श्रवण कौशल विकसित करने की शिक्षण विधियां

1  कहानी सुनाना  – कहानी के द्वारा बच्चों का ध्यान सुनने की तरफ आकर्षित किया जा सकता है

2  प्रश्नोत्तर विधि-  कक्षा में शिक्षण के दौरान अध्यापक पठन सामग्री को आधार बनाकर प्रश्न पूछता है छात्र यदि सही से पाठ को सुनेगा तभी उत्तर दे पाएगा।  पठित सामग्री के आधार पर प्रश्न पूछने से छात्र कक्षा में पढ़ाई गई बातों को ध्यान पूर्वक सुनेंगे।

3 भाषण विधि-  प्रायः यह मौखिक कौशल को विकसित करने का साधन है।  किंतु छात्रों को पहले यह बता दिया जाता है, की भाषण को ध्यान से सुने।

5  कविता सुनाना श्रवण कौशल को विकसित करने के लिए छात्रों को कविता सुनाई जाती है।

श्रवण कौशल के शिक्षण हेतु श्रवण दृश्य सहायक सामग्री

1 टेप रिकॉर्डर
2 रेडियो
3 चलचित्र
4 ग्रामोफोन
5 वीडियो
6 कंप्यूटर

2 वाचन कौशल(Vachan Kaushal)

वाचन कौशल का महत्व

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वाचन कौशल के उद्देश्य

वाचन कौशल विकसित करने की शिक्षण विधियां

1 वार्तालाप-  शिक्षक को चाहिए कि वह प्रत्येक छात्र को वार्तालाप में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। वार्तालाप का विषय छात्रों की मानसिक, बौद्धिक स्तर के अनुसार ही होना चाहिए।

2  सस्वर वाचन –  पहले शिक्षक को पाठ पढ़ाना चाहिए, बाद में छात्रों से सस्वर वाचन (बोल – बोलकर पढ़ाना) कराना चाहिए।

3   प्रश्नोत्तर-  शिक्षक को चाहिए कि वह छात्रों से पढ़ाए गए विषय के संबंध में प्रश्न उत्तर करें।

4  कहानी व कविता सुनाना- शिक्षक को छात्रों को वाचन कौशल के अंतर्गत कहानी एवं कविता सुनानी चाहिए।

5  चित्र वर्णन-  छोटी कक्षा के बच्चे चित्र देखने में रुचि देते हैं।  चित्र दिखाकर उसके बारे में छात्रों से पूछा जा सकता है।

6 वाद विवाद

7  नाटक प्रयोग

8  भाषण

9  समूह- विचार विमर्श, वर्णमाला  विधि, अक्षर विधि

वाचन के प्रकार

1 सस्वर वाचन –  बोल बोल कर( स्वर्ग के साथ)\ छोटी कक्षाओं हेतु

2 मौन वाचन-  मन- मन में\ बड़ी कक्षा के लिए

आदर्श वाचन-  पाठ पढ़ते समय जब शिक्षक स्वयं बोल- बोलकर पढ़ाता है तो उसे आदर्श वाचन कहते हैं।

अनुकरण वाचन-  जब छात्र शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ का अनुकरण करके पाठ को बोल कर पढ़ते हैं, तो वह अनुकरण वाचन कहलाता है।

सावधानियां

1  शिक्षक स्वयं सही उच्चारण करें।

2  यदि कोई छात्र प्राकृतिक कारणों से शुद्ध उच्चारण पाता है, तो उसके माता-पिता को सूचित करें तथा उचित चिकित्सा करवाएं।

3  बोलने में कठिनाई अनुभव करने वाले छात्रों को अधिक से अधिक बोलने का अवसर प्रदान कराएं।

4  बालकों में  संकोच, झिझक, आदि ना आए।

5  बोलते समय छात्र सही स्वर,लय भावपूर्ण वाणी का ध्यान रखें,यह देखना चाहिए।

3 पठन कौशल(Pathan Kaushal)

पठन कौशल के प्रकार

पठन कौशल के दो प्रकार होते हैं जो कि इस प्रकार है।

1 सस्वर पठन

2  मौन पठन

1  सस्वर पठन-  स्वर सहित पढ़ते हुए अर्थ ग्रहण करने को सस्वर पठन कहा जाता है वर्णमाला में लिपिबद्ध प्रणव  की पहचान सस्वर पठन के द्वारा ही कराई जाती है यह पठान की प्रारंभिक अवस्था होती है।

