Delhi Govt. Launches a Virtual School (India first Virtual School) : दिल्ली राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक अनोखी पहल की गई है। राज्य सरकार द्वारा देश के सभी छात्रों के लिए देश का पहला वर्चुअल स्कूल शुरू किया गया है। इस स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से प्रारम्भ कर दी गई है। ऐसे छात्र जिन्होंनें किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 8वीं उत्तीर्ण की है, वे इस विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आपको बता दें, दिल्ली राज्य सरकार द्वारा देश का पहला वर्चुअल स्कूल, दिल्ली मोडल वर्चुअल स्कूल यानि DMVS शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य ऐसे छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना है, जो किसी भी कारणवश स्कूल तक नहीं पहुँच पाते हैं। स्कूल में प्रवेश पाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया आज दिनांक 31 अगस्त 2022 से शुरू कर दी गई है।
India first Virtual School: वर्चुअल स्कूल के साथ,बच्चे अब देश में कही से भी और कभी भी, ऑनलाइन पोर्टल व लाइव क्लासेस से दिल्ली सरकार की वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन पा सकेंगे। JEE-NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे
किन कक्षाओं की होगी पढ़ाई, कौन कर सकता है आवेदन?
बता दें, इस स्कूल के शुरुआती चरण में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा। यह स्कूल हाल ही में लॉन्च किए गए दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकण्डरी एजुकेशन (DBSE) से सम्बद्ध होगा। इस स्कूल में प्रवेश के लिए देश के सभी राज्यों के छात्रों को पात्र माना जाएगा। ऐसे अभ्यर्थी जिनकी आयु 13 वर्ष से 18 वर्ष के मध्य है एवं जिन्होंनें किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम कक्षा 8वीं उत्तीर्ण की है, वे इस स्कूल में कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस स्कूल को प्रारम्भ करने का मुख्य उद्देश्य था ऐसे सभी छात्रों तक शिक्षा पहुंचा पाना, जो स्वयं स्कूल तक नहीं आ सकते। ऐसे छात्र जो स्कूल से दूर कहीं गाँव में रहते हैं या ऐसी छात्राएँ जिन्हें बाहर निकालने की अनुमति नहीं दी जाती है, इन सभी के पास बेहतर तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाने का कार्य यह वर्चुअल स्कूल करेगा। इस स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के अलावा जेईईई मेंस, नीट एवं सीयूईटी जैसी प्रतियोगात्मक परीक्षा की तैयारी भी कराएगी जाएगी।
प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा करा जाएगी पढ़ाई
स्कूल में बेहतर शिक्षण के लिए ऐसे विशेष शिक्षकों को रखा जाएगा, जिन्हें विशेषतः ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ऐसे शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रमुख उद्देश्य है छात्रों के नामांकन की संख्या में बढ़ोतरी करना, खासकर ऐसे छात्र जो भौतिक रूप से विद्यालय तक नहीं पहुँच पाते। वर्चुअल स्कूल प्रारम्भ करने का विचार कोविड-19 पेंडमिक के समय लगी वर्चुअल क्लासेज़ से प्रेरित होकर लिया गया है।
बता दें, इस स्कूल में छात्र लाइव कक्षाओं से साथ-साथ रेकोर्डेड कक्षाओं को भी देख सकेंगे। स्कूल में छात्रों को एक्सेस मोड्यूल एवं डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही साथ छात्रों को ऑन-डिमांड वन-ऑन-वन शैक्षणिक सलाह की सुविधा भी दी जाएंगी। स्कूल में छात्रों को शैक्षिक सामाग्री प्रदान की जाएगी एवं उनके द्वारा कक्षा में सीखी गई विषयवस्तु का भी ध्यान रखा जाएगा।
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