Lakes of Rajasthan ( राजस्थान की झीलें)
इस पोस्ट में आज हम आपके साथ राजस्थान की प्रमुख झीलें (Lakes of Rajasthan (Complete List) ) शेयर कर रहे हैं। राजस्थान में दो प्रकार की झीले पाई जाती हैं। खारे पानी की झीलें एवं मीठे पानी की झीलें जोकि प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जैसा की आप सभी को पता होगा कि राजस्थान सामान्य ज्ञान(Rajasthan GK) के अंतर्गत प्रश्न उत्तर राजस्थान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। आशा है यह आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
राजस्थान की प्रमुख झीलें
राजस्थान में दो प्रकार की झीलें पाई जाती हैं खारे पानी की झीलें एवं मीठे पानी की झीलें जिनका वर्णन नीचे विस्तार से दिया गया है।
1. खारे पानी की झीले (Lakes of Rajasthan)
खारे पानी की सर्वाधिक जिले राजस्थान के नागौर जिले में है। खारे पानी की झीले टेथिस सागर का अवशेष है।
खारे पानी की झील | स्थान |
सांभर | जयपुर |
पचपदरा | बाड़मेर |
डीडवाना | नागौर |
नावा | नागौर |
डेगाना | नागौर |
कुचामन | नागौर |
लूणकरणसर | बीकानेर |
कावोद | जैसलमेर |
फलौदी | जोधपुर |
रेवासा | सीकर |
काछोरा | सीकर |
तालछापर | चुरु |
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खारे पानी की प्रमुख झीलों (Lakes of Rajasthan) का वर्णन विस्तार से इस प्रकार है ।
1 सांभर झील( जयपुर)
- निर्माता- वासुदेव चौहान
- सांभर झील से प्राप्त नमक को क्यार कहा जाता है।
- सांभर से नमक प्राप्त करने वाली कंपनी सांभर साल्ट लिमिटेड( 1964) जो हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधीन है।
- भारत का कुल 8% नमक सामाजिक से प्राप्त होता है।
- सांभर झील देश की तीसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जबकि नमक प्राप्त करने में देश का प्रथम स्थान है।
- सन 1990 में सांभर झील को रामसर साइट घोषित किया गया।
- रामसर साईट- वेटलैंड\ आर्द्रभूमि\ नम भूमि जहां पक्षियों एवं जीवो को संरक्षण\ शरण मिलती है।
- राजस्थान राज्य में दो रामसर साइड हैं।
(1) घना पक्षी विहार( भरतपुर) प्रसिद्ध – साइबेरियन सारस\ क्रेन
(2) सांभर( जयपुर) प्रसिद्ध- पक्षी राजहंस ( गुजरात) एवं कुरजा पक्षी जोधपुर से आते हैं।
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2 पचपदरा झील (बाड़मेर)
- इस झील का नमक सर्वाधिक खारा है, क्योंकि इसमें सोडियम क्लोराइड की मात्रा 98 प्रतिशत है।
- इस कारण इस झील से प्राप्त नमक को सर्वश्रेष्ठ नमक कहा जाता है।
- खारवाल – नमक प्राप्त करने वाली जाति
- मोरली झाड़ी की टहनियों का उपयोग करके नमक के स्फटिक बनाने का कार्य किया जाता है।
- कोसिया – पंचपदरा में नमक बनाने वाले कुए है।
3 डीडवाना( नागौर)
- इस झील का नमक सबसे घटिया किस्म का है क्योंकि इसमें सोडियम क्लोराइड के स्थान पर सोडियम सल्फेट पाया जाता है
- इस झील के नमक का उपयोग कांच उद्योग व पेपर उद्योग में किया जाता है।
- यहां ” राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स” रासायनिक कारखाना स्थित है।
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2 मीठे पानी की झीले (Lakes of Rajasthan)
