उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल शिक्षक बनने के लिए हर वर्ष लाखों अभ्यर्थी B.Ed, D.El.Ed तथा BTC जैसे कोर्सेज में दाखिला लेते हैं. परंतु लंबे समय से प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती न होने से अभ्यर्थी काफी निराश हैं, परंतु अब जल्द ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हजारों पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है. उत्तर प्रदेश में प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी स्कूल शिक्षकों की भर्ती सुपर टेट परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा सुपर टेट परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को यूपी टेट परीक्षा पास करना आवश्यक होता है.
कब होगी यूपी टेट परीक्षा?
यदि आप भी उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए यूपी टेट परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको एक सही रणनीति के साथ पढ़ाई करना आवश्यक है, आपको बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा याने यूपीटीईटी का आयोजन “नए शिक्षक सेवा चयन आयोग” द्वारा किया जाएगा. यूपी टेट परीक्षा का नोटिफिकेशन जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर जारी होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त माह में यूपी टेट 2023 नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है जबकि परीक्षा का आयोजन अक्टूबर या नवंबर माह में होना संभावित है.
यूपी टेट परीक्षा में सफलता पाने के लिए फॉलो करें यह टिप्स (UPTET Exam Preparation Tips)
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में दो पेपर आयोजित किए जाते हैं, ऐसे अभ्यर्थी जो कक्षा 1 से 5 के शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें level-1 परीक्षा पास करनी होती है जबकि कक्षा 6 से 8 के शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थी को level-2 परीक्षा पास करनी होती है.
यूपी टेट परीक्षा का सिलेबस काफी बड़ा है और इसीलिए सिलेबस को एक सही रणनीति के साथ पढ़ाई करने पर पूरा किया जा सकता है. इसलिए कैंडिडेट को एक टारगेट बनाकर सब्जेक्ट वाइज तैयारी करना जरूरी है ताकि परीक्षा से पहले से सभी विषयों पर अच्छी पकड़ बनाई जा सके. यहां हम कुछ खास टिप्स आपके साथ शेयर कर रहे हैं जो आपको यूपी टेट परीक्षा में सफलता हासिल करने में मदद करेंगी
सिलेबस को समझें:
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए कैंडिडेट को सबसे पहले उस परीक्षा के सिलेबस को जानने तथा समझना बेहद जरूरी होता है, और यही बात यूपी टेट परीक्षा पर लागू होती है. यूपी टेट परीक्षा का सिलेबस काफी बड़ा है और इसीलिए कैंडिडेट को सिलेबस के मुताबिक ही पढ़ाई की रणनीति बनाना चाहिए. यूपी टेट परीक्षा का विस्तृत सिलेबस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं अथवा नीचे दिए गए लिंक से आप नवीनतम सिलेबस प्राप्त कर सकते हैं.
अच्छे स्टडी मटेरियल का चुनाव:
शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी के लिए कैंडिडेट को अच्छे स्टडी मटेरियल का चुनाव करना बेहद जरूरी है, बाजार में यूपीटीईटी परीक्षा की तैयारी के लिए सैकड़ों किताबें उपलब्ध हैं ऐसे में कैंडिडेट को सही पुस्तक का चयन करना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही कैंडिडेट को पढ़ाई के साथ-साथ स्वयं के लिखे हुए नोट्स तैयार करना चाहिए जो कैंडिडेट को परीक्षा के समय रिवीजन करने में बहुत मदद करेंगे.
प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर का करें अभ्यास
एक्सपोर्ट द्वारा बताया गया है कि यूपी टेट परीक्षा में 30 से 40% सवाल पिछली परीक्षाओं से ही पूछे जाते हैं ऐसे में अभ्यर्थी को प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर जरूर सॉल्व कर लेना चाहिए । उदाहरण के लिए 28 नवंबर 2021 को आयोजित हुए यूपी टेट पेपर में बहुत से सवाल प्रीवियस ईयर से पूछे गए थे, हालांकि पेपर लीक होने के चलते परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था.
मॉक टेस्ट टेस्ट सीरीज का करें अभ्यास
अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि परीक्षा के अंतिम दिनों में उन्हें रोज एक या फिर 2 दिन में एक बार मॉक टेस्ट का अभ्यास जरूर करना चाहिए. मॉक टेस्ट देने के बाद उसका उसका एनालिसिस जरूर करें तथा जो टॉपिक /सब्जेक्ट वीक हो उस टॉपिक को बुक /नोट्स से दोबारा रिवाइज करें. ऐसा करके अभ्यर्थी ना सिर्फ अपनी गलतियों को सुधार सकेंगे साथ ही प्रश्नों को हल करने की स्पीड में भी इजाफा होगा, जिससे परीक्षा हॉल में नियत समय पर सभी प्रश्नों के उत्तर दे पाएंगे.
महत्वपूर्ण टॉपिक का अभ्यास पहले करें
अक्सर देखा गया है कि परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी उन टॉपिक्स पर भी ज्यादा समय दे देते हैं, जिनसे परीक्षा में कम सवाल या फिर ना के बराबर सवाल पूछे जाते हैं इसीलिए अभ्यर्थी को उन टॉपिक्स को सबसे पहले तैयार करना चाहिए जहां से सबसे ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं.
रिवीजन पर दें विशेष ध्यान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए पढ़ाई के साथ रिवीजन करना बेहद आवश्यक है बिना रिवीजन के परीक्षा में सवाल का सही उत्तर देने में कठिनाई हो सकती है इसीलिए आप दिन भर में जो भी पढ़ते हो रात में सोने से पहले उसका क्विक रिवीजन जरूर कर लें.
पढ़ाई के बीच में ब्रेक जरूर लें
विशेषज्ञों के अनुसार पढ़ाई के बीच बीच में ब्रेक लेना बेहद आवश्यक है ऐसा करने से एकाग्रता बनी रहती है मनोचिकित्सक व मनोवैज्ञानिक का मानना है कि 50 मिनट तक पढ़ने के बाद एकाग्रता का स्तर घटता है इसीलिए पढ़ाई के बीच में 5 मिनट का ब्रेक जरूर लेना चाहिए.
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