भारत में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई है। इससे पहले 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई थी। देश मे अब तक दशको पुरानी शिक्षा नीति लागू थी जिससे देश मे शिक्षा का स्तर मे सुधार नहीं हो रहा था। इस आर्टिकल मे हम भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति 2020 के महत्वपूर्ण विन्दुओ पर चर्चा करेंगे साथ ही आप केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की Official PDF इस आर्टिकल मे प्राप्त कर सकते है जिसकी डाउनलोड लिंक नीचे दी गई है।
मोदी सरकार ने 2016 से ही नई शिक्षा नीति लाने की तैयारियां शुरू कर दी थी और इसके लिए टीएसआर सुब्रहमण्यम कमेटी का गठन भी हुआ था, जिन्होंने मई, 2019 में शिक्षा नीति का अपना मसौदा (ड्राफ्ट) केंद्र सरकार के सामने रखा। लेकिन सरकार को वह ड्राफ्ट पसंद नहीं आया।
इसके बाद सरकार ने वरिष्ठ शिक्षाविद् और जेएनयू के पूर्व चांसलर के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया। के. कस्तूरीरंगन की कमेटी ने एक नए शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया, जिसे सार्वजनिक कर केंद्र सरकार ने आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए थे। देश के इस नए शिक्षा नीति 2020 के इस ड्राफ्ट पर आम से खास लाखों लोगों के सुझाव मागे गए थे जिसमे लाखो, विद्यार्थी, अभिभावक, अध्यापक से लेकर बड़े-बड़े शिक्षाविद्, विशेषज्ञ, पूर्व शिक्षा मंत्रियों और राजनीतिक दलों के नेता ने अपने विचार दिये थे।
इसके अलावा संसद के सभी सांसदों और संसद की स्टैंडिंग कमेटी से भी इस बारे में सलाह-मशविरा किया गया था, जिसमें सभी दलों के लोग शामिल थे। इसके बाद लगभग 66 पन्ने (हिंदी में 117 पन्ने) की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई।
Important Points of New National Education Policy 2020
भारत सरकार द्वारा जारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मुख्य बातें इस प्रकार है:
- NEP के अनुसार, 2030 तक SDG4 4 से जुडी ECCE से माध्यमिक शिक्षा तक सार्वभौमिकता होगी।
- 2025 तक नेशनल मिशन के माध्यम से फाउंडेशनल लर्निंग और न्यूमेरसी कौशल प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- NEP के अनुसार, 2030 तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक 100% GEW होगी।.
- 2023 तक, शिक्षकों को मूल्यांकन सुधारों के लिए तैयार किया जाएगा।.
- समावेशी और समान शिक्षा प्रणाली के प्रावधान के लिए 2023 तक का लक्ष्य रखा गया है।
- बोर्ड परीक्षा में रट्टा लगाने के बजाय बच्चे के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, इसलिए मुख्य अवधारणाओं और ज्ञान के अनुप्रयोग का टेस्ट होगा।
- यह लक्ष्य रखा गया हैं कि हर बच्चे को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के साथ एक कौशल प्राप्त हो।
- सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सीखने के एक मानक होंगे और शुल्क भी एक समान बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मे किए गए है ये सुधार
- 10 + 2 बोर्ड संरचना को हटाकर अब नई संरचना 5 + 3 + 3 + 4 होगी।
- नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 5 वीं तक यह प्री स्कूल होगा, 6 से 8 वीं मिडल स्कूल और 8 से 11 वीं हाई स्कूल होगा, जबकि 12 वीं से आगे ग्रेजुएशन होगा।
- 6 वीं कक्षा के बाद छात्र व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का चयन कर सकते हैं और 8 वीं से 11 वीं के छात्र अपनी पसंद के विषय चुन सकते हैं।
- सभी स्नातक पाठ्यक्रमों में मेजर और माइनर विषयों का प्रावधान होगा।
- रट्टा लगाने के बजाय छात्र के विषय के मूल ज्ञान के टेस्ट को लक्ष्य बनाया गया है।
- यह निर्णय लिया गया है कि 5 वीं कक्षा तक शिक्षण की भाषा मातृभाषा होगी। त्रिभाषा फार्मूला लागू होगा और उच्च शिक्षा तक संस्कृत को विकल्प के रूप में दिया जाएगा।
- राज्य अपनी पसंद की भाषा चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे और उन पर कुछ भी दबाव नहीं होगा।
- किसी छात्र के रिपोर्ट कार्ड में छात्रों के अकादमिक मार्क्स के स्थान पर छात्र की कौशल और क्षमताओं का व्यापक रिपोर्ट होगा।
- राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य बुनियादी साक्षरता और न्युमेरेसी पर ध्यान केंद्रित करना है।
- पाठ्यक्रम के शैक्षणिक संरचना में बड़े बदलाव के बजाय संकाय में बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं।
- व्यावसायिक तथा शैक्षणिक और पाठ्यक्रम सम्बन्धी तथा पाठ्येतर के बीच के सभी तरह की बाधाओं को भी दूर किया जाएगा।