Individual Differences Theory In Hindi For CTET,UPTET & All TET Exams

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Individual Differences Theory

इस पोस्ट में हम जानेंगे वैयक्तिक भिन्नता ( Individual Differences Theory In Hindi) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि व्यक्तिगत भिन्नता की प्रकृति एवं विशेषताएं, व्यक्तिगत विभिन्नताओं के प्रकार तथा व्यक्तिगत विभिन्नताओं के कारण साथ ही विभिन्न विद्वानों के द्वारा दी गई महत्वपूर्ण परिभाषाएं आपको इस पोस्ट में प्राप्त होंगी। यह टॉपिक शिक्षक भर्ती जैसे कि CTET,UPTET & All TET  परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है तो आइए जाने वैयक्तिक भिन्नता ( Individual Differences Theory In Hindi ) से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है।

वैयक्तिक भिन्नता (Individual Differences Theory In Hindi)

 अर्थ-  किन्ही  दो व्यक्तियों की आदत, गुण तथा व्यवहारों में अंतर ही वैयक्तिक भिन्नता कहलाती है। 

स्किनर  के अनुसार “वैयक्तिक भिन्नताओ से तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से है जिनका मापन व मूल्यांकन किया जा सके। “

  • वैयक्तिक भिन्नता से अभिप्राय है प्रत्येक व्यक्ति में जैविक, मानसिक, सांस्कृतिक, संवेगात्मक अंतर पाया जाना। इसी अंतर के कारण व्यक्ति, दूसरे से भिन्न माना जाता है।
  • कोई भी दो व्यक्ति समान नहीं होते। यहां तक कि जुड़वा बच्चों में भी समानता पाई जाती है। उनके स्वाभाव, बुद्धि शारीरिक मानसिक क्षमता आदि में अंतर होता है।
  • स्किनर  ने लिखा है “व्यक्तिगत विभिन्नता में संपूर्ण व्यक्तित्व का कोई भी ऐसा पहलू सम्मिलित हो सकता है, जिस का माप लिया जा सकता है।”
  • टायलर “शरीर के आकार और स्वभाव, शारीरिक कार्यों, गति संबंधी क्षमताओं, बुद्धि उपलब्धि, ज्ञान,रुचियां अभी व्रतियों और व्यक्तित्व के लक्षणों में माफ की जा सकने वाली विभिन्न नेताओं की उपस्थिति सिद्ध की जा चुकी है।”
  • शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को किसी गुण विशेष के आधार पर प्रायः 5 वर्गों में विभाजित किया जाता है। जो इस प्रकार है।

    1. औसत से बहुत कम

    2. औसत से कम

    3. औसत 

   4. औसत से अधिक 

   5. औसत से बहुत अधिक

इसे 5 बिंदु पैमाना (5 point scale )कहते हैं।

वैयक्तिक भिन्नता  को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है। 

1  अंतवैयक्तिक भिन्नता (व्यक्ति के अंदर दूसरे व्यक्ति के सापेक्ष)

2  अंतः वैयक्तिक भिन्नता  ( व्यक्ति के स्वयं के अंदर)

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वैयक्तिक भिन्नता की प्रकृति एवं विशेषताएं (Natures and characteristics of individual difference)

  • कोई दो व्यक्ति आपस में एकदम समान नहीं होते।कोई दो व्यक्ति शारीरिक मानसिक संवेगात्मक एवं सामाजिक दृष्टि से एक से नहीं होते हैं।
  • वैयक्तिक भिन्नता में व्यक्तित्व के  केवल मापनी य लक्षणों को समाहित किया जाता है। जैसे भार ,लंबाई ,बुद्धि, अभीक्षमता ,क्रोध एवं सामाजिकता आदि।
  • किसी भी समूह में व्यक्तियों के किसी भी लक्षण का झुकाव मध्यमान अर्थात औसत प्राप्तांक की ओर होता है। इसी सामान्य संभावना वक्र द्वारा स्पष्ट किया जाता है।
  • व्यक्ति  में किसी गुण में भिन्नता उनके प्राप्त अंकों के गुण विशेष के माध्यम से विचलन के अंतर द्वारा प्राप्त होती है।
  • कोई व्यक्ति किसी गुण विशेष की दृष्टि से औसत प्राप्तांक के निकट हो सकता है, दूसरे गुण में औसत प्राप्तांक से कम हो सकता है।
  • वैयक्तिक भिन्नता के मापीय लक्षण सामान्यतः एक दूसरे से प्रभावित होते हैं। उच्च बुद्धि के बालकों की शैक्षिक उपलब्धि भी प्रायः उच्च होती है।
  • वैयक्तिक भिन्नता मानव के विविध प्रकार के विकास का आधार होती है।

व्यक्तिगत विभिन्नताओं के प्रकार (Varieties of individual differences) 

