स्मृति और विस्मृति: Memory And Forgetting In Hindi For CTET, MPET

Memory And Forgetting In Hindi For CTET & All TET Exam

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके साथ शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेडागोजी के अंतर्गत  पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक स्मृति और विस्मृति से संबंधित महत्वपूर्ण नोट्स (Memory And Forgetting In Hindi For CTET & All TET Exams) साझा कर रहे है। साथ ही आप जानेंगे स्मृति एवं विस्मृति (Memory And Forgetting) से संबंधित प्रश्न उत्तर जो कि अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। 

स्मृति (Memory)

 स्मृति एक मानसिक क्रिया है। स्मृति का आधार अर्जित अनुभव है।  इसका पुनः उत्पादन परिस्थिति के अनुसार होता है। इसमें व्यक्ति धारण की गई विषय वस्तु का पुनः स्मरण करके चेतना में लाकर उसका प्रयोग करता है।   किसी विषय वस्तु के धारण के लिए सर्वप्रथम विषय वस्तु का सीखना आवश्यक है। अधिगम के बिना धारण संभव नहीं है।  धारण के बिना स्मरण संभव नहीं है। अधिगम के फल स्वरूप प्राणी में कुछ परिवर्तन होते हैं। जिन्हें स्मृति चिन्ह कहते हैं। यह स्मृति चिन्ह तब तक निष्क्रिय मस्तिष्क में पड़े रहते हैं।  जब तक कोई बाहरी उद्दीपक उन्हें जागृत नहीं करता है। 

 विभिन्न विद्वानों के अनुसार स्मृति की परिभाषाएं इस प्रकार है।

बुडबर्थ के अनुसार – ” पूर्व में पूछे गए ज्ञान का प्रत्यक्ष उपयोग ही स्मृति है।”

 स्टाउड – “स्मृति एक आदर्श पुनरावृति है।”

मैक्डूगल – “स्मृति से तात्पर्य अतीत की घटनाओं की कल्पना करना और इन तत्वों की पहचान लेना कि यह अतीत के तत्व है,स्मृति है।”

रायबर्न के शब्दों में स्मृति की परिभाषा- अपने अनुभवों को संचित रखने और उनको प्राप्त करने के कुछ समय बाद चेतना के क्षेत्र में लाने की जो शक्ति हमे होती है, उसी को स्मृति कहते हैं।

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स्मृति के प्रकार (Type of memory) 

1.  स्थाई स्मृति – सीखी गई बातों को लंबे समय उपरांत बताने की क्षमता स्थाई स्मृति है। 

2. अस्थाई स्मृति –  इसको लघु अवधि स्मृति भी कहते हैं।  इस प्रकार की स्मृति से तात्पर्य सीखने के थोड़े समय पश्चात विषय वस्तु को दोबारा दोहराने से है। 

3.  भाषायी स्मृति – यह स्मृति विचारों, सिद्धांतों, नियमों, तथ्यों की पुनः प्रस्तुति से संबंधित है। 

4. रटन्त स्मृति  – किसी विषय वस्तु को बिना अच्छी तरह से  समझे धारण कर लेना, आवश्यक पड़ने पर पुनः स्मरण कर लेना रटन्त स्मृति या यांत्रिकी स्मृति कहलाती है। 

5. तार्किक स्मृति –  किसी विषय वस्तु को अच्छी तरह से समझकर, सीखना, धारण करना, पुनः स्मरण करना तार्किक स्मृति कहलाता है। 

6.  निष्क्रिय स्मृति –  पूर्व अनुभवों के अत्यधिक प्रयास अथवा क्रिया के द्वारा पुनः स्मरण करना निष्क्रिय स्मृति कहलाती है।  

7. सक्रिय स्मृति –  पूर्व अनुभवों को बिना किसी प्रयास के पुनः स्मरण करना ही सक्रिय स्मृति है। 

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 स्मृति के अंग (Parts of memory)

1  सीखना (Learning) –  यह स्मृति का पहला अंग है।  हम किस बात को याद रखना चाहते हैं, उसको हमें सबसे पहले सीखना पड़ेगा। 

 गिलफोर्ड के अनुसार – ” किसी बात को भलीभांति याद रखने के लिए अच्छी तरह से,सीख लेना आधे से ज्यादा लड़ाई जीत लेना है।”

