MP GK: मध्यप्रदेश की  मिट्टियां (Soil of Madhya Pradesh) एक नजर मे-

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Soil of Madhya Pradesh  मध्यप्रदेश की  मिट्टियां

 इस पोस्ट में हम जानेंगे मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान के अंतर्गत मध्य प्रदेश की  मृदा (Soil of Madhya Pradesh) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी। शैलो के विघटन एवं वियोजन से उत्पन्न ढीले एवं असंगठित भू पदार्थों को मृदा कहते हैं। मध्यप्रदेश में अधिकतर भाग में प्रौढ़ मृदा पाई जाती है लेकिन परिवहन के विभिन्न कारकों के कारण से मृदा में भिन्नता पाई जाती है।  राज्य की मृदा की प्रकृति का निर्धारण वहां पर पाई जाने वाली चट्टानों के द्वारा हुआ है। राज्य की महिलाओं को पांच भागों में वर्गीकृत किया जाता है जो इस प्रकार है। 

1. काली मृदा

  •  इस मृदा का गहरा रंग लोहा एवं छूने की अधिक मात्रा के कारण होता है। 
  •  काली मिट्टी का निर्माण बेसाल्ट नामक आग्ग्नेय चट्टान से हुआ है। 
  •  इस मृदा में फास्फोरस, नाइट्रोजन एवं जैव तत्वों की कमी होती है। 
  • काली मृदा को रंग तथा मोटाई के आधार पर तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है। 

(i) गहरी काली मृदा- मध्यप्रदेश में काली मृदा मालवा पठार, सतपुड़ा चित्र तथा नर्मदा घाटी क्षेत्र में पाई जाती है इस मृदा में चिकनी मृदा की मात्रा 20.60% होती है।

(ii) साधारण गहरी काली मृदा- यह दादा मध्य प्रदेश में सबसे अधिक क्षेत्रफल में पाई जाती है। यह मृदा प्रदेश की मालवा पठार उत्तरी मध्य प्रदेश तथा निर्माण क्षेत्र के लगभग 400 लाख एकड़ के क्षेत्र में मिलती है।

(iii) छिछली काली मृदा- छिछली काली मृदा मुख्य रूप से छिंदवाड़ा, सिवनी एवं बैतूल जिले में पाई जाती है। इस मृदा का ph मान 7.5 से 8.5 के बीच होता है।

2. लाल पीली मृदा

  • लाल पीली मृदाओ मे लाल रंग लोहे के ऑक्साइड एवं पीले रंग फेरिक ऑक्साइड के जलयोजन के कारण होता है।
  • यह मृदा मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट, शहडोल एवं सीधी जिलों में 390 लाख एकड़ क्षेत्रफल पर पाई जाती है।
  • यह मृदा अम्लीय से जारी होती है इसका ph मान 5.5 से 8.5 के बीच होता है।
  • इस मृदा में चुने की अधिकता होती है परंतु निक्षालन के कारण इसमें ही ह्यूमस एवं नाइट्रोजन की कमी पाई जाती है।
  • लाल पीली मृदा में धान की कृषि की जाती है।

3. जलोढ़ मृदा

  • मध्यप्रदेश में जलोढ़ मृदा का निर्माण बुंदेलखंड, चंबल एवं नीस जैसी नदियों द्वारा निक्षेपित पदार्थों से हुआ है।
  • यह मृदा मध्य प्रदेश के मुरैना, भिंड शिवपुरी एवं ग्वालियर जिलों में 30 लाख एकड़ क्षेत्रफल में फैली है।
  • इस मृदा में बालू की अधिकता पाई जाती है।
  • उर्वरता अधिक होने के कारण इस मृदा में गेहूं, कपास एवं गन्ना आदि फसलें उगाई जाती है।
  • जलोढ़ मृदा में नाइट्रोजन जैव तत्व तथा फास्फोरस की कमी होती है।

4. कछारी मृदा

  • यह मिट्टी गेहूं गन्ना तिलहन एवं कपास की फसल के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
  • इस मिट्टी का निर्माण नदियों द्वारा बाढ़ के समय निक्षेपित पदार्थ से होता है।
  • कछारी मृदा प्रदेश के मुरैना, भिंड एवं ग्वालियर जिलों में है।

5. मिश्रित मृदा 

  • यह मिट्टी मध्यप्रदेश के टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा आदि जिलों में पाई जाती है।
  • मिश्रित मृदा में फास्फोरस, नाइट्रोजन एवं कार्बनिक पदार्थों की कमी पाई जाती है।
  • ज्वार बाजरा जैसे मोटे अनाज की कृषि के लिए यह मिट्टी उपयुक्त होती है।

मध्य प्रदेश की मिट्टी से संबंधित प्रश्न उत्तर- (Soil of Madhya Pradesh)

प्रश्न- रेगुर किस मृदा को कहा जाता है?

उत्तर- काली मृदा

प्रश्न- मध्यप्रदेश में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर कौन सी मृदा पाई जाती है?

उत्तर- काली मृदा

प्रश्न- प्रदेश का कौन सा जिला मृदा अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित है?

उत्तर- मुरैना

प्रश्न- किस मृदा बालू की अधिकता होती है?

उत्तर- जलोढ़ मृदा

प्रश्न- कछारी मिट्टी का विस्तार कहां पाया जाता है?

उत्तर- मुरैना भिंड ग्वालियर

प्रश्न- लाल पीली मृदा का लाल रंग किस कारण होता है?

उत्तर- लोहे के ऑक्सीकरण के कारण

प्रश्न- बेसाल्ट चट्टान से कौन सी मृदा का निर्माण होता है?

उत्तर – काली मृदा

प्रश्न- निक्षालन की प्रक्रिया से कौन सी मृदा प्रभावित होती है?

उत्तर- लाल पीली मृदा

प्रश्न- कपास की कृषि के लिए कौन सी मृदा उपयुक्त मानी जाती है?

उत्तर- काली मृदा

प्रश्न- किस मृदा की उर्वरा शक्ति अधिक होती है?

उत्तर- जलोढ़ मृदा

इस पोस्ट मे हमने मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टी (Soil of Madhya Pradesh) से संबन्धित जानकारी प्रस्तुत की है जो कि MPPSC, MPSI, एवं अन्य सभी peb परीक्षाओ की द्रष्टि से महत्वपूर्ण है।

आप अपनी प्रतिक्रिया एवं सुझाव हमे नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स मे दे सकते है।  

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