Abhiprerna Ke Siddhant For CTET, UPTET, REET, BTET & TET Exams

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Theories of Motivation (अभिप्रेरणा के सिद्धांत)

इस  पोस्ट मे हम जानेगेअभिप्रेरणा के सिद्धांत (Abhiprerna Ke Siddhant) जैसे की ,मनोविश्लेषणवाद का सिद्धांत,आवश्यकता का सिद्धांत, उपलब्धि का सिद्धांत, उद्दीपक अनुक्रिया का सिद्धांत आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।साथ ही इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर भी दिए गए हैं।  जोकि शिक्षक भर्ती परीक्षा जैसे कि CTET,UPTET,REET,BTET की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है इन सभी परीक्षाओं में अभिप्रेरणा के सिद्धांत से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं तो आइए जाने अभिप्रेरणा के सिद्धांत जो इस प्रकार है। 

Abhiprerna Ke Siddhant 

(1) मनोविश्लेषणवाद का सिद्धांत (Theory of psychoanalysis)

प्रतिपादक-  सिगमंड फ्रायड है। इनके अनुसार “व्यक्ति के अचेतन मन की दमित इच्छाएं उसे कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।” 

(2) मूल प्रवृत्तियों का सिद्धांत (Theory of basic trends)

प्रतिपादक – मैक्डूगल 
इनके अनुसार व्यक्ति में 14 मूल प्रवृत्तियां पाई जाती है, और यही मूल प्रवृत्तियां ही व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं।क्योंकि व्यक्ति अगर अपनी मूल प्रवृत्तियों को पूरा नहीं करता है तो उसका जीवित रहना संभव नहीं है।  और इन से संबंधित 14 संवेग भी है जो मूल प्रवृत्तियों से संबंध रखते हैं। व्यक्ति संवेगो को की पूर्ति के लिए अभिप्रेरित होकर अपनी मूल प्रवृत्तियों केअनुसार कार्य करता है।   



14 मूल प्रवृत्तियां एवं संवेग इस प्रकार है। 
क्र.
मूल प्रवृत्ति
संवेग
1. पलायन वह
2. युयुत्सा (युद्ध करने की इच्छा) क्रोध
3. निवृत्ति ( पीछा छुड़ाना) घराना
4. संतान की प्राप्ति वात्सल्य
5. शरणागति दुख\ कष्ट या करुणा
6. काम कामुकता
7. जिज्ञासा आश्चर्य
8. दैन्य ( दया करना)   आत्म हीनता
9. आत्म गौरव आत्मस्वाभिमान
10. सामूहिकता  एकाकीपन
11. भोजन भूख
12. संग्रहण स्वामित्व\ अधिकार
13. रचनात्मकता   कृति  भाग
14. हास्य आमोद 

 (3) आवश्यकता का सिद्धांत (Principle of necessity)

प्रतिपादक – अब्राहम मास्लों 
 इस सिद्धांत के बारे में  अब्राहम मस्लो ने कहा है कि ” प्रत्येक व्यक्ति आवश्यकता की पूर्ति हेतु अभिप्रेरित होता है।” मास्लों का मानना है कि  आवश्यकता वह तत्व है जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। क्योंकि व्यक्ति अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए कार्य करना चाहता है।  मांस लो आवश्यकता के 

 अब्राहम मस्लो ने पांच प्रकार की आवश्यकताओं के बारे में बताया है। 

1.  शारीरिक आवश्यकता
2.  सुरक्षा की आवश्यकता   
3.   स्नेह\  संबंधता की आवश्यकता
4.  सम्मान पाने की आवश्यकता
5.  आत्मसिद्धि  की आवश्यकता

(4) उपलब्धि का सिद्धांत (Achievement principle)

प्रतिपादक –  मैक्किलैंड 
इनके अनुसार “उपलब्धियों की प्राप्ति हेतु व्यक्ति अभी प्रेरित होता है।” इनका मानना है कि व्यक्ति के द्वारा निर्धारित की गई सामान्य या विशिष्ट उपलब्धियां ही व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती रहती है, और अंततः विशिष्ट उपलब्धियों को ही प्राप्त करना चाहता है। 

(5) उद्दीपन – अनुक्रिया का सिद्धांत (Stimulus – theory of response)

 प्रतिपादक – स्किनर तथा थार्नडाइक है। 
उन्होंने बताया कि ‘उद्दीपक’ व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। और व्यक्ति जब तक अनुप्रिया करता है। तब तक वह उद्दीपक प्राप्त नहीं कर लेता।  इसीलिए हम कह सकते हैं कि व्यक्ति उद्दीपक के माध्यम से प्रेरित होता हैं।   



(6) प्रोत्साहन का सिद्धांत (Principle of encouragement)

