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EVS Pedagogy Notes – पर्यावरण अध्ययन में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन(C.C.E in Evs)

EVS Pedagogy Notes

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Evs Pedagogy (Paryavaran adhyayan Mein satat evam vyapak mulyankan)

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम पर्यावरण पेडगॉजी (EVS Pedagogy Notes) के पर्यावरण अध्ययन में अंतर्गत सतत एवं व्यापक मूल्यांकन  से संबंधित पोस्ट आप सभी के साथ शेयर कर रहे हैं।  इस पोस्ट में आप जानेंगे पर्यावरण अध्ययन में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन से संबंधित संपूर्ण जानकारी। जोकि पर्यावरण पेडगॉजी(EVS Pedagogy Notes) में एक महत्वपूर्ण टॉपिक है पर्यावरण पेडगॉजी के अंतर्गत यह हमारा दसवा टॉपिक है.इससे पहले के टॉपिक की लिंक नीचे दी गई है, यदि आप उन्हें पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। 

Environmental Study One-Liner Questions For CTET

Topic-10

EVS Pedagogy Notes- पर्यावरण अध्ययन में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन(C.C.E in Evs)

जब हम कभी कोई शिक्षण अधिगम क्रियाकलाप करते हैं, तो हमारे मन में उसे करने के कुछ उद्देश्य अवश्य होते हैं।  शिक्षण प्रक्रिया पूरा होने के बाद हम यह जानने का प्रयास करते हैं की प्रक्रिया से बच्चों ने सिखाया नहीं अर्थात शिक्षण प्रक्रिया का मूल्य निर्णय करते हैं।  दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि कार्यों का मूल्यांकन करते हैं।

मूल्यांकन की प्रक्रिया का महत्व

आकलन(Assignment) 

मूल्यांकन( evaluation)

सतत एवं व्यापक( समग्र) मूल्यांकन CCE

satat evam vyapak mulyankan

बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम(RTE अधिनियम 2009) अप्रैल 2010 से लागू किया जा चुका है।  अधिनियम के अनुसार CCE को प्रत्येक बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक लागू किया जाए।

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सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ

(1)  ज्ञान (2)  समझ\ व्यापकता

(3)  लागू करना

(4)  विश्लेषण करना

(5)  मूल्यांकन करना

(6)  सृजन करना

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन( रचनात्मक एवं योगात्मक आकलन)

निर्माणात्मक\ रचनात्मक मूल्यांकन( सीखने के लिए आकलन)(Formative Evaluation)

निर्माणात्मक मूल्यांकन के उद्देश्य(Objectives\Aims)

निर्माणात्मक मूल्यांकन को “सीखने के लिए आकलन”(Assessment for Learning) भी कहा जाता है।  यह छात्रों को वह रचनात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, जो उन्हें बेहतर सीखने और प्रभावी प्रगति करने में उनकी मदद करेगी।  यह अनौपचारिक होते हैं। यह कक्षा के संदर्भ में संपन्न होते हैं। यह पाठ के बीच बीच में किया जाता है। उदाहरण-  मौखिक प्रश्न उत्तर, कक्षा में वाद विवाद, अवलोकन डायरी

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EVS Pedagogy Notes (*Topic Wise*) Notes

Topic-1 – पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा एवं क्षेत्र (Concept and scopes of Evs): click here

Topic-2 –  पर्यावरण अध्ययन का महत्व एवं एकीकृत पर्यावरण अध्ययन(Significance of Evs, Integrated Evs):  click here

Topic- 3 –  पर्यावरण अध्ययन(Environmental studies),पर्यावरण शिक्षा: click here

Topic- 4 –  अधिगम के सिद्धांत (Learning principles): click here

Topic- 5 – अवधारणा प्रस्तुतीकरण के उपागम (Approaches of Presenting Concepts): click here

Topic- 6 – पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण अधिगम की विधियां(environment teaching method in Hindi) : Click here

Topic – 7 – EVS Pedagogy Activities (क्रियाकलाप) click here

Topic -8 & 9 – Practical Work And Steps In Discussion  Click here

योगात्मक\ संकलनात्मक मूल्यांकन (Summative Evaluation)

(सीखने का आकलन, Assessment of Learning)

(उद्देश्य\ विशेषताएं) योगात्मक मूल्यांकन 

योगात्मक मूल्यांकन को “सीखने का आकलन”(Assessment of Learning) भी कहा जाता है।  इससे हम किसी कार्य को खत्म करके यह जांच करते हैं कि हमने कितना सीखा। उदाहरण –  पोर्टफोलियो, अर्धवार्षिक परीक्षा, सेमेस्टर एग्जाम, वार्षिक परीक्षा

मूल्यांकन के प्रतिमान\ प्रक्रिया (Pattern of Evaluation)

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन/मूल्यांकन के चरण तथा उपकरण

मूल्यांकन के प्रमुख चरण

चरण1 –  जानकारी\ आंकड़े एकत्र करना

आप बच्चों को सीखने के बारे में जानकारी देने वाले एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं।आपकी अतिरिक्त कुछ और व्यक्ति\ स्त्रोत है।  जिनसे बच्चे के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

  चरण 2- सूचनाओं का अभिलेखन

रिकॉर्डिंग के संबंध में ध्यान रखने वाली बातें निम्न है।

चरण 3- प्रत्येक छात्र का प्रोफाइल तैयार करना।

छात्रों की किन्ही असामान्य घटनाओं, परिवर्तनो , कमियों, खूबियों, समस्याओं, विशेष अवलोकन को नोट करना।

