विराम चिन्ह या Punctuation Marks का व्याकरण मे बहुत अधिक महत्व है। हिन्दी व्याकरण मे विराम चिन्ह एक महत्वपूर्ण अध्याय है, हिन्दी को शुद्ध रूप से पढ़ने-लिखने मे विराम चिन्हो का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जाता है। इस आर्टिकल मे हम हिन्दी व्याकरण के इस महत्वपूर्ण अध्यायय PUNCTUATION MARK (विराम चिह्न) का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। यह आर्टिकल स्कूल के विध्यार्थीयो के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे युवाओ के लिए महत्वपूर्ण है, यहा हम PUNCTUATION MARK (विराम चिह्न) को उदाहरण सहित समझेंगे।
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विराम चिन्ह क्या है? (what is punctuation marks)
विराम शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ठहराव। एक व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए उसे समझाने के लिए, किसी कथन पर बल देने के लिए आश्चर्य आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए, कहीं कम समय के लिए तो कहीं अधिक समय के लिए ठहरता है। भाषा के लिखित रूप मे उक्त ठहरने के स्थान पर जो निश्चित संकेत चिह्न लगाए जाते हैं उन्हें विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिह्न के प्रयोग से भाषा में स्पष्टता आती है और भाव समझने में सुविधा होती है।
विराम शब्द वि + रम् + घं से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ “ठहराव” या “रुकना” होता हैं।
भिन्न-भिन्न प्रकार के भावों और विचारों को स्प्ष्ट करने के लिए वाक्य के बीच में या अंत में प्रयोग होने वाले चिन्हों को विराम चिन्ह कहाँ जाता हैं।
उदाहरण :
- राम स्कूल जा रहा हैं। (सामान्य सूचना)
- ताजमहल किसने बनवाया? (प्रश्नवाचक)
- राम आता हैं! (आश्चर्य का भाव)
यदि किसी भी वाक्य में विराम चिन्ह का प्रयोग सही से न किया जाए तो वाक्य अर्थहीन हो जाता हैं या फिर एक दूसरे के विपरीत हो जाता हैं इसलिए वाक्य में विराम चिन्ह लगाना आवश्यक होता हैं।
उदाहरण :
- उसे रोको मत जाने दो।
- उसे रोको, मत जाने दो। (इस वाक्य में न जाने देने की बात हो रही हैं।
- उसे रोको मत, जाने दो। (इस वाक्य में जाने देने की बात हो रही हैं।
ऊपर आपने देखा वाक्य तो एक हैं लेकिन विराम चिन्ह की वजह से वाक्य के अर्थ भी बदल रहे हैं।
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हिन्दी में निम्न विराम चिह्न प्रयुक्त होते हैं:- (The following punctuation marks are used in Hindi)
हिंदी विराम चिन्ह लिस्ट:
- अल्प विराम ,
- अर्द्ध विराम ;
- अपूर्ण विराम :
- पूर्ण विराम ।
- प्रश्न सूचक चिह्न ?
- सम्बोधन चिह्न !
- विस्मय सूचक चिह्न !
- अवतरण चिह्न/उद्धरण चिह्न/उपरिविराम – (i) इकहरा ‘ ’ (ii) दुहरा ‘‘ ’’
- योजक चिह्न/समासचिह्न –
- निदेशक ——-
- विवरण चिह्न :——
- हंसपद/विस्मरण चिह्न ˆ
- संक्षेपण/लाघव चिह्न 0
- तुल्यता सूचक/समता सूचक =
- कोष्ठक ( ) { } [ ]
- लोप चिह्न …….
- इतिश्री/समाप्ति सूचक चिह्न -0- — —
- विकल्प चिह्न /
- पुनरुक्ति चिह्न ’’ ’’
- संकेत चिह्न *
विराम चिह्न (PUNCTUATION MARK) – परिभाषा एवं उदाहरण
नीचे हिन्दी भाषा मे प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न विराम चिन्हो की परिभाषा तथा उनके प्रयोग को विस्तार से बताया गया है-
अल्प विराम ,
जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं अथार्त एक से अधिक वस्तुओं को दर्शाने के लिए अल्प विराम चिन्ह (,) लगाया जाता है।
उदाहरण :
- मोहन, जरा बाजार चले जाना।
- सोहन, जरा मेरे पास आना।
- राम, लक्ष्मण और सीता वनवास गए।
- मैंने भारत में पहाड़, झरने, नदी, खेत, ईमारत आदि चीजें देखीं थी।
- भारत देश में गेंहू, चना, बाजरा, धान, मक्का आदि बहुत सी फसलें उगाई जाती हैं।
- राम, सीता, लक्षम और हनुमान ये सभी भगवान् के रूप में पूजे जाते हैं।
अर्द्ध विराम ; (Semi Colon)
पूर्ण विराम से कुछ कम, अल्पविराम से अधिक देर तक रुकने के लिए अर्ध विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। एक वाक्य या वाक्यांश के साथ दूसरे वाक्य या वाक्यांश का संबंध बताना हो तो वहाँ अर्द्ध विराम (;) का प्रयोग होता है।
उदाहरण :
- सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया।
- कल रविवार है; छुट्टी का दिन है; आराम मिलेगा।
- सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए।
अपूर्ण विराम :
समानाधिकरण उपवाक्यों के बीच जब कोई संयोजक चिह्न न हो।
उदाहरण :
- छोटा सवाल : बड़ा सवाल
- परमाणु विस्फोट : मानव जाति का भविष्य
पूर्ण विराम ।
जब वाक्य खत्म हो जाता है तब वाक्य के अंत में पूर्ण विराम (।) लगाया जाता है।
उदहारण :
- राम खाना खाता है।
- मोहन स्कूल जाता है।
- राम जा दोस्त मोहन है।
- मैंने अपना काम पूरा कर लिया।
प्रश्न सूचक चिह्न ?
