CTET/ Bihar TET 2022 EVS NCERT Plant Kingdom Notes: शिक्षक पात्रता परीक्षा में एनसीआरटी पर आधारित ‘पादप जगत’ के इन टॉपिक से पूछे जाते हैं अधिक सवाल, अभी पढ़े

CTET EVS NCERT Important Points for Plants: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा आगामी जुलाई माह में आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किए जाने की संभावना है ऐसे में इस वर्ष बिहार टीईटी परीक्षा का आयोजन भी किया जाना है  इन दोनों बड़ी शिक्षक पात्रता परीक्षा में देशभर से लाखों अभ्यर्थी शामिल होंगे इसी संदर्भ में हम परीक्षा में पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से पूछे जाने वाले पेड़- पौधों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जिनसे परीक्षा में सवाल मुख्य रूप से पूछे जाते हैं इसलिए आगामी शिक्षक पात्रता परीक्षा के दृष्टिकोण से इन बिंदुओं का अध्ययन एक बार जरूर करें.

परीक्षा में बार-बार पूछे जाने वाले पेड़ – पौधों से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु— CTET/ Bihar TET 2022 EVS NCERT Important Points for Plants

रेगीस्तानी ओंक:

  • रेगिस्तानी ओंक- ‘आस्ट्रेलिया’ से पाया जाता है।
  • इसकी जड़े लगभग 30 मीटर गहरी होती है। क्योंकि यह पानी की खोज में लगातार नीचे चली जाती है। रेगिस्तानी ओंक के तने की लम्बाई लगभग 10-12 फिट होता है।
  • इस पौधे में तने में जल संचित रहता है।
  • जब स्थानिय निवासियों को पेयजल संकट या जल संकट पैदा होता है तो इसका उपयोग करते हैं।
  • तने से संगही जल को पीने के लिए वे अपने साथ में एक चाकू एवं एक छोटी पाईप रखते हैं। 

घटपर्णी:- (शिकारी पौधा)

  • यह पौधा- आस्ट्रेलिया, इण्डोनेशिया एवं भारत के मेघालय राज्य में पाया जाता है।
  • यह पौधा मूलतः उन क्षेत्रों में पाया जाता है जहा मिट्टी ‘नाईट्रोजन का अभाव होता है।
  • यह पौधा मेढ़को, चूहो, कीड़े-मकौड़ों एवं अन्य छोटे जीवों का शिकार करता है।
  • यह पौधा एक लम्बे घड़े की आकृति का होता है। और उसके उपर पत्ती का ही ढक्कन लगा होता है।
  • इस पौधे से एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है जिससे आकर्षित होकर ये जीव इसके पास आते है और इसका शिकार बन जाते है।
  • यह पौधा प्रकाश संश्लेषण के द्वारा भोजन भी बनाता है और वह भोजन – फ्लोयन के माध्यम से पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचता है।

घटपर्णी के उदाहरण

1. नीफेन्थिस

2 यूट्रीकुलेरिया

3 डोसेरा

खेजड़ी –

  • यह वृक्ष भारत में राजस्थान राज्य के थार के मरूस्थल, में पाया जाता है।
  • इस पौधे की भी जड़े गहरी होती है क्योंकि यह भी पानी का अभाव होता है।
  • खेजड़ी की लकड़ी में कभी दीपक या कीड़े नहीं लगते हैं।
  • खेजड़ी की फली का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है।
  • इसके तने की छाल का इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता – है।
  • यह एक प्रयादार वृक्ष है और इसकी छोंव में स्थानीय निवासियों के बच्चे खेलते-कूदते हैं।

4. लाइकेन :

  • लाइकेन एक-सहलीवी पौधा है।
  • लाइकेन कवक एवं शैवाल के मध्य सहजीविता का पिरणा है।
  • कवक में क्लोरोफिल नही पाया जाता है इसीलिए यह भोजन नही बना पाता है, और सड़ी-गली लकड़ियों पर ही उगता है।
  • शैवाल में क्लोरोफिल पाया जाता है और वह प्रकाश संश्लेषण के द्वारा भोजन भी बना लेता है, लेकिन उसके पास आधार (उगने) का संकट है।
  • कवक शैवाल को आधार प्रदान करता है और शैवाल कवक का भोजन।
  • लाइकेन – वायुप्रदूषण का प्राकृतिक सूचक होता है।
  • जय वातावरण में (S2O) सल्फर डॉई ऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाती है तो क्षेत्र में पाये जाने वाले लाइकेन सूख जाते है। इससे पता चल जाता है कि वायु प्रदूषण बढ़ गया है।

पीपल

  • पीपल विशाल छायादार वृक्ष है।
  • पीपल – 24 घण्टे लगातार ऑक्सीजन देता है।
  • पीपल को योधि वृक्ष भी कहा जाता है।
  • क्योंकि महात्मा बुध को ज्ञान की प्रति घीपल वृक्ष के नीचे ही हुआ था।
  • पीपल वृक्ष के जड़ का विस्तार काफी दूर तक होता है।

बरगद :

  • यह एक विशाल छायादार वृक्ष है
  • इसकी छाया में विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु पक्षी, रहते है एवं घोंसला बनाते है।
  • बरगद के तनों से स्तम्भ-मूल जड़ निकलती है जो तनों को चहारा देने का कार्य करती है।
  • इसकी जड़ें काफी दूर तक फैली होती है एवं गहरी भी होती है। पल बरगद, नीम को पर्यावरण मित्र वृक्ष कहा जाता है।

यूकेलिप्टस

  • यूकेलिप्टस को पारिस्थितिकी तंत्र का या सामाजिक वानिकी का आतंकवादी कहा जाता है।
  • 1976 – सामाजिकी वानिकी मानाया गया।
  • यह पौधा जल अधिक पीता है एवं जल का अपव्यय अधिक करता है ।
  • यह मूलतः ‘आस्ट्रेलियों’ का पौधा है।

क्रोटन

  • यह पौधा किसी मूल पौधे के साथ यो दिया जाये तो मूल पौधें को कय पानी की आवश्यकता है उसकी सूचना यह दे देता है। इस पौधे की जड़े काफी उथली होती है। पानी की कमी होने पर यह पौधा सूखने लगता है जिससे पता चल जाता है कि मुख्य फसल की सिंचाई करना है।

जट्रोफा

  • यह मूलत: ग्राजील का पौधा है। एस पौधे से बायोडीजल बनाया जाता है

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इस आर्टिकल में हमने CTET / Bihar TET परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत एनसीआरटी पर आधारित पेड़ – पौधों से संबंधित (CTET EVS NCERT Important Points for Plants) महत्वपूर्ण तथ्यों का अध्ययन किया. टीईटी परीक्षाओं की नवीनतम अपडेट प्राप्त करने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं

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