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CTET 2022: सीबीएसई द्वारा जल्द किया जाएगा सीटेट नोटिफिकेशन जारी, बाल विकास (CDP) के इन सवालों से शुरू करें परीक्षा की तैयारी

CTET Child Development Practice Question: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) इस वर्ष दिसंबर माह में परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है जिसका नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा. सीबीएसई के पिछले रिकॉर्ड को देखा जाए तो परीक्षा के आयोजन से 3 महीने पूर्व नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता है पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी यह परीक्षा ऑनलाइन सीबीटी मोड़ पर आयोजित होगी. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से लाखों युवा केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए शामिल होंगे. इसी संदर्भ में हम परीक्षा के दोनों पेपर में पूछे जाने वाले (CTET Child Development Practice Question) बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (CDP) के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न आपके लिए लेकर आए हैं, जिनका अभ्यास आपको अभी से शुरू कर देना चाहिए, ताकि पर्याप्त समय में बेहतर तैयारी की जा सके.

बाल विकास शिक्षा शास्त्र के ऐसे सवाल जो CTET परीक्षा में आपके Score को और बेहतर बनाएंगे—child development question and answer for CTET exam 2022

1. स्कूल में सफलता के पैमाने को विशिष्ट अकादमिक उपलब्धि तक सीमित न रखकर व्यापक होना चाहिए। ऐसा किस प्रकार किया जा सकता है ?

(a) अनुशिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करके । 

(b) सामाजिक-संवेगिक क्षमताओं का विकास करके जो शिक्षा का एक अहम अंग है।

(c) घर पर की जाने वाली अतिरिक्त कक्षाओं के द्वारा। 

(d) सिर्फ उन क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करके जिस में बच्ची ‘कमजोर’ है।

Ans- b 

2. निम्न में से किस से एक विद्यार्थी की संरचनात्मक समझ एवं स्पष्टता की पुष्टि होती है ?

(a) दी गई जानकारी को सही रूप में दोहराना । 

(b) सही जानकारी लिखना ।

(c) संरचना की परिभाषा को स्पष्ट रूप से याद रखना । 

(d) सीखी गई संरचनाओं को निजी जीवन में आने वाली स्थितियों में लागू करना।

Ans- d 

3. बच्चों को प्रभावशाली समस्या समाधानकर्ता बनाने लिए जरूरी है कि उन्हें निम्न में से किस प्रकार के मोके मुहैया करवाए जाएं ?

(a) केवल पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रारूप के अनुसार प्रयोग करने को कहकर ।

(b) स्वतंत्र सोच द्वारा संप्रत्यय की खोज करके । 

(c) जब आवश्यक हो तब अतिरिक्त ट्यूशन लेकर

(d) केवल दृश्य-श्रव्य सामग्री एवं स्मार्ट बोर्ड द्वारा सीखना ।

Ans- b 

4. अधिगम की प्रक्रिया के दौरान बच्चे जो त्रुटियां करते हैं –

(a) उनसे बच्चों की वर्तमान क्षमता एवं बुद्धिमत्ता का पता लगाया जा सकता है।

(b) उन्हें बिना प्रतिपुष्टि के तुरंत सुधार देना चाहिए ताकि वे दोहराई जाएं।

(c) उन्हें संज्ञानात्मक प्रक्रिया का सहज एवं स्वीकृत हिस्सा समझना चाहिए। 

(d) वह अधिगम प्रक्रिया से ध्यान हटाते हैं इसीलिए उन्हें तुरंत कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

Ans- c 

5. बच्चों के संवेगों की अधिगम में क्या भूमिका है ?

(a) संवेग बच्चों को सीखने में बाधित करते हैं इसलिए इनको काबू में रखना चाहिए।

(b) प्रभावशाली अधिगम के लिए संज्ञान को बच्चों के संवेगों से पृथक रखना चाहिए। 

(c) संवेग सीखने की प्रक्रिया को अर्थपूर्ण बनाने तथा उन्हें सीखने की प्रक्रिया में एकीकृज रूप में सम्मलित करना चाहिए 

(d) संवेग सीखने की प्रक्रिया में गड़बड़ी करते हैं वह इसे अपूर्वानुमय बनाते हैं।

Ans- c 

6. बच्चों को आंतरिक रूप से अभिप्रेरित अधिगमकर्ता बनने के लिए किस तरह प्रोत्साहित किया जा सकता है?

(a) हौसला बढ़ाने के लिए इनाम देकर। 

(b) त्रुटियां करने पर दण्ड देकर

(c) अधिगम प्रक्रिया के दौरान की गई त्रुटियों से सीखकर, बिना किसी नकारात्मक दंड के डर बिना।

(d) शिक्षिका द्वारा कक्षा में खास उपलब्धि वाले विद्यार्थियों पर खास ध्यान देकर।

Ans- c 

7. ‘निपुणता अनमुखी विद्यार्थियों में कौन से गुण होते हैं ? 

(a) असफलता का न्यून भय; क्षमता का वार्धिक दृष्टिकोण

(b) असफलता का अत्यधिक भय; क्षमता का अटल दृष्टिकोण 

(c) असफलता का न्यून भय; क्षमता का अटल दृष्टिकोण

(d) असफलता का अत्यधिक भय; क्षमता का वार्षिक दृष्टिकोण

Ans- a 

8. निम्न में से कौन-सी प्रक्रिया प्रभावशाली समस्या समाधान में बाधक है ?

(a) सही स्कीमा को क्रियाशील करना 

(b) प्रतिक्रया अनमस्ता 

(c) सही समस्या को पहचानना 

(d) अन्वेषणात्मक रणनीतियों या समस्या समाधान की सामान्य रणनीतियों का प्रयोग

Ans- b 

9. कक्षा में विद्यार्थियों में पारस्परिक प्रतिष्पद्दा के लिए प्रेरित करने के कई परिणाम हो  कसके है। आप के अनुसार निम्न में से प्रभाव बच्चों के विकास से हानिकार है ? 

i. इस से कक्षा में ‘विजेता’ एवं ‘हारे हुए विद्यार्थियों में विभेदीकरण होता है।

ii. इस से विद्यार्थियों पर दबाव पड़ता है व चिंता का स्तर बढ़ जाता है जो उनके संज्ञानात्मक विकास को बाधित करता है।

iii. इस से कक्षा में ‘तारक’ विद्यार्थियों को चिन्हित करने के लिए बढ़ावा मिलता है जिनकी उपलब्धियों पर स्कूल गर्व कर सकता है। 

iv. इससे विद्यार्थियों को प्रतिस्पार्द्धिक, बाजार केन्द्रित अर्थ व्यवस्था में ढलने के लिए तैयार किया जाता है।

(a) i, ii

(b) i, ii, iv

(c) i, ii, iii, iv 

(d) ii, iii, iv

Ans- c 

10. अर्थपूर्ण सीखने की प्रक्रिया किस से सुसाध्य होती है ? 

(a) विद्यार्थी के निजी दर्शनशास्त्र एवं दृष्टिकोण से

(b) विद्यार्थियों द्वारा शिक्षिका से ‘प्राप्त’ ज्ञान द्वारा ।

(c) संकलित आकलन के लिए की गई पाठ्यचर्या की मांग से।

(d) केवल विशेषज्ञों की राय /दृष्टिकोण के आधार पर।

Ans- a 

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