What is TAKING THE KNEE? All you need to know: हाल ही में आप ने विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों को खेल के पहले या खेल के बाद में अपने घुटनों पर बैठकर “ब्लैक लाइफ मैटर मोमेंट” का समर्थन करते देखा होगा, परंतु क्या आप जानते हैं इस ब्लैक लाइफ मूवमेंट की शुरुआत कैसे हुई? और क्यों इसे पूरे विश्व समुदाय से समर्थन मिल रहा है? इन सभी सवालों के जवाब हम यहां आपको देने वाले हैं।
खिलाड़ियों द्वारा घुटने के बल बैठकर “ब्लैक लाइफ मूवमेंट” के सपोर्ट को अंग्रेजी में “TAKING THE KNEE” कहा जाता है इसके पीछे का इतिहास वैसे तो काफी पुराना है परंतु स्पोर्ट्स की दुनिया में इस मूवमेंट की शुरुआत वर्ष 2016 से हुई थी जब अमेरिका में एक फुटबॉल मैच के दौरान कॉलिन और एलिट्रिक नाम के दो खिलाड़ियों ने खेल की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रगान के दौरान अपने घुटनों पर बैठकर “TAKING THE KNEE” मूवमेंट का समर्थन किया हालांकि उनके इस कदम की उस समय पूरे अमेरिका में आलोचना की गई थी। इन दोनों खिलाड़ियों का कहना था कि हम देश के झंडे के आगे गर्व से खड़े नहीं हो सकते, क्योकि यहाँ काले रंग के लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है तथा उन्हें मारा जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार “TAKING THE KNEE” का विरोध कर चुके हैं।
TALKING THE KNEE” की शुरुआत कैसे हुई?
इस मूवमेंट की शुरुआत सन 1950 मे उस समय हुई, जब अमेरिका में अफ्रीकन अमेरिकी अपने साथ होने वाले रंगभेद की लड़ाई लड़ रहे थे। उस समय मार्टिन लूथर किंग जोकि उस समय के एक बड़े सिविल राइट्स एक्टिविस्ट थे रंगभेद आंदोलन मे उनके व उनके समर्थकों पर पुलिस द्वारा होने वाली प्रताड़ना के दौरान वे “TAKING THE KNEE” करके अपना विरोध दर्शाते थे। उस समय अमेरिका के कई राज्यो मे ब्लॅक स्किन लोगो के साथ भेद भाव किया जाता था।
ब्लैक लाइफ मैटर मूवमेंट समर्थन में घुटनों पर ही क्यों बैठा जाता है?
19वीं शताब्दी में यूएसए के बहुत ही प्रसिद्ध आर्टिस्ट Josiah Wedgwood ने उस समय काले लोगों पर हो रहे अत्याचार को लेकर एक Pottered बनाई थी। जिसमें एक काले आदमी के हाथों को जंजीरों से बंधे हुए अपने घुटनों पर बैठे दिखाया गया था जिसमें दर्शाया गया था “I AM NOT A MAN AND A BROTHER “ यानी कि मैं एक आदमी नहीं हूं और ना ही किसी का भाई हूं, उस समय यह पॉटरी कॉफी फेमस हुई थी और “TAKING THE KNEE” की शुरुआत यहीं से हुई थी।
आज सारे विश्व मे इस मूवमेंट को समर्थन मिल रहा है इस बार के ओलेंपिक्स गेम के दौरान भी एथलेटिक्स ने “TALKING THE KNEE” करके इस मोवमेंट को अपना समर्थन दिया है। हाल ही मे हुए T 20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मेच मे भारतीय खिलाड़ियो ने अपने घुटनो के बल बेठ कर “ब्लैक लाइफ मूवमेंट” का समर्थन किया था तब से ये सारे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
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