CTET 2022: सीटेट 2022 में सफलता पाने के लिए जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत से जुड़े प्रश्नों का अभ्यास, जरूर करें

Jean Piaget Cognitive Development Theory and MCQ: सीबीएसई द्वारा आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET 2022) का आयोजन आने वाले सप्ताह में ऑनलाइन सीबीटी माध्यम से किया जाएगा. जिसमें शामिल होने वाले लाखों अभ्यर्थी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं यदि आप भी शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यहां दिए गए जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत (Jean Piaget Cognitive Development Theory and MCQ) पर आधारित प्रश्नों और थ्योरी का अभ्यास जरूर करें, क्योंकि परीक्षा में इस टॉपिक से सवाल जरूर पूछे जाते हैं.

सीटेट परीक्षा में बार-बार पूछे जाने वाला जीन पियाजे का ‘संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत’

 जीन पियाजे (1896 – 1980)

जीन पियाजे स्विजरलैंड के निवासी होने के साथ एक जीव वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक भी थे जिन्होंने मानव विकास तथा किशोरावस्था की उन विभिन्न पहलुओं की और अपने अनेक लेखों तथा पुस्तकों के माध्यम से ध्यान दिलाया जिसकी और अब तक अन्य मनोवैज्ञानिकों का ध्यान नहीं गया था।

 पियाजे के सिद्धांत में वातावरण से सूचना प्राप्त कर विकासात्मक परिवर्तन के निर्माण पर अधिक बल दिया जाता है।

 1.अनुकूलन- पियाजे के अनुसार बालक को में वातावरण के साथ सामंजस्य करने की जन्मजात प्रवृत्ति होती है जिसे अनुकूलन कहा जाता है,अनुकूलन की प्रक्रिया की दो उपप्रक्रिया हैं।

a. आत्मसातकरण- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बालक समस्या के समाधान के लिए या वास्तविकता से समर्थन करने के लिए पूर्व सीखी गई योजनाओं या मानसिक प्रक्रियाओं का सहारा लेता है ।

 जैसे- यदि शिशु किसी वस्तु को उठाकर मुंह में रख लेता है तो यह एक आत्मसात करण का उदाहरण होगा क्योंकि वह वस्तु को एक परिचित क्रिया अर्थात खाने की क्रिया के साथ आत्मसात कर रहा है।

b.समायोजन- यह वह प्रक्रिया जिसमें बालक अपनी योजना संप्रत्यय या व्यवहार में परिवर्तन लाता है ताकि वह नए वातावरण के साथ अनुकूलन या समायोजन कर सके।

                                       संज्ञानात्मक विकास के चरण

1. स्वेदी गामक अवस्था (जन्म से 2 वर्ष)

2. पूर्व सक्रियात्मक अवस्था (2 से 7 वर्ष) 

3. मूर्त सक्रियात्मक अवस्था (7 से 11 वर्ष)

4. औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था ( 11 से 15 वर्ष)

1. सवेंग गामक अवस्था (0 – 2 वर्ष) – बालक जो भी कार्य करता है शरीर से इस अवस्था में सर्वेदी समझ होती है।

  Ex- आख, कान, नाक, त्वचा, गामक क्रियाये- पकडना, खेलना, लिखना, चूमना

2.पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2 10 7 वर्ष)- इस अवस्था में बालक पडोसी बच्चों के साथ खेल – खेलता है। ,बालक चित्रों का प्रयोग शब्दो व प्रतीको का प्रयोग करता है । ‘प्रतीकात्मक खेल खेलता है।,सही अनुपात का अन्तर नही कर पाता है।,सजीवता के लक्षण देखने को मिलते है । 

3. मूर्त संक्रियात्मक अवस्था – (7 से 11 वर्ष) – तर्क पर आधारित रहता है चिंतन, चिंतन का समावेश (मूर्त चिंतन), सही अनुपात का अंतर, आकार, भार, क्रम आदि को समझने लगता है।

4. औपचारिक सं. अवस्था ( 11 15 वर्ष) –अमूर्त चिंतन करने लगता है यानि निर्णय स्मरण, मनन आदि करता है।अंको का प्रयोग करता है।समस्या समाधान करने लगता है ।

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पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत पर आधारित बेहद महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी—Jean Piaget Cognitive Development Theory and MCQ For CTET 2022

1. निम्नलिखित में से कौन-सी पूर्व- संक्रियात्मक विचार की एक सीमा नहीं है? 

