Success Storie: बास्केट बॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के इन शब्दों से प्रेरण लेकर बनी UPSC Topper, जाने सफलता की कहानी 

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Kritika Goyal Cracked UPSC: यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करना हर किसी के बस का नहीं होता है, परंतु कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास कर सफलता हासिल की जा सकती है और इसीको सच कर दिखाया है हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली कृतिका गोयल ने, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर AIR 14 रैंक हासिल की है. आज यहां हम कृतिका गोयल की सफलता का मूल मंत्र जानेंगे साथ ही उनके द्वारा युवाओं के लिए कहीं गई कुछ जरूरी बातें भी शेयर करेंगे.

कृतिका गोयल एक ऐसे परिवार से आती हैं जहां परिवार के सदस्य आईएएस,आईपीएस जैसे बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके पिता RP गोयल सोनीपत में जज हैं तथा इनकी मां एक टीचर हैं, कृतिका के भाई एक आईपीएस ऑफिसर हैं साथ ही उनके चाचा के बच्चे भी आईएएस ऑफिसर हैं। जो कि 2019-20 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं।

परिवार के सभी सदस्य अधिकारियों के पद पर कार्यरत हैं ऐसे में कृतिका ने भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी परंतु शुरुआती सालों में से सफल नहीं हो पा रही थी, यूपीएससी परीक्षा के पहले दो अटेम्प्ट में वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई थी। उन्होंने बताया कि वह CSAT के सेकंड अटेम्प्ट में भी फेल हो चुकी थी, इतनी असफलताओं के मिलने पर वह अंदर से टूट चुकी थी तथा उनका सब्र जवाब दे रहा था. 

इतनी असफलताओं के बाद लीजेंट बास्केट बॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन द्वारा कहे गए शब्दों से प्रेरणा लेकर उन्होंने दोबारा प्रयास शुरू किया-

the greatest basketball player, that says: ‘Be true to the game, the game will be true to you. If you try shortcut, the game will shortcut you.’

(‘खेल के प्रति सच्चे रहो, खेल तुम्हारे लिए सच्चा होगा। यदि आप शॉर्टकट आजमाते हैं, तो खेल आपको शॉर्टकट बना देगा।’) 

घरवालों के सपोर्ट के बाद कृतिका गोयल ने दुबारा से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की तथा तीसरा टेस्ट में उन्होंने रिज़र्व लिस्ट में जगह बनाई लेकिन चौथे अटेम्प्ट में यूपीएससी के CSE-2022 पेपर में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 14 हासिल की.

कृतिका गोयल ने बताया कि उनका परिवार उनकी यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी रीढ़ रहा है। पढ़ाई के लिए उन्होंने अपने भाई के नोट्स का इस्तेमाल किया। उन्होंने रणनीतियों के साथ उनका मार्गदर्शन भी किया।

उन्होंने घर पर कई टेस्ट सीरीज़ लिखीं और उसकी कॉपियाँ उसके आईएएस देवर द्वारा जाँची गईं, चचेरे भाई के साथ मिलकर तैयारी की जिससे प्रीलिम्स में उसकी बहुत मदद मिली। उसकी मौसेरी बहन ने उसे हर कदम पर सलाह दी।

भविष्य के उम्मीदवारों को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा, “अपनी UPSC की यात्रा के प्रति ईमानदार रहना बेहद ज़रूरी है, इस सफर में सब्र रखना चाहिए- यही सबसे बड़ी पूंजी है, इस परीक्षा में सफल होने के लिए आपको नियमित प्रयास और कंसिस्टेंसी बनाये रखना ज़रूरी है वरना आप इसमें सफलता हासिल नहीं कर पाएँगें।

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