International Girl Child Day 2022: प्रतिवर्ष 11 अक्टूबर को ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ के रूप में मनाया जाता है। इसकी इस वर्ष की थीम ‘डे फॉर गर्ल चाइल्ड (Day for Girl Child), निर्धारित की गई है। मुख्यतः यह दिन सम्पूर्ण विश्व की लड़कियों एवं कम उम्र की युवतियों को सशक्त बनाने के लिए एवं उनकी आवाज को लोगों तक पहुँचाने के लिए मनाया जाता है। आखिर इस दिन की शुरुआत कैसे हुई? इस दिन को सबसे पहले कब व किसके द्वारा मनाया गया था? आइए इन सभी प्रश्नों के उत्तर को जानें।
आपको बता दें, इस वर्ष 2022 में ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ की 10वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। यह दिन सम्पूर्ण विश्व की छोटी लड़कियों द्वारा वैश्विक रूप से सामना की जाने वाली लिंग आधारित चुनौतियों (जेंडर-बेस्ड-चैलेंज) को हटाने के उद्देश्य से एवं उन्हें समान अधिकार दिलाने के लिए शुरू किया गया था।
लगभग 60 मिलियन से अधिक बालिकाएँ हैं शिक्षा से वंचित
यूनाइटेड स्टेट एजन्सि फॉर इंटरनेशनल डेव्लपमेंट यानि USAID द्वारा वर्ष 2014 में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, सम्पूर्ण विश्व में तकरीबन 62 मिलियन (6.2 करोड़) लड़कियां ऐसी हैं, जिनकी शिक्षा तक कोई पहुँच नहीं है। इस रिपोर्ट में एक और चौंकने वाली बात यह भी पता चली, कि 5 से 14 वर्ष की आयु तक की लड़कियां अपनी समान आयु वाले लड़कों की तुलना में लगभग 160 मिलियन (16 करोड़) अधिक घंटे गृह कार्यों को देती हैं एवं घर पर ही व्यतीत करती हैं।
इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में यह भी सामने आया, कि वैश्विक स्तर पर हर 4 में से 1 लड़की का 18 वर्ष की आयु से पहले ही विवाह करा दिया जाता है। ऐसी ही कई अन्य समस्याओं की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए ही ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ की पहल को शुरू किया गया था।
इस दिन पहली बार मनाया गया था ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’
वर्ष 2012 में 11 अक्टूबर को पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ की शुरुआत की गई थी, जिसे ‘डे ऑफ गर्ल्स’ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन लड़कियों को समान एवं अधिक अवसर दिलाने, उनके द्वारा सामना की जाने वाली लैंगिक असमानताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है। इन असमानताओं में शिक्षा तक पहुँच, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सा, देखभाल, लड़कियों के विरुद्ध हो रही हिंसा एवं जबरदस्ती कराये जा रहे बाल विवाह आदि सम्मिलित हैं।
‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ इनिशिएटिव की शुरुआत प्लान इंटरनेशनल की एक परियोजना के रूप में हुई थी। यह एक गैर-सरकारी संगठन है, जो सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ एवं कार्यरत है। इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाए जाने का विचार प्लान इंटरनेशनल के ही एक अभियान ‘क्यूंकी मैं एक लड़की हूँ (Because i am a girl)’ से विकसित हुआ था, जो लड़कियों के पोषण के लिए जागरूकता बढ़ता है। इसके बाद प्लान इंटरनेशनल नें संयुक्त राष्ट्र से इसमें शामिल होने का आग्रह किया, तभी से प्रतिवर्ष ‘इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे’ मनाया जाने लगा।
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