Individual Differences Theory In Hindi

(1) शारीरिक विभिन्नता  (Physical difference)

शारीरिक दृष्टि से व्यक्तियों में अनेक प्रकार की विभिन्न नेताओं का अवलोकन होता है। जैसे कि रंग, रूप, भार, कद, बनावट, योन भेद, शारीरिक परिपक्वता आदि।वर्तमान में शारीरिक रचना के विसव तत्व जिनका मापन किया जा सकता है  वैयक्तिक भिन्नता के क्षेत्र में आते हैं।

(2) मानसिक विभिन्नता (mental difference)

मानसिक दृष्टि से व्यक्तियों में विभिन्नताओं के दर्शन होते हैं। वैयक्तिक भिन्नता के मानसिक क्षेत्र में निम्नलिखित चार क्षेत्र आते हैं।

(a) बुद्धि भिन्नता (intelligence difference)

बुद्धि की दृष्टि से व्यक्तियों में विभिन्नता होती है। मनोवैज्ञानिक टरमैन एवं विनय आदि नेव्यक्तियों की बुद्धि मापन के परीक्षण तैयार किए और उनके द्वारा व्यक्तियों की बुद्धि लब्धि ज्ञात की एवं IQ आधार पर उन्हें जड़ बुद्धि से लेकर प्रतिभाशाली तक कई श्रेणियों में विभाजित किया । वर्तमान में बुद्धि वैयक्तिक भिन्नता का मुख्य आधार मानी जाती है।

(b)उपलब्धि भिन्नता (achievement differences)

शिक्षार्थियों की परीक्षा में उपलब्धि उनकी बुद्धि पर निर्भर करती है। परंतु यह उपलब्धि बुद्धि के साथ-साथ उनकी विषय में रुचि,अध्ययन की आदत और अध्ययन की परिस्थितियां आदि पर भी निर्भर करती है।

(c) अभिक्षमता भिन्नता (aptitude difference)

किसी कार्य अथवा व्यवसाय के प्रति जन्मजात रुझान एवं क्षमता को अभिक्षमता कहते हैं। यह भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न होती है। किन्ही में यांत्रिक अभिक्षमता  होती है। किन्ही में साहित्यक्षमता, किन्ही में कलात्मक क्षमता होती है।एक ही अभी क्षमता वाले भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में इसकी माप भिन्न भिन्न होती है।व्यावसायिक निर्देशन मूल रूप से अभी क्षमता के आधार पर ही दिया जाता है।

(d) विशिष्ट योग्यता भिन्नता (special abilities difference)

अभिक्षमता किसी कार्य के प्रति केवल जन्मजात रुझान एवं शक्ति को प्रकट करती है, विशिष्ट योग्यता अभी क्षमता एवं शारीरिक योग्यता दोनों का योग होती है। विशिष्ट योग्यताओं के आधार पर व्यक्ति विशेष क्षेत्र में विशेष कीर्तिमान स्थापित करते हैं। कोई खेल के क्षेत्र में, कोई साहित्य में, कोई कला में।

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(3) संवेगात्मक विभिन्नता (emotional difference)

इन विभिन्नताओं के कारण ही कुछ व्यक्ति उदार ह्रदय, कुछ कठोर हृदय, कुछ प्रसन्न चित्त, कुछ खेल चित्र वाले होते हैं।उनकी संवेगात्मक विभिन्नताओं का मापन करने के लिए संवेगात्मक परीक्षणों का निर्माण किया गया है।

(4 ) रुचिओं में विभिन्नता (interests difference)

किसी को संगीत में किसी को चित्रकला में किसी को वार्तालाप में रुचि होती है प्रत्येक व्यक्ति की रुचि में उनकी आयु की वृद्धि के साथ साथ परिवर्तन होता जाता है। यही कारण है कि बालक को और वयस्कों की रुचियों  में विभिन्नता होती है।इतना ही नहीं वरन बालक और बालिकाओं या पुरुषों और स्त्रियों की रूचियों में भी विभिन्नता पाई जाती है।

(5 ) विचारों में विभिन्नता (difference in thoughts)

व्यक्तियों में विचारों के विविध रूप मिलते हैं। जैसे कि उदार, धार्मिक, आधार, नैतिक, अनैतिक आदि। विचारों की विभिन्नताओं के अनेक कारणों में से मुख्य है। आयु, लिंग और विशिष्ट परिस्थितियां।

(6 ) सीखने में विभिन्नता(difference in learning)

कुछ बालक किसी कार्य को जल्दी और कुछ देर से सीखते हैं।

(7 ) गत्यात्मक योग्यताओं  में भिन्नता(difference in mator activities)

