Staff shortage in Kendriya Vidyalayas: केन्द्रीय विद्यालय संगठन यानि केवीएस देश के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से एक है। बीते कुछ समय से केवीएस में स्टाफ की कमी के कारण इन विद्यालयों की प्रोग्रैस रिपोर्ट बहुत नीचे चली गई है। इन विद्यालयों के स्वीकृत शिक्षक पदों में से अधिकांश पर संविदा शिक्षक कार्यरत है। कई केन्द्रीय विद्यालयों में प्राचार्य के पद भी रिक्त है। पिछले तीन वर्षों में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। आइए विस्तार में जानें पूरी रिपोर्ट
कुल 12,044 शिक्षकों के पद है ख़ाली, साल 2019 से नही हुई है भर्ती
‘द हिन्दू’ द्वारा पब्लिश की गई रिपोर्ट के अनुसार, देश में निर्मित 1,247 केन्द्रीय विद्यालयों में कुल 12,044 शिक्षक पद रिक्त हैं। इनमें से 420 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें प्राचार्य के पद भी रिक्त हैं, अर्थात वर्तमान में इन विद्यालयों में कोई प्राचार्य कार्यरत नहीं है। विगत तीन वर्षों में इन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की संख्या दोगुनी हो गई है। जिसका मुख्य कारण है, कि विद्यालयों में कोविड-19 के कारण पिछले तीन वर्षों से कोई नियुक्तियाँ नहीं कराई गई।
कुछ केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्यों नें बताया, कि विगत तीन वर्षों में कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में केन्द्रीय विद्यालयों का स्थान प्रथम से नीचे खिसककर तृतीय स्थान पर आ गया है। विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण कई शिक्षकों को दोहरी शिफ्ट में कार्य करना पड़ रहा है। इन बातों का सीधा असर छात्रों की शिक्षा पर तथा विद्यालय के प्रदर्शन पर पड़ रहा है।
इस मामले पर क्या बोलीं राज्य शिक्षा मंत्री ‘अन्नपूर्णा देवी’?
राज्य शिक्षा मंत्री ‘अन्नपूर्णा देवी’ नें पिछले माह में सदन में कहा था, कि जून 2022 में केन्द्रीय विद्यालयों में रिक्त शिक्षक पदों की संख्या 12,044 हो गई है, वर्ष 2019 में यह संख्या मात्र 5,562 थी। मंत्री अन्नपूर्णा देवी के अनुसार, इन रिक्त स्थानों को भरने के लिए लगभग 9,161 संविदा शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। अतः इन रिक्त शिक्षक पदों पर वर्तमान में संविदा शिक्षक कार्यरत हैं। आपको बता दें, केन्द्रीय विद्यालयों में अंतिम नियुक्तियाँ वर्ष 2019 में कराई गई थीं।
छात्रों की संख्या में हुई है 13% बढ़ोतरी
केन्द्रीय विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के मुताबिक, इन विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 46,335 स्वीकृत पद हैं। वर्ष 2017 में कुल 12.2 लाख छात्र केंद्रीय विद्यालयों में अध्ययनरत थे। वर्ष 2021 में इन छात्रों की संख्या में 13% बढ़ोतरी हुई, एवं अब लगभग 13.8 लाख अभ्यर्थी इन विद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं। अतः छात्रों की संख्या में हुई बढ़ोतरी के कारण शिक्षकों की मांग में बढ़ोतरी होना भी स्वाभाविक है।
केवीएस से ई-मेल के जरिये किए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी नें कहा, कि विगत वर्षों में कोविड-19 के चलते कोई नियुक्तियाँ नहीं कराई गई हैं, जिस कारण शिक्षकों/प्राचार्यों को इन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही अधिकारी नें ये भी बताया, कि इन पदों पर संविदा शिक्षकों को केवल अल्पकालीन तौर पर नियुक्त किया गया है। इन रिक्त पदों के लिए अब जल्द ही इस शैक्षणिक सत्र के अंतर्गत विद्यालयों में नयी नियुक्तियाँ कराई जाएंगी। बता दें, अब ये नियुक्तियाँ लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और कौशल परीक्षा के संयोजन से कराई जाएंगी।
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