(1) प्रतीकात्मक विचार का विकास

(2) अहंमन्यता

(3) अनुत्क्रमणीयता

(4) ध्यान केंद्रित करने की प्रवृत्ति

Ans- 1 

2. पियाजे के अनुसार, बच्चों का चिंतन वयस्कों से ————– में भिन्न होता है बजाय —————- के 

(1) आकार, मूर्तपरकता

(2) प्रकार; मात्रा

(3) आकार; किस्म

(4) मात्रा प्रकार

Ans- 2 

3. निम्नलिखित में से कौन-सा एक आधारभूत सहायता का उदाहरण है ? 

(1) शिक्षार्थियों को प्रेरित करने वाले भाषण देना

(2) प्रश्न पूछने को बढ़ावा दिए स्पष्टीकरण देना बिना 

(3) मूर्त और अमूर्त दोनों प्रकार के उपहार देना 

(4) अनुबोधन और संकेत देना तथा नाजुक स्थितियों पर प्रश्न पूछना

Ans-  4

4. एक वर्ष तक के शिशु जब आँख, कान व हाथों से “सोचते” हैं, तो निम्नलिखित में से कौन-सा स्तर शामिल होता है?

(1) मूर्त संक्रियात्मक स्तर

(2) पूर्व-संक्रियात्मक स्तर 

(3) इंद्रियजनित गामक स्तर 

(4) अमूर्त संक्रियात्मक स्तर

Ans- 3 

5. रिया कक्षा पिकनिक तय करने हेतु रिषभ से सहमत नहीं है । वह सोचती है कि बहुमत के अनुकूल बनाने के लिए नियमों का संशोधन किया जा सकता है। यह सहपाठी विरोध, पियाज़े के अनुसार, निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है ?

(1) विषमांग नैतिकता

(2) संज्ञानात्मक अपरिपक्वता

(3) प्रतिक्रिया

(4) की नैतिकता

Ans- 1 

6. एक पाँच साल का बच्चा यह —————– कि जब पानी को ऊँचे और सँकरे गिलास से चौड़े बरतन में डाला जाता है तो पानी की मात्रा उतनी ही रहती है। ऐसा इसलिए होता है कि :

(1) वह प्रतीक नहीं बना पाता । 

(2) वह अनुकरण नहीं कर पाता। 

(3) वह वैपर्ययी चिंतन नहीं कर सकता।

(4) उसका व्यवहार उद्देश्योन्मुखी नहीं होता ।

Ans- 3 

7. एक साइकिल में जाते हुए कोई बच्चा अपनी बहन से कहता है, “तेज़ चलाओ ! हम वहाँ जल्दी पहुँच जाएँगे। ” वह यह समझ प्रदर्शित कर रहा है : 

(1) प्रतीकात्मक विचार

(2) अहंकेंद्रित विचार

(3) कार्य कारण

(4) वैपर्ययी चिंतन

Ans- 3 

8. संतुलन बनाए रखने के लिए ‘स्कीमाओं को समायोजित करने, हटाने और नए स्कीमा बनाने है की प्रक्रिया को कहा जाता है : 

(1) निकटस्थ विकास का क्षेत्र

(2) आधारभूत सहायता 

(3) अनुकूलन

(4) स्कीमा निर्माण

Ans- 3 

9. कोई 5 साल की लड़की एक टी-शर्ट को तह करते हुए अपने आप से बात करती है। लड़की द्वारा प्रदर्शित व्यवहार के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ? 

