बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के अंतर्गत सभी महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Child Development and Pedagogy All Definition):
इस पोस्ट में हम जानेंगे शिक्षा भर्ती परीक्षाएं जैसे कि CTET, TET ,UPTET, KVS,NVS, Samvida Bharti आदि में पूछे जाने वाले एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र की सभी परिभाषाएं (All Definitions:Psychology,Child Development,Intelligence,Motivation ) बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के अंतर्गत सभी महत्वपूर्ण परिभाषाएं के बारे में , दोस्तों इस टॉपिक से शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्न हमेशा ही पूछे जाते हैं इसीलिए यह टॉपिक हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
1.अधिगम के संबंध में महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Important definitions regarding access)
- क्रो एवं क्रो – “आदत, अभिवृत्ति और ज्ञान का अर्जन करना ही अभिगमन कहलाता है।”
- विलियम वुर्डवर्थ – विलियम वुर्डवर्थ अधिगम की दो परिभाषाएं दी है।
1.” अभिगम विकास की एक प्रक्रिया है।”
2.” नवीन ज्ञान एवं नवीन प्रतिक्रियाओं का अर्जन अतिक्रमण कहलाता है।”
- बी.एफ स्किनर – ” अधिगम व्यवहार में उत्तरोत्तर अनुकूलन की प्रक्रिया है।”
- आइजेक अनुसार – ” अधिगम नवीन स्थाई परिवर्तन के अंतर्गत सीखने की प्रक्रिया है।”
- गेट्स के अनुसार- ” प्रशिक्षण और अनुभव के कारण व्यवहार में आया परिवर्तन कहलाता है।”
- कॉल्विन के अनुसार -“पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों दोबारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।”
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2.मनोविज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Important definitions related to psychology)
- विलियम वुर्डवर्थ -” मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम अपनी आत्मा का त्याग किया फिर अपने मन को छोड़ा बाद में अपनी चेतना कोई अब व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।”
- वाटसन के अनुसार – “मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध विज्ञान है।”
- मेक्यूगलके अनुसार – ” मनोविज्ञान आचरण और यथार्थ का विज्ञान है।”
- बी.एफ स्किनर के अनुसार – ” मनोविज्ञान व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।”
- क्रो एवं क्रो – ” मनोविज्ञान मानव व्यवहार एवं मानव संबंधों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।”
- सिगमंड फ्रायड के अनुसार – ” मनोविज्ञान अचेतन मन का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।”
- वुर्डवर्थ के अनुसार – “जीवन में आभार एवं प्रभाव देने वाली प्रत्येक क्रिया व्यवहार है।”
- मॉर्गन के अनुसार – “मनोविज्ञान मानव और पशु के व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।”
- जिम्ब्र्ड़ो के अनुसार – “मनोविज्ञान जीव धारियों का व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है।”
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3.शिक्षा मनोविज्ञान महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Education Psychology Important Definitions)
- बी.एफ(B.F) स्किनर के अनुसार – बी.एफ स्किनर ने शिक्षा मनोविज्ञान की दो परिभाषाएं दी है।
- ” शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की तरह वह शाखा है जिसमें सीखने एवम सिखाने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है।” इसके संबंध में कहा जाता है ,कि ” सीखना विज्ञान है, सिखाना कला है”
2.” शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में विद्यार्थियों के व्यवहार का अध्ययन करती है जिसका संबंध शिक्षण एवं अधिगम से हो।”
- स्टीफन के अनुसार – ” शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन करती है।”
- ट्रो के अनुसार – ” शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मनोवैज्ञानिक पक्षों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।”
- क्रो एवं क्रो के अनुसार – ” शिक्षा मनोविज्ञान जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक सीखने का वर्णन तथा व्याख्या शैक्षिक व्यवहार का अध्ययन करती है।”
4.अभिप्रेरणा के संबंध में महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Important definitions regarding motivation)
- मैकडोनाल्ड के अनुसार – ” अभिप्रेरणा व्यक्ति के अंदर ऊर्जा परिवर्तन है।”
- क्रैच एवं क्रैच फील्ड के अनुसार – ” अभिप्रेरणा हमारे क्यों का उत्तर देती है।”
- बी.एफ स्किनर के अनुसार – ” अभिप्रेरणा अतिक्रमण का सर्वोत्कृष्ट राजमार्ग है।”
