प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): (UPTET 2021 B.ed and D.EL.Ed candidate dispute): यूपीटीईटी यानी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है, हाईकोर्ट ने यूपीटीईटी परीक्षा 2021 में सफल हुए अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान हाई कोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को प्राइमरी लेवल में असिस्टेंट टीचर के रूप में नियुक्ति को लेकर रोक लगाई थी, इसी आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतीक मिश्रा और अन्य लोगों की ओर से याचिका दाखिल की गई है इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने यूपीटीईटी 2021 में सफल अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक नियुक्त करने के संबंध में एनसीटीई ने कोई नया आदेश जारी किया है या नहीं.
आख़िर क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में B.Ed व D.El.Ed ( डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) अभ्यर्थियों के मध्य विवाद अब कोर्ट तक पहुंच चुका है दरअसल राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई ने 28 जून 2018 को बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच तक) के शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए मान्य कर दिया था जिसका डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा विरोध भी किया गया था. वर्तमान में प्रदेश में 12 लाख से अधिक बीएड डिग्री धारक है तो वही डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या 6 से 7 लाख है, डीएलएड प्रशिक्षकों की मांग है B.Ed का कोर्स माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए तैयार किया गया है. ऐसे में प्राथमिक स्तर शिक्षक भर्तियों में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल न किया जाए और इसी को लेकर डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं.
यूपी टीईटी मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी
23 जनवरी 2022 को आयोजित की गई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट 8 अप्रैल को जारी किया गया था जिस के सर्टिफिकेट जारी करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई को करने का आदेश दिया गया है.
News Source- Navbharat times
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