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Assessment and Evaluation Notes For CTET, KVS, DSSSB (आकलन तथा मूल्यांकन)

Assessment and Evaluation Notes For CTET

Assessment and Evaluation Notes For CTET

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Assessment and Evaluation Notes For CTET

 इस पोस्ट में हम जानेंगे आकलन तथा मूल्यांकन (Assessment and Evaluation Notes For CTET) की प्रकृति तथा प्रविधियां एवं मूल्यांकन की परिभाषा तथा आकलन के प्रकार जो कि  TET परीक्षा जैसे CTET, KVS, DSSSB, TET की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। आकलन एवं मूल्यांकन से संबंधित प्रश्न इन परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने आकलन तथा मूल्यांकन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा की है। आशा है यह आपके लिए उपयोगी साबित होगी। 

आकलन तथा मूल्यांकन (assessment and evaluation)

 मूल्यांकन =  मापन  +  मूल्य निर्धारण

                   या ( आकलन)   

अर्थात मापन,  मूल्यांकन का ही एक भाग है, जो सदैव उसमें निहित रहता है। 
 NCERT की पुस्तक ‘Concept of Evaluation’ के अनुसार मूल्यांकन प्रक्रिया में मुख्यतः तीन बातों के संबंध में निर्णय लिया जाता है। 

1.  शिक्षण उद्देश्य की प्राप्ति किस सीमा तक हुई है?

2 .उद्देश्य स्पष्ट करने की विधि कितनी प्रभावी रही है?

3 . अधिगम अनुभव कितने प्रभावी रहे हैं?

मूल्यांकन की परिभाषाएं (Evaluation definitions)

 कोठारी कमीशन – “ मूल्यांकन एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली का एक अंग है, जो शिक्षा के उद्देश्यों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है।”

टारगेरसन एवं एडम्स – “मूल्यांकन का अर्थ है- किसी वस्तु या प्रक्रिया का मूल्य निश्चित करना।  इस प्रकार शैक्षिक मूल्यांकन से तात्पर्य  है-  शिक्षण- प्रक्रिया तथा सीखने कीक्रियाओं से उत्पन्न अनुभवों की उपयोगिता के बारे में निर्णय देना।”

 मूल्यांकन की प्रकृति (Nature of assessment) 

ये भी पढे: मापन एवं मूल्यांकन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

मूल्यांकन की प्रविधियां (Techniques of Evaluation)

उद्देश्य एवं विषय वस्तु की प्रकृति को ध्यान में रखकर ही मूल्यांकन की प्रविधि का चयन करना चाहिए।  मूल्यांकन की किसी एक प्रविधि को हम सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रयोग में नहीं ला सकते। 

 कुछ मुख्य मूल्यांकन प्रविधि इस प्रकार है। 

1.  लिखित परीक्षाएं (Written exams) –  इन परीक्षाओं में निबंधात्मक प्रश्न  तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न मुख्य है।  निबंधात्मकपरीक्षाओं में छात्र को विस्तारपूर्वक उत्तर लिखने होते हैं। 

2. मौखिक परीक्षाएं (Oral examinations) –  इन परीक्षाओं द्वारा छात्रों की उपलब्धियों के उन पक्षों का मूल्यांकन किया जाता है।  जिन्हें हम लिखित परीक्षाओं द्वारा नहीं माप सकते हैं। 

3. साक्षात्कार (Interview) – साक्षात्कार की विधि में परीक्षणकर्ता व्यक्ति से बातचीत करके सूचनाएं एकत्र  करता है।  साक्षात्कार द्वारा विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर, आत्मविश्वास, उपयुक्त दृष्टिकोण का मूल्यांकन किया जा सकता है।  मौखिक परीक्षा तथा साक्षात्कार के उद्देश्यों में अधिक अंतर नहीं है। 

