India UK Sign MoU on Recognition of Educational Qualification: ब्रिटेन की डिग्री को अब भारत में भी मान्यता, जाने क्या है ये समझौता 

India, UK Signs MoU: 21 जुलाई 2022 दिन गुरुवार को भारत तथा यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) नें एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर भारत सरकार के कॉमर्स सेक्रेटरी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम तथा ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग के स्थायी सचिव जेम्स बोलर नें हस्ताक्षर किए। बता दें, यह समझौता शैक्षिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता से तथा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यबल से संबन्धित था। 

यह समझौता दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय समझौतों को मजबूत करने के लिए बनाई गई 10 वर्षीय रूपरेखा का ही एक हिस्सा है। इस समझौते के अनुसार अब भारत में ब्रिटेन के सभी ए-स्तर तथा उनके समान, स्नातक तथा स्नातकोत्तर डिग्री को भी बराबर मान्यता दी जाएगी। अब ब्रिटेन से स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी देश में होने वाली सरकारी नौकरियों में आवेदन कर सकते हैं। 

ब्रिटेन-भारत वृहद व्यापार साझेदारी (ईटीपी) का हिस्सा है समझौता 

गुरुवार को ब्रिटेन सरकार की ओर से दिये एक बयान में कहा गया, कि ये समझौता गत वर्ष 4 माय 20221 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य की गई वृहद व्यापार साझेदारी (ईटीपी) का ही एक हिस्सा है। इसके जरिये दोनों देशों को एक-दूसरे के उच्च शैक्षणिक कार्यक्रमों को समझने तथा एक-दूसरे की शैक्षणिक डिग्रीयों को मान्यता देने में सहायता होगी। 

इस अतिरिक्त दोनों पक्षों द्वारा ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में कार्य करने तथा प्रशिक्षण लेने के इच्छुक भारतीय नर्स और नर्सिंग सहायकों को अवसर प्रदान कराने हेतु एक कार्य बल गठित किए जाने के लिए ईटीपी की प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन से संबन्धित समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। शैक्षिक प्रणाली से संबन्धित समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति द्वारा किए गए। 

अध्ययन के लिए ब्रिटेन भारतीय छात्रों की पहली पसंद

आपको बता दें, कि भारत तथा ब्रिटेन पहले से ही अध्ययन के लिए एक-दूसरे के विद्यार्थियों की पहली पसंद रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सत्रह 2020-21 में तकरीबन 84,555 भारतीय मूल के छात्रों ने ब्रिटेन के महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया था। इस समझौते के बाद अब माना जा रहा है, कि एक-दूसरे की शिक्षा प्रणाली को अच्छे से जान लेने के बाद अब ब्रिटेन के छात्रों की भारत में अध्ययन करने की संभावनाएँ भी बढ़ जाएंगी। 

यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों में विधिवत अनुमोदित और मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों के भीतर छात्रों द्वारा किए गए शैक्षिक योग्यता और अध्ययन की अवधि की पारस्परिक मान्यता प्रदान करता है।

ये भी पढ़ें-

AGNIVEER Recruitment 2022: वायुसेना में अग्निवीरों की नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जाने क्या है परीक्षा का सिलेबस 

Leave a Comment