चरण 4-  सुधार के लिए योजना बनाना

मूल्यांकन के उपकरण(Tools of evaluation)  

1. निष्पादन परीक्षण( performance test)                    

निष्पादन परीक्षण एक ऐसा मूल्यांकन होता है।  जिसमें परीक्षार्थी को वास्तविक क्रिया या कोई कार्य करके दिखाना होता है।  ग्रेड तथा उपयोगी टिप्पणियां भी दी जाती है। इसे एक व्यक्ति से या समूह में करवाया जा सकता है। उदाहरण –  उपकरण का उपयोग करवाना, चित्र बनाना। इसमें अध्यापक को बच्चे की अधिगम शैली तथा निष्पादन संबंधित व्यापक सूचनाएं मिलती है।  शिक्षक तथा बच्चों के बीच संप्रेषण को बढ़ावा मिलता है, तथा स्वयं मूल्य- निर्धारण करने के अवसर भी  बढ़ते हैं।

2. प्रेक्षण(observation) 

अवलोकन\ प्रेक्षण शब्द का अर्थ है।  चीजों को एक उद्देश्य के साथ देखना\ व्यवहार का अवलोकन पर्यावरण अध्ययन के मूल्यांकन में अति अनिवार्य है।  सूचना एवं ज्ञान के अलावा यह बच्चों की मनोवृत्ति यू एवं मूल्यों को समझने में सहायता करती है। इसके द्वारा बच्चों की समस्या सुलझा ने की योग्यताएं, कक्षा में विविधता के प्रति प्रतिक्रिया विचारों एवं समाज का विकास आदि का पता लगाया जा सकता है।

3.  रेटिंग स्केल(rating scale)

निर्धारण मापनी\ रेटिंग स्केल, किसी परिस्थिति क्रिया के प्रति विचार या निर्णय की अभिव्यक्ति करने के लिए प्रयोग किया जाता है।  यह निर्णय एक पैमाने या मापनी पर मात्रा या गुणवत्ता के रूप में किए जाते हैं। रेटिंग स्केल बनाने के लिए एक अध्यापक को घटकों को मापना होता है।  उनकी पहचान करनी होती है। स्केल पर इकाइयां तथा वर्ग रखने होते हैं, ताकि उस घटक में बदलते हुए दर्जी में अंतर देखा जा सके तथा इन इकाइयों को सुसंगत विधि से वर्णित करना पड़ता है। उदाहरण-  कूड़े के निपटारे तथा उससे जुड़े मूल्य एवं प्रभावों को समझने के लिए रेटिंग स्केल।

क्र. कथन पूरी तरह सहमत सहमत पता नहीं असहमत पूरी तरह असहमत
1. घर को साफ रखना केबल  मां की जिम्मेदारी है।  
2. कूड़े को घर के बाहर फेंकना चाहिए।
3. वनस्पति के व्यर्थ भाग से खाद बनाने चाहिए
4. रद्दी सामग्री को जला देना चाहिए।
4. साक्षात्कार(Interview)

साक्षात्कार की विधि में परीक्षण करता आदमी\ बच्चे से बातचीत करके सूचनाएं एकत्र करता है।

5. संचित अभिलेख पत्र( cumulative record)

छात्रों के व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों में आए परिवर्तनों एवं उपलब्धियों को एक प्रपत्र में लिखकर सुरक्षित रखा जाता है। उदाहरण-  बच्चों का मानसिक, शारीरिक, नैतिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक अभिलेख तैयार करना।

6. घटनावृत्त(Anecdatal Record)

स्कूल में घटित होने वाली दैनिक घटनाओं का विवरण भी बालकों के व्यवहार परिवर्तन का मूल्यांकन करने में सहायता करता है।  इसमें किसी घटना में बच्चे के व्यवहार के बारे में रिकॉर्ड रखा जाता है।

7.  पोर्टफोलियो (Portfolio) 

पोर्टफोलियो में बच्चे की केवल कार्यों के नमूने ही नहीं बल्कि सभी तरह के कार्यों के नमूने रखे जाते हैं, ताकि पूरे वर्ष  घर में बच्चे के विकास और प्रगति को देखा जा सके। पोर्टफोलियो शिक्षक और अभिभावकों दोनों को यह जानने में मदद करते हैं कि बच्चे ने  कितना सीखा और यह बच्चे द्वारा किए गए कार्यों का एक रिकॉर्ड है, नाकी केवल परीक्षा में प्राप्त अंकों का रिकॉर्ड इसमें बच्चे की रुचि क्षेत्र व्यक्तिगत विशेषताएं तथा सामाजिक गुण की जानकारी मिलती है।

इस पोस्ट में हमने जाना (पर्यावरण पेडगॉजी (EVS Pedagogy Notes))पर्यावरण अध्ययन में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन एवं रचनात्मक एवं योगात्मक  आकलन, मूल्यांकन के चरण एवं उपकरण पर्यावरण पेडगॉजी के अंतर्गत यह टॉपिक अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है आशा है।  यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी।   अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को भी लाइक कर सकते हैं। आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आप सभी को शुभकामनाएं!!!!!

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1. EVS Pedagogy Complete Notes Click Here
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