इन्हें ताजे पानी की झीले भी कहा जाता है, यह वर्षा जल द्वारा निर्मित होती हैं। राजस्थान में मीठे पानी की सर्वाधिक झीलें (Lakes of Rajasthan) उदयपुर में स्थित है।
मीठे पानी की झील | स्थान |
जयसगंद झील | उदयपुर |
नक्की झील | माउंट आबू |
राजसमंद झील | राजसमंद |
पिछोला झील | उदयपुर |
फतेह सागर | उदयपुर |
उदय सागर | उदयपुर |
आना सागर झील | अजमेर |
पुष्कर झील | अजमेर |
फॉय सागर | अजमेर |
कोलायत झील | बीकानेर |
गजनेर | बीकानेर |
कायलाना झील\ सर प्रताप झील | जोधपुर |
सिलीसेढ़ झील | अलवर |
तालाब शाही झील | धौलपुर |
कनक सागर | बूंदी |
एडवर्ड सागर झील | डूंगरपुर |
अमर सागर | जैसलमेर |
मानसरोवर झील | सवाई माधोपुर |
मानसरोवर झील\ काडला झील | झालावाड |
गढ़सीसागर झील | जैसलमेर |
पन्नाशाह तालाब | झुंझुनू( खेतड़ी) |
नंदसमंद | राजसमंद |
बालसमंद | जोधपुर |
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मीठे पानी की प्रमुख झीलों का वर्णन से इस प्रकार है।
1 जयसमगंद झील ( उदयपुर)
- निर्माता- महाराज जयसिंह
- निर्माण काल- 1685- 1691
- नदी- गोमती
- जयसमंद झील पर “7 टापू” स्थित है।
- इस झील पर स्थित सबसे बड़े टापू का नाम “बाबा का भाखड़ा” है। एवं सबसे छोटे टापू को “प्यारी” के नाम से जाना जाता है ।
- इन टापू पर रहने वाली जनजाति भील मीणा जनजाति है।
- जयसमंद झील राजस्थान की मानव निर्मित सबसे बड़ी झील है।
- ताजमहल पर रूठी रानी का महल इस झील के किनारे चित्रित है।
- इसे “जलचर ओं की बस्ती” कहा जाता है। यहां पर सर्वाधिक जलीय जीव पाए जाते हैं।
- श्यामपुर – भाट नेहरे:- सिंचाई के लिए जयसमंद झील से निकली गई है।
2 नक्की झील ( माउंट आबू)
- निर्माण- लोक कहावतों के अनुसार देवताओं के नाखूनों द्वारा हुआ है।
- यह एक क्रेटर झील है अर्थात ज्वालामुखी झील।
- राजस्थान की सबसे ऊंची झील नक्की झील मानी जाती है इसकी ऊंचाई 1200 मीटर है।
- यह झील राजस्थान में जमने वाली एकमात्र झील है।
- इसे राजस्थान की सबसे गहरी झील(35 मी) कहते हैं।
- इसके पास पाई जाने वाली चट्टाने निम्न है।
- टॉड रॉक – मेंढक जैसी चट्टान।
- नंदी रॉक – शिव के बैल जैसी चट्टान।
- नन रॉक – घुंघट कूड़े दुल्हन जैसी चट्टान।
- हिल स्टेशन वाली झील कही जाती है यहां का सनसेट पॉइंट( सूर्यास्त) बहुत प्रसिद्ध है।
- गरासिया जनजाति अस्थियों का विसर्जन इसी झील में करती है।
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3 राजसमंद झील (राजसमंद)
- निर्माता- राजसिंह
- निर्माण कार्य- 1662 ई
- नदी- गोमती
- इस झील के निर्माण में सर्वाधिक लोगों का(60,000) योगदान है।
- इस दिल के किनारे 25 काले रंग के संगमरमर के शिलालेख स्थित है।
- ” नौ चौकी पाल” ( सीढ़ियां) राजसमंद झील में है।
- इन पर मेवाड़ का इतिहास रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया है। जिसमें मेवाड़ के बप्पा रावल से राजसिंह तक का इतिहास है।
- द्वारकाधीश मंदिर और घेवर माता की छतरी इसी जिले के किनारे निर्मित है।
- हाल ही में इस झील के किनारे सूर्य घड़ी के अवशेष मिले हैं।
4 पिछोंला झील (उदयपुर)