सस्वर पठन के गुण-

सस्वर पठन को पुनः दो भागों में बांटा गया है।

1  वैयक्तिक पठान( individual reading)

2  सामूहिक पठन(Group reading)

  2 मौन पठन- लिखित सामग्री को चुपचाप बिना आवाज निकाले मन ही मन में पढ़ना मौन पठन कहलाता है।

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   महत्व एवं गुण-

मौन पठन के भेद–  मौन पठन के दो भेद होते हैं

1  गंभीर पठान(serious)

2 द्रतु पठन (quick)

गंभीर पठन

1   भाषा पर अधिकार करना।

2  केंद्रीय भाव की खोज करना।

3  विषय वस्तु पर अधिर  करना।

4  नवीन सूचना एकत्र करना। 

द्रतु पठन

1 सीखी हुई भाषा का अभ्यास करना।

2 खाली समय का सदुपयोग करना।

3  आनंद प्राप्त करना।

4  सूचनाएं एकत्रित करना तथा साहित्य का परिचय प्राप्त करना।

पठन कौशल का महत्व

पठन कौशल के उद्देश्य

1  बालकों को सही स्वार्थ तथा भाव के अनुसार पढ़ाना सिखाना तथा भाव को ग्रहण करना चाहिए।

2  शुद्ध पठन सिखाना।

3 पठान के द्वारा छात्र विराम चिन्ह, अर्धविराम आदि चिन्हों का प्रयोग समाज जाता है।

4  पठन से स्वाध्याय की प्रवृत्ति जागृत करना।

5  सही उच्चारण,, ध्वनि, उचित बल आदि पठन से छात्र सीख जाता है।

6  पठन से शब्द भंडार में वृद्धि होती है।

 पठन कौशल की शिक्षण विधियां 

1   वर्णबोध विधि –  इसमें पहले वर्णनो का ज्ञान कराया जाता है।  स्वर पहले, व्यंजन बाद में फिर मात्राओं का ज्ञान कराया जाता है।

2  ध्वनि साम्य विधि – इसमें समान उच्चारण वाले शब्दों को साथ साथ सिखाया जाता है।

3   स्वरोच्चारण विधि – इसमें 12 कड़ी को आधार माना जाता है,क ,का ,के ,की ,कि,को इस विधि में अक्षरों एवं शब्दों को उनकी स्वर ध्वनि के अनुसार पढ़ाया जाता है।

4 देखो और कहो विधि-  इसमें शब्द से संबंधित चित्र दिखाकर शब्द का ज्ञान कराया जाता है।  यह विधि मनोवैज्ञानिक है। कई बार देखने सुनने और बोलने से वर्णो के चित्र मस्तिष्क पर अंकित हो जाते हैं।

5  वाक्य विधि-  इस विधि में वाक्य या वाक्यांशों में बालक बोलता है।  पहले वाक्य फिर शब्द, फिर वर्ण- इस प्रकार क्रम में बच्चों को पढ़ाना सिखाया जाता है।

6 कहानी विधि-  इस विधि में बच्चों को कहानी सुनाई जाती है।

7  अनुकरण विधि-  यह विधि “देखो और कहो” विधि का दूसरा स्वरूप है।  इसमें अध्यापक एक-एक शब्द बालकों के समक्ष कहता है, और छात्र उसे दोहराते हुए अनुकरण करते हैं।  इस प्रकार छात्र शब्द ध्वनि का उच्चारण एवं पढ़ना सीखते हैं।
पठन संबंधित त्रुटियां

1  अटक अटक कर पढ़ना।

2  अनुचित मुद्रा, पुस्तक को आंखों के निकट या दूर रखना।

3  अशुद्ध उच्चारण।

4  अनियमित गति।

5  भाव के अनुसार आरोह- अवरोह का अभाव।

दोस्तों इस पोस्ट में हमने आप के साथ Hindi Pedagogy (Notes) के important notes आपके साथ शेयर किए हैं। अगर आप शिक्षक भर्ती से संबंधित अन्य नोट्स या Study material प्राप्त करना चाहते हैं इसके लिए आप हमारी वेबसाइट Exambaaz.com को बुकमार्क अवश्य कर लें ताकिअन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारियों की सूचना आप तक पहुंच सके। आशा है, यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!!! 

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