अधिगम  की परिभाषाएं एवं सिद्धांत : Important question for CTET, UPTET, MPTET, HTET

अधिगम की परिभाषाएं एवं सिद्धांत (Definition of learning)

अधिगम (Learning) मानव जीवन का एक ऐसा महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो अनुभव, अभ्यास और पर्यावरण के साथ निरंतर संपर्क के माध्यम से व्यक्ति के व्यवहार, ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण में स्थायी परिवर्तन लाता है। इसे शिक्षा का आधार माना जाता है, क्योंकि अधिगम के माध्यम से ही व्यक्ति न केवल नई जानकारी अर्जित करता है, बल्कि अपनी क्षमताओं का विकास भी करता है।

इस आर्टिकल में हम अधिगम की परिभाषाओं और इससे संबंधित प्रमुख सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे, जैसे व्यवहारवादी सिद्धांत, संज्ञानात्मक सिद्धांत और निर्माणवादी दृष्टिकोण। ये सिद्धांत यह समझने में मदद करते हैं कि व्यक्ति कैसे सीखता है और कौन-कौन से कारक अधिगम को प्रभावित करते हैं। अधिगम को सही तरीके से समझने के लिए इन सिद्धांतों और परिभाषाओं का अध्ययन बेहद आवश्यक है। आइए, शिक्षा के इस महत्वपूर्ण पहलू को विस्तार से समझें।

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अधिगम की परिभाषाएं:

अधिगम की परिभाषाएं और इसकी व्याख्या: शिक्षा का मूल आधार

अधिगम (Learning) एक निरंतर और गतिशील प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अनुभव और अभ्यास के आधार पर अपने व्यवहार, ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण में स्थायी परिवर्तन लाता है। यह प्रक्रिया न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि मानव विकास के प्रत्येक चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अधिगम को परिभाषित करने के लिए कई शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों ने विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं। आइए कुछ प्रमुख परिभाषाओं पर नज़र डालें:

  • स्किनर (Skinner) के अनुसार, “व्यवहार के अर्जन और उसमें उन्नति की प्रक्रिया को अधिगम कहते हैं।”
  • वुडवर्थ (Woodworth) के अनुसार, “लर्निंग किसी नई प्रक्रिया में निहित होता है, जिसमें नई क्रियाएं पुष्टि से युक्त होती हैं और कालांतर में वे क्रियाएं स्थायी रूप से व्यवहार में प्रकट होती हैं।”
  • गेट्स (Gates) के अनुसार, “अनुभव और प्रशिक्षण के माध्यम से व्यवहार में होने वाले संशोधन को अधिगम कहा जाता है।”
  • कॉल्विन (Colvin) के अनुसार, “पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों के माध्यम से होने वाले परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।”
  • वुडवर्थ (Woodworth) ने यह भी कहा कि, “अधिगम विकास की प्रक्रिया है, जो भूलने को कम करके स्थायी ज्ञान का निर्माण करती है।”

अधिगम के प्रमुख सिद्धांत
अधिगम को बेहतर ढंग से समझने के लिए कई मनोवैज्ञानिक सिद्धांत प्रस्तुत किए गए हैं, जैसे:

  1. व्यवहारवादी सिद्धांत (Behavioral Theories): इसमें स्किनर और पावलॉव के योगदान को प्रमुखता दी जाती है।
  2. संज्ञानात्मक सिद्धांत (Cognitive Theories): पियाजे और वाइगोत्स्की द्वारा प्रस्तुत सिद्धांत।
  3. निर्माणवादी दृष्टिकोण (Constructivist Approach): यह मानता है कि व्यक्ति स्वयं अपने ज्ञान का निर्माण करता है।

अधिगम की इन परिभाषाओं और सिद्धांतों के अध्ययन से न केवल शिक्षकों को अपने शिक्षण पद्धति में सुधार करने में मदद मिलती है, बल्कि यह छात्रों के व्यवहार और ज्ञान के विकास को भी प्रभावी ढंग से दिशा प्रदान करता है।

याद करने की  Trick

स्किनर की उन्नति को

गुड की लर्निंग ( सीखना) ने

गेट के संशोधन से

काल्विन को पहले से निर्मित किया

अधिगम के सिद्धांत अधिगम के प्रमुख सिद्धांत इस प्रकार है

  सिद्धांत                                             प्रवर्तक 1.उद्दीपक- अनुक्रिया सिद्धांत        –  थॉर्नडाइक अमेरिका 1913

 2. अनुकूलित- अनुक्रिया सिद्धांत(शास्त्रीय अनुबंध) – पावलाव रूस 1904

4. सूझ एवं अंतर्दृष्टि का सिद्धांत(गेस्टाल्ट सिद्धांत )  –  वर्दी मर 

5.सामाजिक अधिगम सिद्धांत                –   अल्बर्ट बंडूरा 1966

6.जेरोम ब्रूनर का संरचनात्मक सिद्धांत      –    जेरोम ब्रूनर

  (निर्मितवाद का सिद्धांत जेरोम ब्रूनर ने दिया था  )

7.पुनर्बलन/ प्रबलन/ सबलीकरण सिद्धांत     – क्लार्क हल

8.अनुभव जन्य अधिगम सिद्धांत       –      कार्ल रोजर्स

पावलव, स्किनर, थॉर्नडाइक और कोहलर से सम्बंधित अति महत्वपूर्ण प्रश्न :