2  धारण (Retention) –  स्मृति का यह दूसरा अंग होता है।  इसका अर्थ है – सीखी हुई बात को मस्तिष्क में संचित रखना।  जब हम किसी बात को सीखते हैं, तो कुछ समय पश्चात वह हमारे अचेतन मन में चली जाती है।  इस दशा में वह कितने समय तक संचित रह सकती है, यह व्यक्ति की धारणा शक्ति पर निर्भर करता है। 

3  पुनः स्मरण (Recaal) –  स्मृति का यह तीसरा अंग है।  इसका अर्थ है – सीखी हुई बात को चेतन मन में लाना। 

4  पहचान (Recoginition) –  स्मृति का चौथा अंग है। इसका अर्थ है कि याद आने वाली किसी बात में गलती ना करना। 

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अच्छी स्मृति के लक्षण

  •  शीघ्र अधिगम
  •  उत्तम धारण शक्ति
  •  शीघ्र पुनः स्मरण
  •  शीघ्र पहचान ना
  •  अनावश्यक बातों की विस्मृति
  •  उपयोगिता 

स्मरण करने की विधियां

1.   पूर्ण विधि –  इसमें याद किए जाने वाले पाठ को आरंभ से अंत तक पढ़ा जाता है।  यह विधि केवल छोटे व सरल पाठों या कविताओं के लिए ही उपयुक्त है। 

2.  खंड विधि –  इस विधि में याद किए गए पाठों को कई खंडों या भागों में विभाजित कर दिया जाता है।  यह विधि छोटे व सामान्य बच्चों के लिए लाभदायक है। 

3.  मिश्रित विधि –  इसमें पूर्ण व खंड विधि का साथ साथ प्रयोग किया जाता है। इसमें पहले पूरे पाठ को पढ़ाया जाता है।  फिर पाठक को खंडों में विभाजित करके पढ़ाया जाता है। 

4.  प्रगतिशील विधि –  इसमें पाठ को कई खंडों में विभाजित कर लिया जाता है। सर्वप्रथम पहले खंड को पढ़ाया जाता है, फिर पहले के साथ दूसरे को छोड़ दिया जाता है। फिर दूसरे के साथ तीसरे को जोड़ा जाता है। 

5.  अंतयुक्त विधि – इसमें पाठक को थोड़े थोड़े अंतर या समय के बाद याद किया जाता है।  यह अंतर 1 मिनट का भी हो सकता है। तथा 24 घंटे का भी। यह विधि स्थाई स्मृति के लिए सबसे उत्तम विधि मानी जाती है। 

6.  सक्रिय विधि –   इस विधि में पाठ को बोल बोल कर याद कराया जाता है। 

7. निष्क्रिय विधि –   इस विधि में पाठ को अपने मन के अंदर याद करना होता है। 

8.  अन्तर्हीन विधि – पाठ को याद करने के लिए समय का अंतर नहीं दिया जाता है। 

9.  स्वर विधि –  पाठ को सुर,लय  एवं ताल से पढ़ना होता है। 

10. रटन्त विधि-  इस विधि में पाठ को पूर्ण रूप से याद कर लिया जाता है। 

11.  क्रिया विधि –  इसमें स्मरण की जाने वाली क्रिया को साथ-साथ किया भी जाता है। 

विस्मृति (Forgetting)

forgetting in psychology

 स्मृति की भांति विस्मृति भी एक मानसिक क्रिया है। अंतर केवल इतना है कि स्मृति एक सक्रिय क्रिया तथा विस्मृति एक निष्क्रिय किया है।  स्मृति के साथ साथ, विस्मृति का भी अध्ययन आवश्यक है। यदि विस्मृति अधिक होने लगती है तो व्यक्ति असामान्य व्यवहार करने लगता है। 

 विभिन्न विद्वानों के अनुसार विस्मृति की परिभाषाएं इस प्रकार है। 

 मन के अनुसार – ” सीखी हुई बात को स्मरण रखने या पुनः स्मरण करने की असफलता को भी स्मृति कहते हैं।”

फ्राइड के अनुसार – ” विस्मरण वह प्रगति है, जिसके द्वारा दुखद अनुभव को स्मृति से अलग कर दिया जाता है।”

विस्मृति के प्रकार (Types of forgetting psychology)