 प्रतिपादक – बॉल्फ  एवं फाकमैन 

इन्होंने प्रोत्साहन  के दो प्रकार के रूप बताएं हैं। 

  1. स्वयं कार्य हेतु प्रेरित होना। –  सकारात्मक अभिप्रेरणा
  2. किसी अन्य द्वारा कार्य हेतु प्रेरित होना।  – नकारात्मक अभिप्रेरणा 

(7)  क्षेत्रीय सिद्धांत (Regional theory)

प्रतिपादक-  कुर्ट लेविन 
इनका सिद्धांत स्थान विज्ञान के आधार पर कार्य करता है।  लेविन के अनुसार – स्थान या वातावरण के अनुसार व्यक्ति प्रेरित होकर कार्य करता है।  अगर वह कार्य नहीं करेगा तो समायोजन नहीं कर सकता है। लेविन ने अभिप्रेरणा को ‘वातावरण’ तथा ‘ समायोजन’ दोनों से संबंधित माना है। 

(8) प्रणोद का सिद्धांत (Theory of thrust)

 प्रतिपादक –  सी.एल हल
उनके द्वारा इस सिद्धांत के बारे में कहा गया कि “व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति होने वाले कार्य कठिन ही क्यों ना हो व्यक्ति द्वारा सीख लिए जाते हैं।” 

सी.एल हल के अनुसार चालक वह तत्व है, जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए बाध्य करता है।  जैसे भूख ( चालक) की पूर्ति हेतु कोई व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। चाहे काम कितना भी कठिन क्यों ना हो? वह अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन का जुगाड़ करेगा कैसे भी हो? इसलिए हम कह सकते हैं, प्रणोद\ चालक अभी प्रेरित करता है। 

(9) स्वास्थ्य का सिद्धांत (Principle of health)

प्रतिपादक –  हर्जवर्ग
इनके अनुसार यदि बालक शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ है तो बालक रुचि के साथ कार्य करता है।  परंतु अगर वह अस्वस्थ हो तो वह कार्य करने में रुचि नहीं लेगा। 

(10) शारीरिक गति\ परिवर्तन सिद्धांत (Physical movement theory)

 प्रतिपादक-  विलियम जेम्स, शेल्डर, रदरफोर्ड
 इनके अनुसार-  समय, परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार बालक की शरीर में जो शारीरिक परिवर्तन होते हैं।  वह परिवर्तन ही बालक को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। 

अभिप्रेरणा के सिद्धांत से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Important questions related to the principle of motivation)





 प्रश्न1 ” अभिप्रेरणा किसी कार्य को प्रारंभ करने, जारी रखने अथवा नियंत्रित करने या नियमित करने की प्रक्रिया है।”  यह किसका कथन है?

 उत्तर- गुड़ 

 प्रश्न2 ” प्रेरणा का प्रश्न,’क्यों’ का प्रश्न है?” यह कथन किसका है?

 उत्तर-  क्रैच व क्रचफील्ड का

 प्रश्न3 अभिप्रेरणा के कितने प्रकार होते हैं?

 उत्तर-  दो

 प्रश्न4  अब्राहम मस्लो ने अभिप्रेरणा के प्रकार बताएं हैं?

 उत्तर-  दो ( जन्मजात एवं अर्जित अभिप्रेरणा) 

 प्रश्न5  थॉमसन ने अभिप्रेरणा के कितने प्रकार बताए हैं?

 उत्तर-  दो ( स्वाभाविक अभिप्रेरणा तथा कृत्रिम अभिप्रेरणा)

 प्रश्न6  गैरेट के अनुसार अभिप्रेरणा के कितने प्रकार हैं?

 उत्तर-  तीन ( जैविक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरणा)

 प्रश्न7  अभिप्रेरणा का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत किसने दिया है?

 उत्तर-  सिगमंड फ्रायड ने

 प्रश्न8  मूल प्रवृत्तियों का सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है?

 उत्तर- मैक्डूगल 

 प्रश्न9  अभिप्रेरणा का क्षेत्रीय सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है?

 उत्तर-  कुर्ट लेविन

 प्रश्न10 आवश्यकता का सिद्धांत किसने दिया है?

 उत्तर-  अब्राहम मास्लो

 प्रश्न11 फ्राइड ने बताया कि व्यक्ति में 2 मूल प्रवृत्तियां पाई जाती है उनके नाम क्या है?

 उत्तर- इरोज एवं  थैंनटॉस

प्रश्न12  अब्राहम मस्लो ने  आवश्यकता के कितने प्रकार बताए  है?

 उत्तर-  पांच प्रकार

  प्रश्न13 प्रणोद का सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है?

 उत्तर हल ने

 प्रश्न14 ‘भूख’  क्या है?

 उत्तर-  चालक

 प्रश्न15 “अभिप्रेरणा अधिगम का  सर्वोत्कृष्ट राजमार्ग है।” यह कथन है? 

उत्तर-  स्किनर



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