(1) जीन पियाजे इसकी व्याख्या सामाजिक अन्योन्यक्रिया के रूप में करेगा और लेव वाइगोत्स्की इसे खोजबीन मानेगा। 

(2) जीन पियाजे और लेव वाइगोत्स्की इसकी व्याख्या बच्चे के द्वारा अपनी माँ के अनुकरण के रूप में करेंगे। 

(3) जीन पियाजे और लेव वाइगोत्स्की इसकी व्याख्या बच्चे के विचारों की अहंकेंद्रित प्रकृति के रूप में करेंगे। 

(4) जीन पियाजे इसे अहंकेंद्रित भाषा कहेगा और लेव वाइगोत्स्की इसकी व्याख्या बच्चे के द्वारा निजी भाषा से अपनी क्रियाओं को नियमित करने के प्रयासों के रूप में करेगा ।

Ans- 4 

10. जीन पियाजे के अनुसार प्रारूप (स्कीमा ) निर्माण वर्तमान योजनाओं के अनुरूप बनाने हेतु नवीन जानकारी में संशोधन और नवीन जानकारी के आधार पर पुरानी योजनाओं में संशोधन के परिणाम के रूप में घटित होता है। इन दो प्रक्रियाओं को जाना जाता है:

(1) साम्यीकरण और संशोधन के रूप में

(2) समावेशन और समायोजन के रूप में 

(3) समायोजन और अनुकूलन के रूप में 

(4) समावेशन और अनुकूलन के रूप में

Ans- 2 

11. नवीन जानकारी को शामिल करने के लिए वर्तमान स्कीमा (अवधारणा) में बदलाव की प्रक्रिया ———– कहलाती है।

(1) अनुकूलन

(2) आत्मसात्करण

(3) समायोजन

(4) अहंकेंद्रिता

Ans- 3 

12. मध्य बाल्यावस्था में भाषा ————- के बजाय ————- अधिक है। 

(1) अहंकेंद्रित, समाजीकृत 

(2) समाजीकृत, अहंकेंद्रित 

(3) जीववादी, समाजीकृत 

(4) परिपक्व, अपरिपक्व

Ans- 2

13. जीन पियाजे के सिद्धांत का प्रमुख प्रस्ताव है कि-

(1) बच्चों की सोच वयस्कों से बेहतर होती है । 

(2) बच्चों की सोच मात्रात्मक रूप में वयस्कों से भिन्न होती है। 

(3) बच्चों की सोच गुणात्मक रूप में वयस्कों से भिन्न होती है।

(4) बच्चों की सोच वयस्कों से निम्न होती है।

Ans- 3 

14. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन पियाजे के सिद्धान्त के अनुसार कहा नहीं जा सकता?

(a) विकास गुणात्मक चरणों में होता है। 

(b) बच्चे अपनी दुनिया के बारे में ज्ञान का निर्माण और उपयोग करते हैं।

(c) निरंतर अभ्यास से अधिगम होता है।

(d) बच्चे अपने पर्यावरण पर क्रिया करते है

Ans- c

15. जीन पियाजे के अनुसार, बच्चे-

(a) प्रेक्षणात्मक अधिगम की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए दूसरों का अवलोकन करके सीखते हैं ।

(b) को उद्दीपन-अनुक्रिया संबंधों के सावधीपूर्ण नियंत्रण के द्वारा एक विशेष तरीके से व्यवहार करने के लिए अनुबंधित किया जा सकता है।

(c) को पुरस्कार एवं दण्ड के सिद्धांतों का प्रयोग करते हुए विशिष्ट तरीके से व्यवहार करना एवं सीखना सिखाया जा सकता है।

(d) ज्ञान को सक्रिय रूप से संरचित करते हैं, जैसे-जैसे वे दुनिया में व्यवहार कौशल का प्रयोग करते हैं तथा अन्वेषण करते हैं।

Ans- d

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इस आर्टिकल में हमने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में हमेशा पूछे जाने वाले ‘जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत’ (Jean Piaget Cognitive Development Theory and MCQ) के कुछ बेहद महत्वपूर्ण सवाल शेअर किए है, परीक्षा से जुड़ी सभी नई अप्डेट तथा प्रैक्टिस सेट प्राप्त करने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल के सदस्य जरूर बने join link नीचे दी गई है।

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