प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में ‘प्रश्नसूचक चिन्ह’ (?) का प्रयोग किया जाता है।
उदहारण :
- रामू क्या खा रहा है?
- राम बाजार से क्या लेकर आया था?
- सीता के पिता का क्या नाम था?
- वो बाजार क्यों गया था?
- रामजी ने रावण को क्यों मारा था?
सम्बोधन चिह्न !
जब किसी को पुकारा या बुलाया जाय।
उदहारण :
- हे प्रभो ! अब यह जीवन नौका तुम्हीं से पार लगेगी।
- मोहन ! इधर आओ।
विस्मय सूचक चिह्न !
विस्मयादिसूचक चिह्न विस्मयादिबोधक शब्दों या वाक्यों के अंत में
प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :–
- वाह! क्या सुंदर फूल है।
- अरे! तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
अवतरण चिह्न/उद्धरण चिह्न/उपरिविराम – (i) इकहरा ‘ ’ (ii) दुहरा ‘‘ ’’
जब किसी के कथन को ज्यों का त्यों उद्धृत किया जाता है तो उस कथन के दोनों ओर इसका प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे उद्धरण चिह्न या उपरिविराम भी कहते हैं। अवतरण चिह्न दो प्रकार का होता है –
(i) इकहरा ‘ ’
जब किसी कवि का उपनाम, पुस्तक का नाम, पत्र पत्रिका का नाम,लेख या कविता का शीर्षक आदि का उल्लेख करना हो। जैसे-
रामधारीसिंह ‘दिनकर’ ओज के कवि हैं।
‘राम चरित मानस’ के रचयिता तुलसीदास हैं।
(ii) दोहरा ‘‘ ’’
वाक्यांश को उद्धृत करते समय। महावीर ने कहा, ‘‘अहिंसा परमोधर्मः।’’
योजक चिह्न/समासचिह्न –
दो शब्दों में परस्पर संबंध स्पष्ट करने के लिए तथा उन्हें जोड़कर लिखने के लिए योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।
उदहारण :
- वह राम–सीता की मूर्ती है।
- सुख–दुःख जीवन में आते रहते हैं।
- रात–दिन परिश्रम करने पर ही सफलता मिलती है।
- देश के जवानों ने तन–मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया।
निदेशक ―
निर्देशक चिन्ह (―)का प्रयोग विषय, विवाद, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है।
उदहारण :
- श्री राम ने कहा ― सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
- जैसे ― फल सब्जी मसाले इत्यादि।
विवरण चिह्न :—
विवरण चिन्ह (:-)का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है।
उदहारण :
- आम के निम्न फायदे है:-
- संज्ञा के तीन मुख्य भेद होते हैं:-
- वचन के दो भेद है:-
हंसपद/विस्मरण चिह्न ˆ
इसे विस्मरण चिह्न भी कहते हैं। अतः लिखते समय यदि कुछ लिखने में रह जाता है तब इस चिह्न का प्रयोग कर उसके ऊपर उस शब्द या वाक्यांश को लिख दिया जाता है।
उदहारण :
मुझे आज जाना है।
अजमेर
मुझे आज ˆ जाना है।
संक्षेपण/लाघव चिह्न 0
किसी बड़े शब्द या प्रसिद्ध शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे शून्य लगा देते हैं। यह शून्य ही लाघव-चिह्न कहलाता है।
लाधव चिन्ह को अंग्रेजी में Abbreviation कहते है
उदाहरण :
- डॉंक़्टर के लिए – डॉं०
- पंडित के लिए – पं०
- इंजिनियर के लिए – इंजी०
- प्रोफेसर के लिए – प्रो०
- उत्तर प्रदेश के लिए – उ० प्र०
तुल्यता सूचक/समता सूचक =
किसी शब्द अथवा गणित के अंकों के मध्य की तुल्यता को दर्शाने के लिए तुल्यता सूचक (=) चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
उदाहरण :
भानु = सूर्य,
1 रुपया = 100 पैसे
कोष्ठक ( ) { } [ ]
(i) वाक्य में प्रयुक्त किसी पद का अर्थ स्पष्ट करने हेतु मुँह की उपमा मयंक (चन्द्रमा) से दी जाती है।
(ii) नाटक में पात्र के अभिनय के भावों को प्रकट करने के लिए।
कोमा – (खिन्न होकर) मैं क्या न करूँ ? (ठहर कर) किन्तु नहीं, मुझे विवाद करने का अधिकार नहीं।
लोप चिह्न …….
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो तो लोप चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।
उदहारण :
- राम ने मोहन को गली दी…।
- मैं सामान उठा दूंगा पर…।
- में घर अवश्य चलूँगा… पर तुम्हारे साथ।
इतिश्री/समाप्ति सूचक चिह्न -0-
किसी अध्याय या ग्रंथ की समाप्ति पर इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
विकल्प चिह्न /
जब दो में से किसी एक को चुनने का विकल्प हो।
जैसे- शुद्ध वर्तनी वाला शब्द है कवयित्री/कवियत्री या दोनों शब्द समानार्थी है जैसे जोसदा रहने वाला है। शाश्वत/सनातन/नित्य
पुनरुक्ति चिह्न ’’ ’’ Repeat Pointer Symbol
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य के अंश को दोबारा लिखने से बचने के लिए किया जाता है।
क्र. – व्यक्ति का नाम – दान राशि
1. राजेश – 200 रुपये
2. सोनू – ,,
3. मोहन – ,,
4. नरेंद्र – 100 रुपए
संकेत चिह्न *
किसी वाक्य या शब्द से संबन्धित संकेत अलग से देने के लिए * चिन्ह का प्रयोग किया जाता है
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