  • सीखना विकास की प्रक्रिया है यह किसका कथन है ।     –  गुड वर्क    
  • व्यवहार के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया को अतिक्रमण कहते हैं किसने कहा।  –    गिलफोर्ड के अनुसार    
  • सीखने के नियम के प्रतिपादक हैं  – थार्नडाइक   
  • अधिगम की कितनी विधियां  होती है   –   8
  • किसी की गई क्रिया का अन्य सामान परिस्थितियों में उपयोग किया जाना कहलाता है  – अधिगम स्थानांतरण
  •   पावलाव  किस देश के निवासी थे –  रूस क
  • पाबला को नोबेल पुरस्कार किस  क्रिया पर मिला था।  –   पाचन प्रक्रिया पर  
  • पावलव द्वारा कुत्ते पर प्रयोग के उदाहरण पर आधारित सिद्धांत को कौन सा सिद्धांत कहते हैं. –   शास्त्रीय अनुकूलन सिद्धांत 
  • अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत के प्रवर्तक है।  –   पावला
  • क्लासिकी अनुबंधन सिद्धांत में कौन से तत्व पर सर्वाधिक जोड़ दिया गया है। –    पुनरावृत
  • अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत किस जानवर पर प्रयोग किया गया। –    कुत्ते पर     
  • थार्नडाइक मनोवैज्ञानिक किस देश के निवासी थे. –   अमेरिका का 
  • अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत में प्रकृति का उद्दीपन है। –   भोजन 
  • कुत्ते के मुंह में लार आना कौन सी अनुक्रिया है। –      स्वाभाविक अनुक्रिय
  • थार्नडाइक ने किस जानवर पर प्रयोग किया था। –         बिल्ली पर
  • थार्नडाइक का सिद्धांत है। – उद्दीपन अनुक्रिया का सिद्धांत
  • पावलाव  ने अपना प्रयोग किसके ऊपर किया था। –  कुत्ते पर
  • थार्नडाइक का सिद्धांत कहलाता है. –  S-R सिद्धांत
  • थार्नडाइक के अनुसार S और R  क्या है। –     उद्दीपक (S) तथा (R)अनुक्रिया होती है
  • संबंध वाद का सिद्धांत किसने दिया था। –  थार्नडाइक ने
  • थार्नडाइक का अधिगम सिद्धांत जाना जाता है। –  प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
  • थार्नडाइक के प्रयोग में बिजली के लिए पुरस्कार स्वरूप था. – भोजन 
  • “ इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से उसका संबंध हो जाता है” थार्नडाइक के  किस नियम पर आधारित है” –  अभ्यास का नियम
  • थार्नडाइक  ने दिया है। – प्रभाव का नियम, अभ्यास का नियम, तत्परता का नियम
  • थार्नडाइक के द्वारा प्रतिपादित सीखने के मुख्य नियम है. – 3
  • एक बालक ने एक कुत्ते को डंडे से मार कर भगा दिया अब जब भी कुत्ता बालक को देखता है तो तुरंत भाग जाता है कुत्ते की यह सीखने की क्रिया किस प्रकार की हो क्रिया है. –  समृद्ध सहज क्रिया द्वारा सीखना 
  • S-R संबंध पाए जाते हैं. – थार्नडाइक के सिद्धांत में
  • R-R  तथा S-S संबंध दोनों ही विद्यमान होते हैं। –थार्नडाइक के सिद्धांत में
  • प्रभाव का नियम  किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया। –  थार्नडाइक
  • किसी क्रिया को बार-बार दोहराने से उसका संबंध हो जाता है,थार्नडाइक  के किस नियम पर आधारित है। –अभ्यास का नियम
  • स्किनर किस देश के निवासी  थे। – अमेरिका
  • संक्रिया अनुकूलन का सिद्धांत किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया था। –    स्किन
  • स्किनर ने अपना पहला एवं दूसरा प्रयोग किस जीव के ऊपर किया। –    क्रमशः चूहों पर  व कबूतर पर
  • कोल्हार  किस देश के निवासी थे   तथा इन्होंने अपना प्रयोग किस पर किया। – जर्मनी के, वनमानुष पर
  • स्किनर सिद्धांत है। – सक्रिय अनुकूलन सिद्धांत
  • क्रियात्मक अनुबंध सिद्धांत किसने दिया। –   स्किनर
  • कार्यात्मक अनुबंध सिद्धांत के प्रतिपादक हैं. –स्किनर
  • नैमित्तिक अनुबंध को अन्य किस नाम से जाना जाता है. –   क्रिया – प्रसूत अनुबंधन
  • “कल्पना जितनी अधिक होगी शूज की क्षमता का विकास भी उतना अधिक होगा” –       कोहलर
  • चिंपांजी सुल्तान पर किस के द्वारा प्रयोग किया गया। –      कोहलर
  • कोहलर का प्रयोग सीखने के किस सिद्धांत से संबंधित है। –    सूझ का सिद्धांत
  •  सीखने की अंतर्दृष्टि सिद्धांत किसकी देन है. –  गेस्टाल्टवादियों का
  • अंतर्दृष्टि या शूज वास्तविक स्थिति का आकस्मिक, निश्चित तात्कालिक ज्ञान है. – गुड के अनुसार
  • हल का सिद्धांत कहलाता है। –   सबलीकरण सिद्धांत
  • कुर्टलेविन का सिद्धांत  है। –  संज्ञानात्मक क्षेत्र सिद्धांत
  • टॉल मैन का सिद्धांत है। –अधिगम सिद्धांत

दोस्तों इस पोस्ट में हमने child development and Pedagogy (बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) के अंतर्गत अधिगम  की परिभाषाएं एवं सिद्धांत की एक सूची प्रस्तुत की हैं, इसी तरह के महत्वपूर्ण स्टडी मैटेरियल एवं सरकारी नौकरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने के लिए आप  हमारी वेबसाइट  exambaaz.com को बुकमार्क अवश्य कर लीजिए इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!! 

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