 इन नेताओं के कारण ही कुछ व्यक्ति एक कार्य को अधिक कुशलता से और कुछ कम कुशलता से करते हैं। इन कुशलता ओं में आयु के साथ-साथ वृद्धि होती जाती है। जैसे महिलाएं अंगुलियों से किए जाने वाले कार्य (सिलाई कढ़ाई) को पुरुषों की अपेक्षा शीघ्रता से करती है एवं पुरुष हाथ से किए जाने वाले कार्य (फावड़ा चलाना) को स्त्रियों की अपेक्षा शीघ्रता से करते हैं।

(8) सामाजिक एवं सांस्कृतिक भिन्नता

व्यक्तियों की सामाजिकता की भावना और उनके सांस्कृतिक लक्षण यह दोनों तत्व व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करते हैं। इसीलिए इन्हें भी वैयक्तिक भिन्नता के क्षेत्र में शामिल किया जाता है।

(9) जातीय तथा राष्ट्रीय भिन्नता(Racial and National differences)

एक जाति के व्यक्तियों में कुछ गुण समान होते हैं, इन्हीं जाती है गुण कहा जाता है और यह गुण दूसरी जाति के व्यक्तियों से कुछ भिन्न होते हैं। जो उनके व्यवहार में भिन्नता लाते हैं।इसी प्रकार भिन्न भिन्न राष्ट्र के व्यक्तियों में राष्ट्र के आधार पर कुछ भिन्नता होती है।

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(10)  व्यक्तित्व में विभिन्नता(difference in personality)

हमें जीवन में अंतर्मुखी, बहिर्मुखी, सामान्य और असाधारण व्यक्तित्व के लोगों से कभी न कभी भेट हो ही जाती है। हम उनकी योग्यता से भले ही प्रभावित ना हो पर उनके व्यक्तित्व से अवश्य होते हैं।

इसीलिए टायलर ने लिखा है “संभवतः व्यक्ति, योग्यता की विभिन्नताओं के बजाय व्यक्तित्व की विभिन्न नेताओं से अधिक प्रभावित होता है।”

व्यक्तिगत विभिन्नताओं के कारण (Causes of individual differences)

Individual Differences Theory In Hindi

व्यक्तिगत भिन्नता का प्रभाव अधिगम प्रक्रिया तथा उसकी उपलब्धि पर पड़ता है। व्यक्तिगत विभिन्नता ओं के अनेक कारण हो सकते हैं। जिनमें से अधिक महत्वपूर्ण नीचे दिए गए हैं।

1. वंशानुक्रम (Heredity)

व्यक्तिगत विभिन्नता ओं का पहला आधारभूत कारण है वंशानुक्रम इसके कारण ही व्यक्ति का मानसिक विकास (बुद्धि, चिंतन ,दृष्टिकोण ,व्यवहार, सोच) एवं शारीरिक विकास में अंतर पाया जाता है।

2. वातावरण (environment)

यह दूसरा आधारभूत कारण है। मनोवैज्ञानिकों का तर्क है, कि व्यक्ति जिस प्रकार के सामाजिक वातावरण में निवास करता है। उसी के अनुरूप उसका व्यवहार, रहन-सहन, आचार विचार आदि होते हैं।

3. लैंगिक विभिन्नताएं(Sex difference)

इस भेद के कारण हम बालक और बालिकाओं की शारीरिक बनावट ,संवेगात्मक विकास की कार्य क्षमता में अंतर मिलता है।

स्किनर ने लिखा है कि ‘बालक को में शारीरिक कार्य करने की क्षमता अधिक होती है, जबकि बालिकाओं में स्मृति की योग्यता अधिक होती है।’

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4 .आयु व बुद्धि (Age and intelligence)

आयु के बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति का शारीरिक बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास अलग-अलग होता है। प्रत्येक व्यक्ति की बुद्धि तथा आयु का विकास अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए i.q. में अंतर होना।

5. जाति प्रजाति एवं देश (Caste race and country)

जाति के आधार पर वैयक्तिक का अंतर पाया जाता है। जाति का प्रभाव व्यक्तित्व विकास पर भी पड़ता है। राष्ट्र का भाव भी  व्यक्तियों में अलग-अलग होता है। जैसे अंग्रेज एवं भारतीयों में अंतर।

6. शिक्षा व आर्थिक दशा(Education and economic system)

पारिवारिक आर्थिक स्थिति एवं शिक्षा का स्वरूप भी व्यक्तित्व विकास में अंतर लाता है। दो असमान आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों का मानसिक , सामाजिक,सांस्कृतिक, तकनीकी इत्यादि का विकास अलग-अलग होता है।

7. परिपक्वता (Maturity)

परिपक्वता को लेकर भी दो व्यक्तियों के बीच अंतर पाया जाता है।

अध्ययन की विधियां

1.  बुद्धि परीक्षण

2 . उपलब्धि परीक्षण

3 . संवेग परीक्षण

4.  अभिक्षमता अभिरुचि परीक्षण

5.  व्यक्तित्व परीक्षण



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