- निर्माण- 1388 ई
- निर्माता- बंजारा( राणा लाखा के समय)
- नदी- सिसारमा, बुझड़ा।
- शाहजहां ने अपने विद्रोह काल में इसी झील पर शरण ली थी।
- जगमंदिर से प्रेरित होकर शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण कराया था।
- स्वरूप सागर नहर पिछोला और फतहपुर को जोड़ती है।
- पिछोला का अतिरिक्त पानी फतहनगर में जाता है।
- सौर ऊर्जा द्वारा संचालित प्रथम नाव इसी झील में चलाई गई थी।
- पिछोला में प्रसिद्ध निर्माण:–
- जगमंदिर – जगत सिंह प्रथम
- जग निवास – जगत सिंह द्वितीय
- नटनी का चबूतरा (राणा लाखा)
5 फतेह सागर ( उदयपुर)
- निर्माण- महाराजा जयसिंह (1688)
- पुनः निर्माण – फतेह सिंह ( 1888)
- नदी – सिसीरमा,बुझड़ा
- उपनाम- ड्यूक ऑफ कनॉट, देवाली तालाब, कनॉट बांध
- फतेह सागर में प्रसिद्ध :-
- नेहरू उद्यान
- सौर ऊर्जा वेधशाला- इस झील के पास गुजरात के सहयोग से बनाई गई है।
- टेलीस्कोप- इस झील के पास बेल्जियम के सहयोग से बनाया गया है।
6 उदय सागर( उदयपुर)
- निर्माता- उदय सिंह
- निर्माण काल- 1559
- नदी – आयड नदी
- आयड नदी उदय सागर में गिरने के बाद बेडच कहलाती है।
7 आना सागर झील( अजमेर)
- निर्माण- 1136-37 ई
- निर्माता – अर्णोराज
- नदी – बांडी
- प्रसिद्ध – दौलत बाग या सुभाष उद्यान जोकि जहांगीर द्वारा निर्मित करवाया गया था।
- बारहदरी शाहजहां द्वारा निर्मित कराया गया।
8 पुष्कर झील ( अजमेर)
- उपनाम – क्रेटर झील, ज्वालामुखी झील, पांचवा तीर्थ, कोंकण तीर्थ, तीर्थों का तीर्थ, तीर्थराज, अर्धचंद्राकार झील, 52 घंटा झील, तीर्थो का मामा
- पुष्कर झील राजस्थान की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।
- राजस्थान की सबसे प्रसिद्ध एवं धार्मिक झील मानी जाती है
- पुष्कर झील राजस्थान की सबसे प्रदूषित झील है।
- राजस्थान की पुष्कर झील में सफाई कार्य कनाडा के सहयोग से चलाया जा रहा है।
- गांधीजी तथा बाल ठाकरे की अस्थियों का विसर्जन इसी झील में किया गया है।
- कार्तिक पूर्णिमा को पुष्कर झील के किनारे मेले का आयोजन किया जाता है। इसे “राजस्थान का रंगीला मेला” कहा जाता है।
9 फॉय सागर (अजमेर)
- निर्माण काल – 1891-92
- अकाल राहत के लिए बनाई गई राजस्थान की दूसरी झील है ।
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10 कोलायत झील ( बीकानेर)
- इस झील के किनारे स्थित कपिल मुनि का आश्रम बहुत प्रसिद्ध है।
- कार्तिक मास को पुष्कर( अजमेर) और कोलायत( बीकानेर) में दीप दान की परंपरा है।
- चारण जाति इस झील के दर्शन करने नहीं जाती।
11 गजनेर( बीकानेर)
- गजनेर झील को ” पानी का शुद्ध दर्पण” कहा जाता है। क्योंकि इस झील का पानी सबसे स्वच्छता होता है।
12 कायलाना झील( जोधपुर)\ सरप्रपात झील
- राजस्थान की एकमात्र झील जिसमे इंदिरा गांधी नहर से पानी डाला जाता है। राजीव गांधी लिफ्ट नहर के माध्यम से।
13 सिलीसेढ़ झील( अलवर)
- इस झील के बीच विनय विलास महल बना हुआ है। जो वर्तमान में RTDC होटल के नाम से संचालित है।
14 तालाब शाही झील ( धौलपुर)
- जहांगीर के काल में इस झील का निर्माण कराया गया था।
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