- गुड के अनुसार – ” अभिप्रेरणा किसी कार्य को आरंभ करने जारी रखने एवं नियंत्रित करने की प्रवृत्ति है।”
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5.बुद्धि से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Important definitions related to intelligence)
- फ्रीमैन के अनुसार – ” बुद्धि समायोजन, अधिगम और अमूर्त चिंतन की योग्यता है।”
- बकिंघम के अनुसार – ” बुद्धि सीखने की योग्यता है।”
- डियर बार्न के अनुसार – “बुद्धि सीखने या अनुभव से लाभ उठाने की योग्यता है।”
- टर्मन के अनुसार – ” बुद्धि अमूर्त चिंतन के बारे में विभिन्न योग्यता का नाम है।”
- बिन्ने के अनुसार – ” बुद्धि में 4 शब्द निहित है, ज्ञान, अविष्कार, निर्देश, आलोचना”
- वुर्डवर्थ के अनुसार – ” बुद्धि कार्य करने की योग्यता है।”
- वुडरो के अनुसार – ” बुद्धि ज्ञान अर्जन करने की क्षमता है।”
- रॉस के अनुसार – ” नवीन परिस्थितियों में चेतन अनुकूलन बुद्धि है।”
6.बाल विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं (Important definitions related to child development)
बाल विकास के अंतर्गत शैशव अवस्था, बाल्यावस्था, एवं किशोर अवस्था के संबंध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएं।
शैशवावस्था(0-5 वर्ष) से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं
- फ्राइड के अनुसार : ” बालक को जो बनना होता है वह प्रारंभिक 4 से 5 वर्षों में बन जाता है।”
- वैलेंटाइन के अनुसार : “शैशवावस्था को सीखने का आदर्श काल कहा है।”
- वाटसन के अनुसार : “शैशवावस्था में जो सीखने की सीमा तथा सीखने की तीव्रता है वह और किसी अन्य अवस्था में बहुत तीव्र होती है।”
- क्रो एवं क्रो के अनुसार : “बीसवीं शताब्दी को बालक की शताब्दी कहां है। “
- थार्नडाइक के अनुसार : “3-6वर्ष का बालक अर्धस्वप्न में रहता है।”
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बाल्यावस्था(6-12 वर्ष) से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाए
- कोल एवं ब्रस के अनुसार: ” बाल्यावस्था संवेगात्मक विकास का अनोखा काल है”रॉस के अनुसार : ” बाल्यावस्था को मिथ्या परिपक्वता कहां है।”
- किलपैट्रिक के अनुसार : ” बाल्यावस्था प्रतिद्वदात्मक अवस्था है।”
- फ्राइड के अनुसार : “बाल्यावस्था जीवन निर्माण का काल है।”
किशोरावस्था(12-18 वर्ष) से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं
- किलपैट्रिक के अनुसार: ” इसमें कोई मतभेद नहीं है कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है।”
- वैलेंटाइन के अनुसार ; ” किशोरावस्था अपराध प्रवृति का नाजुक समय है।”
- रॉस के अनुसार : ” किशोरावस्था शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है।”
- कॉल सैनिक के अनुसार : ” किशोर अवस्था में किशोर प्रौढ़ को अपने मार्ग में बाधक मानते हैं।”
- स्टेनले हॉल के अनुसार : ” किशोरावस्था को बड़े संघर्ष, तनाव तथा आंधी तूफान की अवस्था कहा जाता है।”
7.मूल्यांकन से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषाएं(Important definitions related to evaluation)
- कोठारी आयोग – “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा शिक्षा की संपूर्ण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है यह शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ण रूप से संबंधित है मूल्यांकन के द्वारा शैक्षणिक उपलब्धि की भी जांच नहीं की जाती बल्कि उसके सुधार में भी सहायता मिलती है”
- हन्ना के अनुसार – “विद्यालय द्वारा बालक के व्यवहार में लाए गए परिवर्तन के संबंध में परमाणु की संख्या और उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया को मूल्यांकन कहते हैं”
- गुड्स के अनुसार –” मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सही ढंग से किसी वस्तु का मापन किया जा सकता है”
- मुक्फात के अनुसार – “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा यह बालक ओं की औपचारिक शैक्षणिक उपलब्धि की अपेक्षा करता है यह व्यक्ती के विकास में अधिक रुचि रखता है यह व्यक्ती के विकास को उसकी भावनाओं, विचारों तथा क्रियाओं से संबंधित वांछित व्यवहार गत परिवर्तन के रूप में व्यक्त करता है”
- रेमर्स एवं गेज के अनुसार – ” मूल्यांकन में व्यक्ति या समाज अथवा दोनों की दृष्टि में जो उत्तम है अथवा वांछनीय है को माना जाता है”
- क्लार व स्टार के अनुसार – ” मूल्यांकन वह निर्णय या विश्लेषण है जो विद्यार्थी के कार्य की प्राप्त सूचनाओं से निकाला जाता है”
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बच्चों के विकास के बारे में आप ने बहुत ही प्रशंसनीय जानकारी लिखी है। धन्यवाद !