1  सक्रिय विस्मृति –  इसका कारण व्यक्ति है।  वह स्वयं किसी बात को भूलने का प्रयत्न करके उसे भुला देता है। 

2  निष्क्रिय विस्मृति –  इसका कारण व्यक्ति  नहीं है। वह प्रयास ना करने पर भी स्वयं किसी चीज को भूल जाता है। 
कारण 

  •  बाधा का सिद्धांत –  जब किसी बाधा के कारण पढ़े गए पाठ को दोहराया ना जा सके। 
  •  अभ्यास का सिद्धांत –  अभ्यास का अभाव
  •  रुचि, ध्यान तथा शिक्षा का अभाव
  •  विषय का स्वरूप –  कठिन अथवा सरल 
  • विषय की मात्रा 
  •   सीखने की कमी
  •  सीखने में दोषपूर्ण विधि
  •  मानसिक आधार
  •   संवेगात्मक असंतुलन

 विस्मृति का शिक्षा में महत्व

1.  क्षणिक महत्व की बातों को भुलाना

2. समान रूप से अनुपयोगी बातों को भुलाना

3.  दुखद अनुभव को भुलाना

4.  पुरानी बातों को भूल कर नई बातों को सीखना

5.  अस्त व्यस्तता से बचाव

♦ स्मृति और विस्मृति से संबंधित प्रश्न उत्तर ♦

 प्रश्न1 ” पूर्व समय में सीखी हुई बातों को याद रखना ही स्मृति है।” यह कथन किसके द्वारा कहा गया है?

 उत्तर-  वुडबर्थ

 प्रश्न2  यह कथन किसने दिया है कि ” स्मृति से तात्पर्य अतीत की घटनाओं की कल्पना करना और इस तथ्य को पहचान लेना भी यह अतीत के अनुभव है।”

 उत्तर-  मैकडूगल  

प्रश्न3  विस्मृति को कम करने का उपाय है?

 उत्तर- पाठ की पुनरावृति

 प्रश्न4  स्मृति पर सर्वप्रथम प्रयोग किसके द्वारा किया गया?

 उत्तर-  एबिंगहास 

प्रश्न5  संवेदी स्मृति (Sensary Memory) कितने सेकेंड की होती है?

उत्तर-  4 सेकंड

 प्रश्न6  अल्पकालीन स्मृति (Short term memory) कितनी अवधि की होती है?

उत्तर-  20 सेकंड 

प्रश्न7  अच्छी स्मृति की विशेषताएं  होती हैं?

 उत्तर- शीघ्र पुनः स्मरण, अच्छी धारणा, शीघ्र पहचान

प्रश्न8 “स्मृति सीखी हुई वस्तु का सीधा उपयोग है।”  उपरोक्त कथन किसके द्वारा कहा गया है?

 उत्तर- वुडबर्थ

प्रश्न9  संघनन सिद्धांत किससे संबंधित है?

 उत्तर-  स्मृति से

 प्रश्न10 ” स्मृति एक आदर्श पुनरावृति है।” यह कथन किसने दिया है?

 उत्तर- स्टाउड

प्रश्न11 ” सीखी हुई बात को स्मरण रखने व पुनःस्मरण करने की असफलता को विस्मृति कहते हैं।” यह परिभाषा किसके द्वारा दी गई है?

 उत्तर- मन के द्वारा

 प्रश्न12 ‘व्यक्ति जब दुखद और अपमानजनक घटनाओं को याद नहीं रखना चाहते हैं।’ तो विस्मृति का कौन सा सिद्धांत लागू होगा?

 उत्तर-  दमन का सिद्धांत

 प्रश्न13  अभ्यास की कमी किस को जन्म देती है?

 उत्तर-  विस्मृति को

 प्रश्न14 ‘ यदि हम एक पाठ को याद करने के बाद दूसरा पाठ याद करने लगते हैं, तो हमारे मस्तिष्क में पहले पाठ की स्मृति चिन्हों में बाधा पड़ती है।  फल स्वरुप में निर्बल होते चले जाते हैं, और हम पहले पाठ को भूल जाते हैं।’ विस्मृति का कारण कौन सा सिद्धांत है। 

 उत्तर – बाधा का सिद्धांत

प्रश्न15 अच्छी स्मृति की प्रथम प्रमुख विशेषता है? 

उत्तर- शीघ्र याद करना 

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