4.  प्रयोगात्मक परीक्षाएं (Experimental examinations) –  गणित में ज्यामिति, त्रिकोणमिति आदि विषयों में प्रयोगात्मक कार्य द्वारा प्रत्यय एवं संकल्पनाओं (Concept and Hypothesis) का स्पष्टीकरण कराया जाता है।  

5. प्रेक्षण (Observation)-  इसमें व्यक्ति की स्वाभाविक दशा में घटित होने वाली व्यवहारगत घटनाओं तथा परिवर्तन का अभिलेख तैयार किया जाता है।  

6. पोर्टफोलियो (Portfolio) – इसके द्वारा छात्र के कौशलों का मूल्यांकन को संग्रह किया जाता है।  समय की एक निश्चित अवधि में विद्यार्थियों द्वारा किए गए कार्यों का संग्रह, यह रोजमर्रा के काम भी हो सकते हैं। 

 जैसे –  बच्चों के भाषा विकास –  क्रमिक प्रगति का रिकॉर्ड रखना। 

7. संचित अभिलेख (Comulative Record) – छात्रों की  व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों में आए व्यवहार परिवर्तनों एवं उपलब्धियों को एक ही प्रपत्र में लिखकर सुरक्षित रखा जाता है।  यह संचित अभिलेख पत्र कहलाता है। 

 उदाहरण-  बच्चों का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक, मनोवैज्ञानिक अभिलेख तैयार करना।  दूसरे शब्दों में बच्चों का सर्वांगीण  अभिलेख। 

8. निर्धारण मापनी (Rating Scale) – बच्चों की योग्यताओं व उपलब्धियों को इस तरह जांच ना कि वह किस स्तर की है।  इस बात का निर्धारण करने के लिए निर्धारण मापनी का प्रयोग किया जाता है। 

 उदाहरण-  ग्रेड देना. 

Assessment and Evaluation Notes For CTET

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आकलन के प्रकार (Types of Assessment)

आकलन के प्रकार-  इसका उपयोग विस्तृत रूप से विद्यालयों और शिक्षा पद्धति में किया जाता है।  शैक्षिक उद्देश्य से हम मूल्यांकन को तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं। 

1  निर्माणात्मक\ रचनात्मक आकलन (Formative Assessment)

2  योगात्मक\ संकलनात्मक आकलन (Summative Assessment)

3  निदानात्मक आकलन (Diagnostic Assessment)

(1)  निर्माणात्मक\ रचनात्मक आकलन (Formative Assessment)

 उद्देश्य-  इसके द्वारा शिक्षक अपनी शिक्षण प्रक्रिया में सुधार करके छात्रों के सीखने में सुधार करके सीखने की क्षमता मे वृद्धि कर सकते हैं। 

रचनात्मक आकलन के उपकरण\उदाहरण ( tools\Examples of Formative assessment)

  • मौखिक प्रश्न उत्तर
  •  वर्कशीट
  •  अवलोकन डायरी
  •  चेक लिस्ट
  •  वाद विवाद ( कक्षा में)
  •  उप समूह एवं व्यक्तिगत कार्य

2  योगात्मक\ संकलनात्मक आकलन (Summative Assessment) 

 उद्देश्य-  यह एक निश्चित अवधि में शिक्षक व छात्रों की संपूर्ण गतिविधियों के बारे में बताता है। 

Tools\Examples of Summative assessment (योगात्मक आकलन के उपकरण\ उदाहरण)  

  • अर्धवार्षिक परीक्षा
  • सेमेस्टर एग्जाम
  • साक्षात्कार
  • निबंध
  •  पोर्टफोलियो
  •  प्रोजेक्ट
  • प्रेजेंटेशन
NOTE –  रचनात्मक आकलन –  अधिगम के लिए आकलन (assessment for learning)

 योगात्मक आकलन –  अधिगम का आकलन (assessment of learning)

(3)  निदानात्मक आकलन (Diagnostic Assessment)

उद्देश्य –   असफल छात्रों की असफलता का पता लगाना, ताकि हम उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार शिक्षण विधि का प्रयोग करके सफल बना सकें।

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